Aatm Vichar
Sharma,O P
Aatm Vichar - New Delhi Shivanak Prakashan 2020 - 154p.
अनुक्रमणिका
मैं कौन हूँ 1
आत्म स्वरूप
"मैं ब्रहा हूँ" वैज्ञानिक प्रयोग
ईश्वर परिकल्पना
मैं कौन हूँ-2
जो ब्रह्माण्ड में है वही पिंड में अपने अस्तित्व की अनुभूति ही अध्यात्म है सच्चिदानन्द (सत+चित+आनन्द) भाव का व्यावहारिक प्रयोग
मैं कौन हूं-3
आत्मिक शक्ति संपादन और संचालन मेरी सोच विश्व में सभी को प्रभावित करती वासना जन्य, प्रेम जन्य, और भक्ति जन्य आनंद में कौन श्रेष्ठत्तम
जब मैं आत्म स्वरूप हूँ तो फिर ऐसा क्यों हूँ -1
संस्कार आवरण प्रज्ञापराध'
जब मैं आत्म स्वरूप हूँ तो फिर ऐसा क्यों हूँ -2
माया आवरण
अज्ञान ही दुःखों का कारण
मूल स्वरूप को पुनः पाने के लिए हम क्या करें-1
व्यावहारिक आध्यात्म सफलता का राजमार्ग चारों आश्रम एक दूसरे में दुःख का प्रबंधन आध्यात्मिक भौतिकवाद सच्चा अध्यात्म वर्तमान में जीएँ
मूल स्वरूप को पुनः पाने के लिए हम क्या करें-
ज्ञानमय चिंतन
क्रोध स्वाभाविक प्रक्रिया है
मूल स्वरूप को पुनः पाने के लिए हम क्या करें.
भक्तिमय भाव
भगवत भक्त की तीन श्रेणियां
सेवा धर्म
ध्यान-कसौटी
मूल स्वरूप को पुनः पाने के लिए हम क्या करें.-4
कर्ममय व्यवहार
कर्म फल की प्रक्रिया निरंतर प्रवाहित
उद्दात्तीकरण का मूल सूत्र
मूल स्वरूप को पुनः पाने के लिए हम क्या करें-5
साधना 1
मंत्र
तप'
व्रत
महाव्रत
तीर्थाटन
मूल स्वरूप को पुनः पाने के लिए हम क्या करें-6
साधना
पंचकोषीय साधना
मूल स्वरूप को पुनः पाने के लिए हम क्या करें-7
साधना
स्वस्थ जीवन योग
सम्पूर्ण स्वास्थ्य
9789387774292
153.42 SHA
Aatm Vichar - New Delhi Shivanak Prakashan 2020 - 154p.
अनुक्रमणिका
मैं कौन हूँ 1
आत्म स्वरूप
"मैं ब्रहा हूँ" वैज्ञानिक प्रयोग
ईश्वर परिकल्पना
मैं कौन हूँ-2
जो ब्रह्माण्ड में है वही पिंड में अपने अस्तित्व की अनुभूति ही अध्यात्म है सच्चिदानन्द (सत+चित+आनन्द) भाव का व्यावहारिक प्रयोग
मैं कौन हूं-3
आत्मिक शक्ति संपादन और संचालन मेरी सोच विश्व में सभी को प्रभावित करती वासना जन्य, प्रेम जन्य, और भक्ति जन्य आनंद में कौन श्रेष्ठत्तम
जब मैं आत्म स्वरूप हूँ तो फिर ऐसा क्यों हूँ -1
संस्कार आवरण प्रज्ञापराध'
जब मैं आत्म स्वरूप हूँ तो फिर ऐसा क्यों हूँ -2
माया आवरण
अज्ञान ही दुःखों का कारण
मूल स्वरूप को पुनः पाने के लिए हम क्या करें-1
व्यावहारिक आध्यात्म सफलता का राजमार्ग चारों आश्रम एक दूसरे में दुःख का प्रबंधन आध्यात्मिक भौतिकवाद सच्चा अध्यात्म वर्तमान में जीएँ
मूल स्वरूप को पुनः पाने के लिए हम क्या करें-
ज्ञानमय चिंतन
क्रोध स्वाभाविक प्रक्रिया है
मूल स्वरूप को पुनः पाने के लिए हम क्या करें.
भक्तिमय भाव
भगवत भक्त की तीन श्रेणियां
सेवा धर्म
ध्यान-कसौटी
मूल स्वरूप को पुनः पाने के लिए हम क्या करें.-4
कर्ममय व्यवहार
कर्म फल की प्रक्रिया निरंतर प्रवाहित
उद्दात्तीकरण का मूल सूत्र
मूल स्वरूप को पुनः पाने के लिए हम क्या करें-5
साधना 1
मंत्र
तप'
व्रत
महाव्रत
तीर्थाटन
मूल स्वरूप को पुनः पाने के लिए हम क्या करें-6
साधना
पंचकोषीय साधना
मूल स्वरूप को पुनः पाने के लिए हम क्या करें-7
साधना
स्वस्थ जीवन योग
सम्पूर्ण स्वास्थ्य
9789387774292
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