Padartha Vigyan
Tripathi,Ravidutta
Padartha Vigyan - Delhi Chaukhamba Sanskrit Pratishthan 2017 - 291p.
विषयानुक्रमणिका
प्रथम अध्याय
आयुर्वेद-निरूपण
आयुर्वेद के पर्यायवाचक शब्द
आयुर्वेद शब्द की निरुक्ति
आयुर्वेद-लक्षण
आयु की परिभाषा एवं लक्षण
आयु का घटक तत्त्व
सिद्धान्त
आयुर्वेद के मौलिक सिद्धान्त चरकोक्त सप्त त्रिक
द्वितीय अध्याय आयुर्वेद-दर्शन-निरूपण
आयुर्वेद के मौलिक सिद्धान्तों की दार्शनिक पृष्ठभूमि दर्शन शब्द का अर्थ एवं उसकी व्यापकता
दर्शन का उद्भव
दर्शन की संख्या एवं श्रेणी विभाजन
आस्तिक दर्शन
नास्तिक दर्शन
अन्य भारतीय दर्शन
स्वतन्त्र आयुर्वेदीय मौलिक दर्शन
तृतीय अध्याय पदार्थ-निरूपण
पदार्थ
पदार्थ शब्द की निरुक्ति
पद का लक्षण
पद के भेद
अर्थार्थ
पदार्थ-लक्षण
पदार्थ के भेद एवं उनकी संख्या के सम्बन्ध में मत-मतान्तर
अभाव
आयुर्वेद चिकित्सा की दृष्टि से अभाव
पदार्थों के साधर्म्य-वैधर्म्य पदार्थविज्ञान की आयुर्वेद में उपयोगिता चरकोक्त कारण पदार्थ
चतुर्थ अध्याय द्रव्य-निरूपण
द्रव्य-निरुक्ति
दव्य-लक्षण
द्रव्य-संख्या चेतन-अचेतन द्रव्य एवं भेद द्रव्य के अन्य भेद एवं आयुर्वेद की दृष्टि से उनका व्यावहारिक अध्ययन तम (अन्धकार) का दशम द्रव्यत्व रूप में खण्डन तम (अन्धकार) का गुण
भूत का लक्षण
पञ्चम अध्याय पञ्चमहाभूत-विज्ञान
पञ्चमहाभूतों के सत्त्वादि गुण पार्थिवादि द्रव्यों के गुण एवं कर्म
महाभूत के गुण
महाभूतों की उत्पत्ति
महाभूतों के असाधारण लक्षण
महाभूतों का परस्परानुप्रवेश (उत्तरोत्तरानुप्रवेश)
महाभूतों का अन्योन्यानुप्रवेश (पंचीकरण)
आयुर्वेद में पञ्चमहाभूतों का महत्त्व देह प्रकृति के निर्माण में महाभूतों का योगदान
मानस प्रकृति निर्माण में त्रिगुण का योगदान
आकाश-निरूपण
वायु-निरूपण
तेजो-निरूपण
जल-निरूपण
पृथिवी-निरूपण
आत्मा का लक्षण तथा प्रकार
षष्ठ अध्याय
आत्मा का निरूपण
आयुर्वेद-सम्मत आत्मा के भेद
परम आत्मा
अतिवाहिक शरीर (सूक्ष्म-शरीर) या लिङ्ग-शरीर
चिकित्स्य पुरुष, कर्मपुरुष, संयोगपुरुष, षड्द्धातुपुरुष, चतुर्विशति तत्त्वात्मक पुरुष (राशिपुरुष) एवं सगुण आत्मा
चिकित्स्य पुरुष
धातु-भेद से पुरुष का संगठन
षड्द्धातुज पुरुष (कर्मपुरुष)
एकधातु (चेतना धातु) पुरुष
चतुर्विशतित्तत्त्वात्मक पुरुष (राशिपुरुष)
संयोग-पुरुष
आत्मा के ज्ञान की प्रवृत्ति
आत्मा की उत्पत्ति
शरीर से अतिरिक्त आत्मा का अस्तित्व सगुण पुरुष-निरूपण आत्मा के लक्षण और उसके गुण जीवात्मा और परमात्मा भेद से पुरुषपञ्चक
ब्रह्म, परब्रह्म, ईश्वर, परमेश्वर, आत्मा, परमात्मा तथा जीवात्मा का गीता एवं उपनिषद् के अनुसार निरूपण
ईश्वर की शरीर में स्थिति
पब्रह्म परमात्मा का स्वरूप
सप्तम अध्याय मनोनिरूपण
मन की व्युत्पत्ति/निरुक्ति
मन के पर्यायवाचक शब्द
उपाधि भेद से मन का अनेकत्व
मन का लक्षण
उभयात्मक इन्द्रिय
मन के गुण
मन का विषय
मन के कर्म
मन द्वारा ज्ञानोत्पत्ति क्रम
शरीर में मन का अधिष्ठान
व्याधि-अधिष्ठान एवं मन
मन का परीक्षण
मनोविकृति की परीक्षा (पहचान)
काल शब्द की निष्पत्ति
अष्टम अध्याय
काल एवं दिक्-निरूपण
काल शब्द का लक्षण
काल के भेद
काल का संवत्सरात्मक प्रभेद
आयुर्वेद में काल का महत्त्व
दिग्-निरूपण
दिशा के पर्यायवाचक
दिम्-लक्षण
दिग् ज्ञान का महत्व
दिक् एवं काल में अन्तर
नवम अध्याय
गुण-निरूपण
गुण-लक्षण
द्रव्य एवं गुण-साधर्म्य
गुण-ज्ञान के प्रकार
गुणों का वर्गीकरण एवं संख्या
वैशेषिकदर्शन में गुण
न्यायदर्शन में गुण
चरकोक्त इकतालिस एवं न्यायशास्त्रोक्त
चौबीस गुणों का समन्वय
शब्दादि गुणों का साधर्म्य एवं वैधर्म्य
द्रव्यानुसार वाय्वादि द्रव्यों के गुणों का परिगणन
शब्दादि गुणों का यथाक्रम विवेचन
शब्दादि गुणों की चिकित्सा में उपादेयता
गुर्वादि बीस गुण
गुरु आदि शारीर गुणों की चिकित्सा में उपयोगिता
बुद्धि-विवेचन
इच्छा, द्वेष, सुख, दुःख एवं प्रयत्न
बुद्धि आदि गुणों का चिकित्सा में उपयोग
परत्वादि दश गुणों का विवेचन
आयुर्वेद चिकित्सा में परादि गुणों की उपयोगिता
गुरुत्व, द्रवत्व, स्नेह, अदृष्ट (धर्माधर्म), व्यवायी एवं विकासी विवेचन
द्वन्द्व-गुण
कर्म-निरूपण
आयुर्वेद में कर्म
सामान्य-निरूपण
विशेष-निरूपण
दशम अध्याय
कर्म-सामान्य-विशेष एवं समवाय निरूपण
'प्रवृत्तिरुभयस्य तु' का विशद विवेचन आयुर्वेद में सामान्य एवं विशेष की उपयोगिता
समवाय-निरूपण आयुर्वेद में समवाय की उपयोगिता
एकादश अध्याय
प्रमाण-परीक्षा-निरूपण
परीक्षा के लक्षण
परीक्षा के प्रयोजन
बुद्धि-परीक्षा
अनुभव के लक्षण तथा भेद
स्मृति का स्वरूप
स्मृति के प्रकार
स्मृति के कारण
भ्रान्ति
प्रमेय, प्रमाता एवं प्रमाण लक्षण
प्रमेय
प्रमाता
प्रमाण
प्रमाण-निरुक्ति
प्रमाण-लक्षण
प्रमाण के पर्याय
प्रमाण के प्रकार
त्रिविध प्रमाणों में अष्टविध प्रमाणों का समावेश
प्रमाण ज्ञान का महत्त्व
द्वादश अध्याय
आप्तोपदेश परीक्षा (प्रमाण) निरूपण
आप्तस्वरूप तथा आप्तोदेश लक्षण
दृष्टादृष्ट एवं लौकिक अलौकिक भेद
ऐतिह्य (इतिहास) प्रमाण
शब्द-विवेचन एवं शब्द-प्रकार चरकोक्त शब्द, लक्षण एवं प्रकार वाक्यार्थबोधक वृत्तियाँ वाक्य-स्वरूप वाक्यार्थ ज्ञान हेतु शक्तिग्रह तर्कसंग्रह के अनुसार शाब्दज्ञान आप्तोपदेश परीक्षा (प्रमाण) के सम्बन्ध में विपक्ष मतावलम्बियों के मत आयुर्वेद में आप्तोपदेश परीक्षा (प्रमाण) की व्यावहारिक उपयोगिता
त्रयोदश अध्याय
प्रत्यक्ष परीक्षा (प्रमाण) निरूपण
प्रत्यक्ष का अर्थ एवं ज्ञानोत्पत्ति
प्रत्यक्ष परीक्षा (प्रमाण) का लक्षण
प्रत्यक्ष परीक्षा (प्रमाण) के भेद
निर्विकल्पक प्रत्यक्ष
सविकल्पक प्रत्यक्ष एवं उसके भेद
इन्द्रियार्थ-सन्निकर्ष का स्वरूप
इन्द्रियार्थ-सन्निकर्ष के प्रकार
अलौकिक प्रत्यक्ष के भेद
चाक्षुष प्रत्यक्षोत्पत्ति प्रकार
इन्द्रिय-लक्षण एवं इन्द्रिय शब्द की व्युत्पत्ति
बुद्धीन्द्रिय (ज्ञानेन्द्रिय) विवेचन
इन्द्रिय पञ्चपञ्चक
पञ्चकर्मेन्द्रिय-विवेचन
इन्द्रियों की वृत्तियाँ
इन्द्रियों का विषय
इन्द्रियों का भौतिकत्व
त्रयोदश करण
अन्तःकरणचतुष्टय
अन्तःकरणों की वृत्तियाँ
करणों में अन्तःकरण की प्रधानता
विविध यन्त्रादि द्वारा प्रत्यक्ष परीक्षा (प्रमाण) विस्तार
प्रत्यक्ष परीक्षा के बाधक भाव
प्रत्यक्ष होते हुए अन्य प्रमाणों की आवश्यकता
प्रमाण के सहायक प्रमाण अथवा उसके
प्रत्यक्ष प्रमाण का आयुर्वेद में उपयोग
प्रत्यक्ष प्रमाण का शारीरिक-नैदानिक एवं चिकित्सा अनुसन्धान की दृष्टि से प्रयोगिक अध्ययन
चतुर्दश अध्याय
अनुमान परीक्षा (प्रमाण) निरूपण
अनुमान प्रमाण का लक्षण
अनुमिति
परामर्श
पक्ष-सपक्ष-विपक्ष
ज्ञातव्य पारिभाषिक शब्द
अनुमान प्रकार
पञ्चावयव-निरूपण
लिङ्गपरामर्श-विवेचन तथा प्रकार
तर्क-विवेचन
सद्हेतु-विवेचन
हेत्वाभास
अनुमान प्रमाण का शारीरिक-नैदानिक चिकित्सानुसन्धान दृष्ट्या प्रयोगिक अध्ययन
पञ्चदश अध्याय युक्ति परीक्षा (प्रमाण) निरूपण
युक्ति-लक्षण
युक्ति प्रमाण का वैशिष्ट्य
युक्ति प्रमाण का उदाहरण,
युक्ति परीक्षा की चिकित्सा एवं भेषज अनुसन्धान की दृष्टि से उपयोगिता
षोडश अध्याय
उपमान तथा अन्य प्रमाण
उपमान प्रमाण-लक्षण
उपमान को स्वतन्त्र प्रमाण न मानने वाले दर्शन
उपमान प्रमाण की आयुर्वेद में उपयोगिता
अर्थप्राप्ति या अर्थापत्ति
अनुपलब्धि या अभाव
सम्भव प्रमाण
चेष्टा प्रमाण
परिशेष प्रमाण
इतिहास प्रमाण
स्वतः प्रामाण्य, परतः प्रामाण्य
213
213
213
21
21
सप्तदश अध्याय
कार्य-कारण सिद्धान्त निरूपण
करण-लक्षण
करण-भेद
कारण-निरूपण
कारण के प्रकार तथा उसके लक्षण
कार्य-लक्षण
2
2
2
2
2
2
सत्कार्यवाद
आयुर्वेद में सत्कार्यवाद (कार्य-कारण) का महत्त्व
परिणामवाद
विवर्तवाद
असत्कार्यवाद
क्षणभंगुरवाद
अद्वैतवाद
आयुर्वेद में अनेकान्तवाद
साम्य-वैषम्य सिद्धान्त
स्वभावोपरमवाद
पीलुपाक तथा पिठरपाक
परमाणु लक्षण
भागवतीय परमाणु लक्षण एवं नित्यता विचार
अवयव तथा अवयवी
आयुर्वेद में कारणान्तर सुश्रुतोक्त कारण षट्क
सृष्टि-लय-निरूपण
तत्त्व निरूपण
तत्त्व का लक्षण
तत्त्वों का वर्गीकरण
चरक मतानुसार सृष्टि-विकासक्रम
अष्टादश अध्याय
सृष्टि-निरूपण
सुश्रुत-सम्मत सृष्टि-विकासक्रम अचेतन प्रकृति होते हुए भी प्रकृति के साथ पुरुष के संयोग का हेतु सांख्यदर्शनानुसार सृष्टिक्रम अष्ट प्रकृति एवं षोडश विकार प्रकृति-पुरुष का साधर्म्य-वैधर्म्य पुरुष ही सबका कारण क्यों कहा गया है? अव्यक्त एवं व्यक्त विवेचन क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ विवेचन पञ्चतन्मात्र त्रिगुण (सत्त्व-रज-तम) का विवेचन त्रिगुणों का अन्योन्याश्रयित्व
मोक्ष का कारण
पुनर्जन्म
शास्त्र का लक्षण
तन्त्र
तन्त्र के गुण
चतुर्दश तन्त्रदोष
तन्त्रयुक्तियाँ
तन्त्रयुक्ति-प्रयोजन
एकोनविंश अध्याय
शास्त्रार्थबोधक भाव
तन्त्रयुक्ति-संख्या एवं उनका निरूपण
सप्तदश ताच्छील्य
अर्थाश्रय
सप्तविध कल्पना
तन्त्रयुक्ति-ताच्छील्य आदि के अध्ययन का व्यावहारिक उपयोग
ज्ञानवर्द्धक प्रकरण
लक्षण-विचार
तद्विद्यसम्भाषा विचार
वाद, जल्प एवं वितण्डा विचार
निग्रहस्थान
9788170840428
620.11 TRI
Padartha Vigyan - Delhi Chaukhamba Sanskrit Pratishthan 2017 - 291p.
विषयानुक्रमणिका
प्रथम अध्याय
आयुर्वेद-निरूपण
आयुर्वेद के पर्यायवाचक शब्द
आयुर्वेद शब्द की निरुक्ति
आयुर्वेद-लक्षण
आयु की परिभाषा एवं लक्षण
आयु का घटक तत्त्व
सिद्धान्त
आयुर्वेद के मौलिक सिद्धान्त चरकोक्त सप्त त्रिक
द्वितीय अध्याय आयुर्वेद-दर्शन-निरूपण
आयुर्वेद के मौलिक सिद्धान्तों की दार्शनिक पृष्ठभूमि दर्शन शब्द का अर्थ एवं उसकी व्यापकता
दर्शन का उद्भव
दर्शन की संख्या एवं श्रेणी विभाजन
आस्तिक दर्शन
नास्तिक दर्शन
अन्य भारतीय दर्शन
स्वतन्त्र आयुर्वेदीय मौलिक दर्शन
तृतीय अध्याय पदार्थ-निरूपण
पदार्थ
पदार्थ शब्द की निरुक्ति
पद का लक्षण
पद के भेद
अर्थार्थ
पदार्थ-लक्षण
पदार्थ के भेद एवं उनकी संख्या के सम्बन्ध में मत-मतान्तर
अभाव
आयुर्वेद चिकित्सा की दृष्टि से अभाव
पदार्थों के साधर्म्य-वैधर्म्य पदार्थविज्ञान की आयुर्वेद में उपयोगिता चरकोक्त कारण पदार्थ
चतुर्थ अध्याय द्रव्य-निरूपण
द्रव्य-निरुक्ति
दव्य-लक्षण
द्रव्य-संख्या चेतन-अचेतन द्रव्य एवं भेद द्रव्य के अन्य भेद एवं आयुर्वेद की दृष्टि से उनका व्यावहारिक अध्ययन तम (अन्धकार) का दशम द्रव्यत्व रूप में खण्डन तम (अन्धकार) का गुण
भूत का लक्षण
पञ्चम अध्याय पञ्चमहाभूत-विज्ञान
पञ्चमहाभूतों के सत्त्वादि गुण पार्थिवादि द्रव्यों के गुण एवं कर्म
महाभूत के गुण
महाभूतों की उत्पत्ति
महाभूतों के असाधारण लक्षण
महाभूतों का परस्परानुप्रवेश (उत्तरोत्तरानुप्रवेश)
महाभूतों का अन्योन्यानुप्रवेश (पंचीकरण)
आयुर्वेद में पञ्चमहाभूतों का महत्त्व देह प्रकृति के निर्माण में महाभूतों का योगदान
मानस प्रकृति निर्माण में त्रिगुण का योगदान
आकाश-निरूपण
वायु-निरूपण
तेजो-निरूपण
जल-निरूपण
पृथिवी-निरूपण
आत्मा का लक्षण तथा प्रकार
षष्ठ अध्याय
आत्मा का निरूपण
आयुर्वेद-सम्मत आत्मा के भेद
परम आत्मा
अतिवाहिक शरीर (सूक्ष्म-शरीर) या लिङ्ग-शरीर
चिकित्स्य पुरुष, कर्मपुरुष, संयोगपुरुष, षड्द्धातुपुरुष, चतुर्विशति तत्त्वात्मक पुरुष (राशिपुरुष) एवं सगुण आत्मा
चिकित्स्य पुरुष
धातु-भेद से पुरुष का संगठन
षड्द्धातुज पुरुष (कर्मपुरुष)
एकधातु (चेतना धातु) पुरुष
चतुर्विशतित्तत्त्वात्मक पुरुष (राशिपुरुष)
संयोग-पुरुष
आत्मा के ज्ञान की प्रवृत्ति
आत्मा की उत्पत्ति
शरीर से अतिरिक्त आत्मा का अस्तित्व सगुण पुरुष-निरूपण आत्मा के लक्षण और उसके गुण जीवात्मा और परमात्मा भेद से पुरुषपञ्चक
ब्रह्म, परब्रह्म, ईश्वर, परमेश्वर, आत्मा, परमात्मा तथा जीवात्मा का गीता एवं उपनिषद् के अनुसार निरूपण
ईश्वर की शरीर में स्थिति
पब्रह्म परमात्मा का स्वरूप
सप्तम अध्याय मनोनिरूपण
मन की व्युत्पत्ति/निरुक्ति
मन के पर्यायवाचक शब्द
उपाधि भेद से मन का अनेकत्व
मन का लक्षण
उभयात्मक इन्द्रिय
मन के गुण
मन का विषय
मन के कर्म
मन द्वारा ज्ञानोत्पत्ति क्रम
शरीर में मन का अधिष्ठान
व्याधि-अधिष्ठान एवं मन
मन का परीक्षण
मनोविकृति की परीक्षा (पहचान)
काल शब्द की निष्पत्ति
अष्टम अध्याय
काल एवं दिक्-निरूपण
काल शब्द का लक्षण
काल के भेद
काल का संवत्सरात्मक प्रभेद
आयुर्वेद में काल का महत्त्व
दिग्-निरूपण
दिशा के पर्यायवाचक
दिम्-लक्षण
दिग् ज्ञान का महत्व
दिक् एवं काल में अन्तर
नवम अध्याय
गुण-निरूपण
गुण-लक्षण
द्रव्य एवं गुण-साधर्म्य
गुण-ज्ञान के प्रकार
गुणों का वर्गीकरण एवं संख्या
वैशेषिकदर्शन में गुण
न्यायदर्शन में गुण
चरकोक्त इकतालिस एवं न्यायशास्त्रोक्त
चौबीस गुणों का समन्वय
शब्दादि गुणों का साधर्म्य एवं वैधर्म्य
द्रव्यानुसार वाय्वादि द्रव्यों के गुणों का परिगणन
शब्दादि गुणों का यथाक्रम विवेचन
शब्दादि गुणों की चिकित्सा में उपादेयता
गुर्वादि बीस गुण
गुरु आदि शारीर गुणों की चिकित्सा में उपयोगिता
बुद्धि-विवेचन
इच्छा, द्वेष, सुख, दुःख एवं प्रयत्न
बुद्धि आदि गुणों का चिकित्सा में उपयोग
परत्वादि दश गुणों का विवेचन
आयुर्वेद चिकित्सा में परादि गुणों की उपयोगिता
गुरुत्व, द्रवत्व, स्नेह, अदृष्ट (धर्माधर्म), व्यवायी एवं विकासी विवेचन
द्वन्द्व-गुण
कर्म-निरूपण
आयुर्वेद में कर्म
सामान्य-निरूपण
विशेष-निरूपण
दशम अध्याय
कर्म-सामान्य-विशेष एवं समवाय निरूपण
'प्रवृत्तिरुभयस्य तु' का विशद विवेचन आयुर्वेद में सामान्य एवं विशेष की उपयोगिता
समवाय-निरूपण आयुर्वेद में समवाय की उपयोगिता
एकादश अध्याय
प्रमाण-परीक्षा-निरूपण
परीक्षा के लक्षण
परीक्षा के प्रयोजन
बुद्धि-परीक्षा
अनुभव के लक्षण तथा भेद
स्मृति का स्वरूप
स्मृति के प्रकार
स्मृति के कारण
भ्रान्ति
प्रमेय, प्रमाता एवं प्रमाण लक्षण
प्रमेय
प्रमाता
प्रमाण
प्रमाण-निरुक्ति
प्रमाण-लक्षण
प्रमाण के पर्याय
प्रमाण के प्रकार
त्रिविध प्रमाणों में अष्टविध प्रमाणों का समावेश
प्रमाण ज्ञान का महत्त्व
द्वादश अध्याय
आप्तोपदेश परीक्षा (प्रमाण) निरूपण
आप्तस्वरूप तथा आप्तोदेश लक्षण
दृष्टादृष्ट एवं लौकिक अलौकिक भेद
ऐतिह्य (इतिहास) प्रमाण
शब्द-विवेचन एवं शब्द-प्रकार चरकोक्त शब्द, लक्षण एवं प्रकार वाक्यार्थबोधक वृत्तियाँ वाक्य-स्वरूप वाक्यार्थ ज्ञान हेतु शक्तिग्रह तर्कसंग्रह के अनुसार शाब्दज्ञान आप्तोपदेश परीक्षा (प्रमाण) के सम्बन्ध में विपक्ष मतावलम्बियों के मत आयुर्वेद में आप्तोपदेश परीक्षा (प्रमाण) की व्यावहारिक उपयोगिता
त्रयोदश अध्याय
प्रत्यक्ष परीक्षा (प्रमाण) निरूपण
प्रत्यक्ष का अर्थ एवं ज्ञानोत्पत्ति
प्रत्यक्ष परीक्षा (प्रमाण) का लक्षण
प्रत्यक्ष परीक्षा (प्रमाण) के भेद
निर्विकल्पक प्रत्यक्ष
सविकल्पक प्रत्यक्ष एवं उसके भेद
इन्द्रियार्थ-सन्निकर्ष का स्वरूप
इन्द्रियार्थ-सन्निकर्ष के प्रकार
अलौकिक प्रत्यक्ष के भेद
चाक्षुष प्रत्यक्षोत्पत्ति प्रकार
इन्द्रिय-लक्षण एवं इन्द्रिय शब्द की व्युत्पत्ति
बुद्धीन्द्रिय (ज्ञानेन्द्रिय) विवेचन
इन्द्रिय पञ्चपञ्चक
पञ्चकर्मेन्द्रिय-विवेचन
इन्द्रियों की वृत्तियाँ
इन्द्रियों का विषय
इन्द्रियों का भौतिकत्व
त्रयोदश करण
अन्तःकरणचतुष्टय
अन्तःकरणों की वृत्तियाँ
करणों में अन्तःकरण की प्रधानता
विविध यन्त्रादि द्वारा प्रत्यक्ष परीक्षा (प्रमाण) विस्तार
प्रत्यक्ष परीक्षा के बाधक भाव
प्रत्यक्ष होते हुए अन्य प्रमाणों की आवश्यकता
प्रमाण के सहायक प्रमाण अथवा उसके
प्रत्यक्ष प्रमाण का आयुर्वेद में उपयोग
प्रत्यक्ष प्रमाण का शारीरिक-नैदानिक एवं चिकित्सा अनुसन्धान की दृष्टि से प्रयोगिक अध्ययन
चतुर्दश अध्याय
अनुमान परीक्षा (प्रमाण) निरूपण
अनुमान प्रमाण का लक्षण
अनुमिति
परामर्श
पक्ष-सपक्ष-विपक्ष
ज्ञातव्य पारिभाषिक शब्द
अनुमान प्रकार
पञ्चावयव-निरूपण
लिङ्गपरामर्श-विवेचन तथा प्रकार
तर्क-विवेचन
सद्हेतु-विवेचन
हेत्वाभास
अनुमान प्रमाण का शारीरिक-नैदानिक चिकित्सानुसन्धान दृष्ट्या प्रयोगिक अध्ययन
पञ्चदश अध्याय युक्ति परीक्षा (प्रमाण) निरूपण
युक्ति-लक्षण
युक्ति प्रमाण का वैशिष्ट्य
युक्ति प्रमाण का उदाहरण,
युक्ति परीक्षा की चिकित्सा एवं भेषज अनुसन्धान की दृष्टि से उपयोगिता
षोडश अध्याय
उपमान तथा अन्य प्रमाण
उपमान प्रमाण-लक्षण
उपमान को स्वतन्त्र प्रमाण न मानने वाले दर्शन
उपमान प्रमाण की आयुर्वेद में उपयोगिता
अर्थप्राप्ति या अर्थापत्ति
अनुपलब्धि या अभाव
सम्भव प्रमाण
चेष्टा प्रमाण
परिशेष प्रमाण
इतिहास प्रमाण
स्वतः प्रामाण्य, परतः प्रामाण्य
213
213
213
21
21
सप्तदश अध्याय
कार्य-कारण सिद्धान्त निरूपण
करण-लक्षण
करण-भेद
कारण-निरूपण
कारण के प्रकार तथा उसके लक्षण
कार्य-लक्षण
2
2
2
2
2
2
सत्कार्यवाद
आयुर्वेद में सत्कार्यवाद (कार्य-कारण) का महत्त्व
परिणामवाद
विवर्तवाद
असत्कार्यवाद
क्षणभंगुरवाद
अद्वैतवाद
आयुर्वेद में अनेकान्तवाद
साम्य-वैषम्य सिद्धान्त
स्वभावोपरमवाद
पीलुपाक तथा पिठरपाक
परमाणु लक्षण
भागवतीय परमाणु लक्षण एवं नित्यता विचार
अवयव तथा अवयवी
आयुर्वेद में कारणान्तर सुश्रुतोक्त कारण षट्क
सृष्टि-लय-निरूपण
तत्त्व निरूपण
तत्त्व का लक्षण
तत्त्वों का वर्गीकरण
चरक मतानुसार सृष्टि-विकासक्रम
अष्टादश अध्याय
सृष्टि-निरूपण
सुश्रुत-सम्मत सृष्टि-विकासक्रम अचेतन प्रकृति होते हुए भी प्रकृति के साथ पुरुष के संयोग का हेतु सांख्यदर्शनानुसार सृष्टिक्रम अष्ट प्रकृति एवं षोडश विकार प्रकृति-पुरुष का साधर्म्य-वैधर्म्य पुरुष ही सबका कारण क्यों कहा गया है? अव्यक्त एवं व्यक्त विवेचन क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ विवेचन पञ्चतन्मात्र त्रिगुण (सत्त्व-रज-तम) का विवेचन त्रिगुणों का अन्योन्याश्रयित्व
मोक्ष का कारण
पुनर्जन्म
शास्त्र का लक्षण
तन्त्र
तन्त्र के गुण
चतुर्दश तन्त्रदोष
तन्त्रयुक्तियाँ
तन्त्रयुक्ति-प्रयोजन
एकोनविंश अध्याय
शास्त्रार्थबोधक भाव
तन्त्रयुक्ति-संख्या एवं उनका निरूपण
सप्तदश ताच्छील्य
अर्थाश्रय
सप्तविध कल्पना
तन्त्रयुक्ति-ताच्छील्य आदि के अध्ययन का व्यावहारिक उपयोग
ज्ञानवर्द्धक प्रकरण
लक्षण-विचार
तद्विद्यसम्भाषा विचार
वाद, जल्प एवं वितण्डा विचार
निग्रहस्थान
9788170840428
620.11 TRI