Sushrut Samhita
Shastri,Ambikadatta
Sushrut Samhita - Varanasi Chaukhambha - 902p.
विषयाः
श्रीपद के असाध्य लक्षण
" रोग में कफ की प्रधानता का निर्देश
पृष्ठाङ्काः
विषयाः
३६४
पृष्ठाङ्काः
विषयाः
पृष्ठाङ्काः
इन्द्रालु खालि रुज्या)
के लक्षण
माँसार्बुद के लक्षण
३७६
३६८
अनीपद जिन देशों में अधिक होता है उनका निर्देश
मधिपाक के
३७६
अहंषिका का लक्षण
३६८
३६४
पलित का
३६८
तितकालक के
३७६
ब्लीपद के स्थान
३६४
१९९
त्रयोदश अध्याय
मुखदूषिका का लक्षण
विचार
क्षुद्र रोगों के निदान का उपक्रम
३६४
पद्मिनीकण्टक का
१७२
३७२
चौवालीस क्षुद्र रोगों के भेद
जतुमणि का
पंग्रनिदान का उपक्रम
३७२
मषक का
तथा नाम
३६५
तिलकाल के "
१७२
पद्म का हेतु "
كافال
अजगल्लिका का लक्षण
३६५
३७२
के दो प्रकार सन्धिमुक्त
न्यच्चड़ का
और काण्डपुग
३७७
यवप्रख्या का लक्षण
३७२
३६५
चर्मकौल के
सन्धिमुक्त, के मेद, सामान्य
अन्धालजी का
३७२
३६५
व्यङ्ग का
लक्षण
३७३
विवृता का
३६५
नीतिका का
उत्पिष्टादि छः सन्धि मुक्त
३७३
कच्छपी का
३६५
परिवर्तिका के कारण,
भों के लक्षण
३७
वल्मीक का
काण्डमग्र के प्रकार
३६६
सम्प्राप्ति, लक्षण
३७३
प्रत्येक काण्डञ्जग्र के विशेष
इन्द्रवृद्धा का"
३६६
अवपाटिका के लक्षण
३७३
पनसिका
लक्षण
३
३६६
निरुद्धप्रकाश का
३७३
साध्यसाध्यता
पाषामगर्दभ का लक्षण
३६६
सन्निरुद्ध गुद के "
३७४
जालगर्दभ
३६६
अहिपूतन का
३७४
मध्यम आयु में भग्न साध्य
होता है
कक्षा"
३६६
वृषणकच्छ का
विस्फोटक "
३६७
गुदभ्रंश का
३७४
अग्ग्रिरोहणी का लक्षण तथा
चतुर्दश अध्याय
उसके द्वारा रोगी की मृत्यु
शूकदोष निदान का उपक्रम जन्य रोगों की सम्प्राप्ति
३७५
का समय
३६७
३७५
३७४
अस्थि विशेष के अनुसार
भग्न के प्रकार
षोडश अध्याय
मुखरोगों के निदान का उपक्रम
" की संख्या और आयतन
चिप्प (क्षतरोग, उपनख) का
सर्वपिका के लक्षण
३७५
आयतन के अनुसार संख्या
लक्षण
३६७
अष्ठीलिका लक्षण
३७५
ओष्ठ रोग
कुनख (कुलीन) का लक्षण
३६७
ग्रथित और कुम्भिका के लक्षण
३७५
अनुशयी का लवण
वातज ओष्ठ प्रकोप
३६७
अलजी मृदित
३७५
" पित्तज
विदारिका का"
३६७
संमूढपिडिका और अवमन्थ
शर्करा तथा शर्करार्बुद के
कफज
के लक्षण
३७५
सन्निपातज ओष्ठ प्रकोप
लक्षण
३६७
पुष्करिका के लक्षण
३७६
रक्तज और मांसज ओष्ठ प्रको
पामा, विचर्चिका और रकसा
स्पर्शहानि के
३७६
मेदोज ओष्ठ प्रकोप
के लक्षण
३६७
उत्तमा के
३७६
क्षतज
पाददारी का लक्षण
३६८
शतपोनक के "
३७६
कदर के लक्षण
३६८
त्वक्पाक और शोणितार्बद के
दन्तमूल रोग
अलस के लक्षण
लक्षण
शीताद लक्षण
विषयाः
(64)
दन्तपुप्पुटक
पृष्ठ
सौधिर के
दन्तवेष्ट के लक्षण
पृष्ठाङ्काः
विषयाः
पृष्ठाङ्काः
विषयाः
३८३
श्यावदन्तक
३८५
परिदर के"
महासौषिर के"
३८३
हनुमोक्ष
३८५
कण्ठशालूक के लक्षण
अधिजिह्वा के लक्षण
३८३
वलय के लक्षण
जिह्वागत रोग
३८३
जलास के लक्षण
वैदर्भ के "
उपकुश के "
३८४
त्रिविधजिल्लाकण्टक के लक्षण
३८६
एकवृन्द के लक्षण
३८४
अलास लक्षण
३८६
वृन्द के लक्षण
वर्धन के
उपजिद्धिका लक्षण
३८७
शत्नी के लक्षण
३८४
अधिमांस के "
३८४
तालुगत रोग
गिलायु के लक्षण
दन्तनाडी का लक्षण
३८४
गलुशुण्डिका
३८७
गलविद्रधि के लक्षण
३८४
तुण्डिकेरी और अनुष के लक्षण
३८७
गलौध के लक्षण
दन्तरोग
कच्छप और रक्तार्बुद के मांससंघात और तालुपुप्पुट के
३८७
स्वरघ्न के लक्षण
दालन
कृमिदन्तक
३८५
मांसतान के लक्षण
३८८
विदारी के लक्षण
लक्षण
दन्तहर्ष
३८५
३८५
तालुशोथ और तालुपाक के लक्षण
३८८
भञ्जनक
कण्ठगत रोगों के नाम
सर्वसर (मुखपाक) के लक्षण
मुखपाक के वातजादि भेद
दन्तशर्कटश
से लक्षण
कण्ठरोहिणी के वातजादि भेद ३८९
शब्दानुक्रमणिका
कपालिका
से लक्षण
9788189798192
Sushrut Samhita
615.538 SHA
Sushrut Samhita - Varanasi Chaukhambha - 902p.
विषयाः
श्रीपद के असाध्य लक्षण
" रोग में कफ की प्रधानता का निर्देश
पृष्ठाङ्काः
विषयाः
३६४
पृष्ठाङ्काः
विषयाः
पृष्ठाङ्काः
इन्द्रालु खालि रुज्या)
के लक्षण
माँसार्बुद के लक्षण
३७६
३६८
अनीपद जिन देशों में अधिक होता है उनका निर्देश
मधिपाक के
३७६
अहंषिका का लक्षण
३६८
३६४
पलित का
३६८
तितकालक के
३७६
ब्लीपद के स्थान
३६४
१९९
त्रयोदश अध्याय
मुखदूषिका का लक्षण
विचार
क्षुद्र रोगों के निदान का उपक्रम
३६४
पद्मिनीकण्टक का
१७२
३७२
चौवालीस क्षुद्र रोगों के भेद
जतुमणि का
पंग्रनिदान का उपक्रम
३७२
मषक का
तथा नाम
३६५
तिलकाल के "
१७२
पद्म का हेतु "
كافال
अजगल्लिका का लक्षण
३६५
३७२
के दो प्रकार सन्धिमुक्त
न्यच्चड़ का
और काण्डपुग
३७७
यवप्रख्या का लक्षण
३७२
३६५
चर्मकौल के
सन्धिमुक्त, के मेद, सामान्य
अन्धालजी का
३७२
३६५
व्यङ्ग का
लक्षण
३७३
विवृता का
३६५
नीतिका का
उत्पिष्टादि छः सन्धि मुक्त
३७३
कच्छपी का
३६५
परिवर्तिका के कारण,
भों के लक्षण
३७
वल्मीक का
काण्डमग्र के प्रकार
३६६
सम्प्राप्ति, लक्षण
३७३
प्रत्येक काण्डञ्जग्र के विशेष
इन्द्रवृद्धा का"
३६६
अवपाटिका के लक्षण
३७३
पनसिका
लक्षण
३
३६६
निरुद्धप्रकाश का
३७३
साध्यसाध्यता
पाषामगर्दभ का लक्षण
३६६
सन्निरुद्ध गुद के "
३७४
जालगर्दभ
३६६
अहिपूतन का
३७४
मध्यम आयु में भग्न साध्य
होता है
कक्षा"
३६६
वृषणकच्छ का
विस्फोटक "
३६७
गुदभ्रंश का
३७४
अग्ग्रिरोहणी का लक्षण तथा
चतुर्दश अध्याय
उसके द्वारा रोगी की मृत्यु
शूकदोष निदान का उपक्रम जन्य रोगों की सम्प्राप्ति
३७५
का समय
३६७
३७५
३७४
अस्थि विशेष के अनुसार
भग्न के प्रकार
षोडश अध्याय
मुखरोगों के निदान का उपक्रम
" की संख्या और आयतन
चिप्प (क्षतरोग, उपनख) का
सर्वपिका के लक्षण
३७५
आयतन के अनुसार संख्या
लक्षण
३६७
अष्ठीलिका लक्षण
३७५
ओष्ठ रोग
कुनख (कुलीन) का लक्षण
३६७
ग्रथित और कुम्भिका के लक्षण
३७५
अनुशयी का लवण
वातज ओष्ठ प्रकोप
३६७
अलजी मृदित
३७५
" पित्तज
विदारिका का"
३६७
संमूढपिडिका और अवमन्थ
शर्करा तथा शर्करार्बुद के
कफज
के लक्षण
३७५
सन्निपातज ओष्ठ प्रकोप
लक्षण
३६७
पुष्करिका के लक्षण
३७६
रक्तज और मांसज ओष्ठ प्रको
पामा, विचर्चिका और रकसा
स्पर्शहानि के
३७६
मेदोज ओष्ठ प्रकोप
के लक्षण
३६७
उत्तमा के
३७६
क्षतज
पाददारी का लक्षण
३६८
शतपोनक के "
३७६
कदर के लक्षण
३६८
त्वक्पाक और शोणितार्बद के
दन्तमूल रोग
अलस के लक्षण
लक्षण
शीताद लक्षण
विषयाः
(64)
दन्तपुप्पुटक
पृष्ठ
सौधिर के
दन्तवेष्ट के लक्षण
पृष्ठाङ्काः
विषयाः
पृष्ठाङ्काः
विषयाः
३८३
श्यावदन्तक
३८५
परिदर के"
महासौषिर के"
३८३
हनुमोक्ष
३८५
कण्ठशालूक के लक्षण
अधिजिह्वा के लक्षण
३८३
वलय के लक्षण
जिह्वागत रोग
३८३
जलास के लक्षण
वैदर्भ के "
उपकुश के "
३८४
त्रिविधजिल्लाकण्टक के लक्षण
३८६
एकवृन्द के लक्षण
३८४
अलास लक्षण
३८६
वृन्द के लक्षण
वर्धन के
उपजिद्धिका लक्षण
३८७
शत्नी के लक्षण
३८४
अधिमांस के "
३८४
तालुगत रोग
गिलायु के लक्षण
दन्तनाडी का लक्षण
३८४
गलुशुण्डिका
३८७
गलविद्रधि के लक्षण
३८४
तुण्डिकेरी और अनुष के लक्षण
३८७
गलौध के लक्षण
दन्तरोग
कच्छप और रक्तार्बुद के मांससंघात और तालुपुप्पुट के
३८७
स्वरघ्न के लक्षण
दालन
कृमिदन्तक
३८५
मांसतान के लक्षण
३८८
विदारी के लक्षण
लक्षण
दन्तहर्ष
३८५
३८५
तालुशोथ और तालुपाक के लक्षण
३८८
भञ्जनक
कण्ठगत रोगों के नाम
सर्वसर (मुखपाक) के लक्षण
मुखपाक के वातजादि भेद
दन्तशर्कटश
से लक्षण
कण्ठरोहिणी के वातजादि भेद ३८९
शब्दानुक्रमणिका
कपालिका
से लक्षण
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Sushrut Samhita
615.538 SHA