Yog Shiksha evam Sharirik tatha Mansik Swasthya
Ranjan, Rajkumar
Yog Shiksha evam Sharirik tatha Mansik Swasthya - Agra H. P. Bhargava Book House
अनुक्रमणिका
अध्याय
1. ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
2. भारतीय दर्शन के आधारभूत सिद्धान्त
3. योग मनोविज्ञान
4. प्रमुख भारतीय योग मनीषी
5. योग का अर्थ एवं प्रकार
6. योग शिक्षा की आवश्यकताएँ
7. अष्ठांग योग
8. आसन
9. प्राणायाम
10. मुद्राएँ और उनकी उपयोगिता
11. सूर्य नमस्कार
12. षट्कर्म
13. विविध
14. रोग और उनकी योग चिकित्सा
सन्दर्भ ग्रन्थ
Yog Shiksha evam Sharirik tatha Mansik Swasthya - Agra H. P. Bhargava Book House
अनुक्रमणिका
अध्याय
1. ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
2. भारतीय दर्शन के आधारभूत सिद्धान्त
3. योग मनोविज्ञान
4. प्रमुख भारतीय योग मनीषी
5. योग का अर्थ एवं प्रकार
6. योग शिक्षा की आवश्यकताएँ
7. अष्ठांग योग
8. आसन
9. प्राणायाम
10. मुद्राएँ और उनकी उपयोगिता
11. सूर्य नमस्कार
12. षट्कर्म
13. विविध
14. रोग और उनकी योग चिकित्सा
सन्दर्भ ग्रन्थ