Vidyut Hrllekha
Thatte,D.G.
Vidyut Hrllekha - Varanasi Chaukhambha Orintalia 2022 - 142p.
विषय सूची
प्रथम अध्याय
परिभाषा, सिद्धान्त, लीड, विद्युत् हल्लेख मान-चित्र, हृल्लेख हेतु कागज, हृल्लेख की तकनीकी विधि, यन्त्र एवं उपकरण, हृदय की विद्यु तीय क्रिया विधि, हृल्लेख हेतु निर्देश
द्वितीय अध्याय
स्वस्थ हृल्लेख- स्वस्थ हृल्लेख की तरंगें -P, PR, QRS, ST, T, QT एवं U तरंगों की काल अवधि, प्रभाग एवं सन्धि, हल्लेखों के सामान्य प्रतिरूप, श्वसन प्रक्रिया में हल्लेख प्रतिरूपों में परिवर्तन, हृल्लेख का अध्ययन
तृतीय अध्याय
हृद्देशीगत व्याधियाँ - हृद्मांसपेशीगत स्थानिक रक्ताल्पता (Myo-
cardial Ischaemia), कारण एवं सम्प्राप्ति, हल्लेख पर भेद सूचक निदान, फलानुमान (Prognosis), निदान हेतु विभिन्न परीक्षायें, श्रम परीक्षायें, अन्य परीक्षायें, श्रम परीक्षा के लिए निर्देश, निषेधक लक्षण (Contra-Indication); हृद्मांसपेशीगत इन्फार्कशन (Myocar- dial Infarction), कारण एवं सम्प्राप्ति, हल्लेख पर विभेद सूचक निदान, फलानुमान (Prognosis), हृद्मांसपेशीगत इन्फार्कशन का वर्गीकरण, हृद्मांसपेशीगत परिगलन (Myocardial Necrosis)
चतुर्थ अध्याय
हृदयक हृत्तालाभाव (Cardiac Arrhythmias) - हृदय स्पन्द लय की सामान्य क्रिया (Physiology of the Cardiac rhythm), औषधियों का हृदय स्पन्द लय पर प्रभाव (Drug effect on cardiac rhythm), विवर हृत्तालाभाव (Sinus arrhythmias), विवर हृत्प्रवेग (Sinus tachycardia), विवर हृदयमन्दता (Sinus bradycardia), अलिन्दीय अतिरिक्त प्रकुञ्चन (Atrial extra- systolics), अस्थानी स्पन्द (Ectopic beats)
पञ्चम अध्याय
प्रमुख हृदय रोग-आमवातिक हृदय रोग (Rheumatic heart disease), रक्तचाप गत. हृद रोग (Hypertensive heart disease), हृदयावरण शोथ एवं हृदयावरण स्पन्दन (Pericarditis and peri- cardial effusion), फुफ्फुसीय रक्तचापाधिक्य (Pulmonary hyper- trension), जन्मज हद रोग (Congenital heart disease)
षष्ठ अध्याय
देह प्रकृतियों में विद्युत हृल्लेखीय अध्ययन
9788176373418
615.845 THA
Vidyut Hrllekha - Varanasi Chaukhambha Orintalia 2022 - 142p.
विषय सूची
प्रथम अध्याय
परिभाषा, सिद्धान्त, लीड, विद्युत् हल्लेख मान-चित्र, हृल्लेख हेतु कागज, हृल्लेख की तकनीकी विधि, यन्त्र एवं उपकरण, हृदय की विद्यु तीय क्रिया विधि, हृल्लेख हेतु निर्देश
द्वितीय अध्याय
स्वस्थ हृल्लेख- स्वस्थ हृल्लेख की तरंगें -P, PR, QRS, ST, T, QT एवं U तरंगों की काल अवधि, प्रभाग एवं सन्धि, हल्लेखों के सामान्य प्रतिरूप, श्वसन प्रक्रिया में हल्लेख प्रतिरूपों में परिवर्तन, हृल्लेख का अध्ययन
तृतीय अध्याय
हृद्देशीगत व्याधियाँ - हृद्मांसपेशीगत स्थानिक रक्ताल्पता (Myo-
cardial Ischaemia), कारण एवं सम्प्राप्ति, हल्लेख पर भेद सूचक निदान, फलानुमान (Prognosis), निदान हेतु विभिन्न परीक्षायें, श्रम परीक्षायें, अन्य परीक्षायें, श्रम परीक्षा के लिए निर्देश, निषेधक लक्षण (Contra-Indication); हृद्मांसपेशीगत इन्फार्कशन (Myocar- dial Infarction), कारण एवं सम्प्राप्ति, हल्लेख पर विभेद सूचक निदान, फलानुमान (Prognosis), हृद्मांसपेशीगत इन्फार्कशन का वर्गीकरण, हृद्मांसपेशीगत परिगलन (Myocardial Necrosis)
चतुर्थ अध्याय
हृदयक हृत्तालाभाव (Cardiac Arrhythmias) - हृदय स्पन्द लय की सामान्य क्रिया (Physiology of the Cardiac rhythm), औषधियों का हृदय स्पन्द लय पर प्रभाव (Drug effect on cardiac rhythm), विवर हृत्तालाभाव (Sinus arrhythmias), विवर हृत्प्रवेग (Sinus tachycardia), विवर हृदयमन्दता (Sinus bradycardia), अलिन्दीय अतिरिक्त प्रकुञ्चन (Atrial extra- systolics), अस्थानी स्पन्द (Ectopic beats)
पञ्चम अध्याय
प्रमुख हृदय रोग-आमवातिक हृदय रोग (Rheumatic heart disease), रक्तचाप गत. हृद रोग (Hypertensive heart disease), हृदयावरण शोथ एवं हृदयावरण स्पन्दन (Pericarditis and peri- cardial effusion), फुफ्फुसीय रक्तचापाधिक्य (Pulmonary hyper- trension), जन्मज हद रोग (Congenital heart disease)
षष्ठ अध्याय
देह प्रकृतियों में विद्युत हृल्लेखीय अध्ययन
9788176373418
615.845 THA