Aadhunik Bhartiya Chintan
Tak, Omprakash
Aadhunik Bhartiya Chintan - Jaipur Rajasthan Hindi Granth Acadami
विषय-सूची
अध्याय
विषय-वस्तु
पृष्ट
1. आधुनिक भारतीय दर्शन: परम्परा एवं पृष्ठभूमि
2. स्वामी विवेकानन्द जीवन एवं कृतित्व, मानव, सार्वभौम धर्म, व्यावहारिक वेदांत।
3. लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जीवन एवं कृतित्व, गीता की विवेचना।
4. श्री अरविन्द जीवन एवं कृतित्व, सच्चिदानन्द, विकास के तीन स्तर, मानस एवं अतिमानस, पूर्ण अद्वैत योग।
5. मुहम्मद इकबाल जीवन एवं कृतित्व, बुद्धि एवं अन्तः प्रज्ञा, आत्म, पूर्ण मानव।
6. रवीन्द्रनाथ टैगोर
जीवन एवं कृतित्व, मानव एवं ईश्वर, मानव का धर्म।
7.
कृष्णचन्द्र भट्टाचार्य जीवन एवं कृतित्व, दर्शन की अवधारणा, विषय के रूप में स्वतन्त्रता, निरपेक्ष सत् एवं उनके वैकल्पिक रूप, माया की विवेचना ।
8
. एस. राधाकृष्णन जीवन एवं कृतित्व, ईश्वर एवं सत्, बुद्धि एवं अन्तः प्रज्ञा, आदर्श जीवन का विचार।
9.
जे. कृष्णमूर्ति जीवन एवं कृतित्व, आत्म, ज्ञात से मुक्ति, अन्तर-क्रांति।
10.
महात्मा गाँधी जीवन एवं कृतित्व, सत्य, अहिंसा, स्वराज्य, सर्वोदय, आधुनिक सभ्यता की आलोचना।
11. भीमराव आम्बेडकर
जीवन एवं कृतित्व, सामाजिक अशुभ की आलोचना, नवबौद्धवाद।
Aadhunik Bhartiya Chintan - Jaipur Rajasthan Hindi Granth Acadami
विषय-सूची
अध्याय
विषय-वस्तु
पृष्ट
1. आधुनिक भारतीय दर्शन: परम्परा एवं पृष्ठभूमि
2. स्वामी विवेकानन्द जीवन एवं कृतित्व, मानव, सार्वभौम धर्म, व्यावहारिक वेदांत।
3. लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जीवन एवं कृतित्व, गीता की विवेचना।
4. श्री अरविन्द जीवन एवं कृतित्व, सच्चिदानन्द, विकास के तीन स्तर, मानस एवं अतिमानस, पूर्ण अद्वैत योग।
5. मुहम्मद इकबाल जीवन एवं कृतित्व, बुद्धि एवं अन्तः प्रज्ञा, आत्म, पूर्ण मानव।
6. रवीन्द्रनाथ टैगोर
जीवन एवं कृतित्व, मानव एवं ईश्वर, मानव का धर्म।
7.
कृष्णचन्द्र भट्टाचार्य जीवन एवं कृतित्व, दर्शन की अवधारणा, विषय के रूप में स्वतन्त्रता, निरपेक्ष सत् एवं उनके वैकल्पिक रूप, माया की विवेचना ।
8
. एस. राधाकृष्णन जीवन एवं कृतित्व, ईश्वर एवं सत्, बुद्धि एवं अन्तः प्रज्ञा, आदर्श जीवन का विचार।
9.
जे. कृष्णमूर्ति जीवन एवं कृतित्व, आत्म, ज्ञात से मुक्ति, अन्तर-क्रांति।
10.
महात्मा गाँधी जीवन एवं कृतित्व, सत्य, अहिंसा, स्वराज्य, सर्वोदय, आधुनिक सभ्यता की आलोचना।
11. भीमराव आम्बेडकर
जीवन एवं कृतित्व, सामाजिक अशुभ की आलोचना, नवबौद्धवाद।