Kautiliya Arthashastram (Record no. 15904)

MARC details
000 -LEADER
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003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER
control field OSt
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
International Standard Book Number 97893865544000
041 ## - LANGUAGE CODE
Language code of text/sound track or separate title HINDI
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number 330.01 TIW
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Author name Tiwari,Shyamlesh Kumar
245 ## - TITLE STATEMENT
Title Kautiliya Arthashastram
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT)
Place of publication, distribution, etc. Varanasi
Name of publisher, distributor, etc. Chaukhamba Surbharati Prakashan
Date of publication, distribution, etc. 2020
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Page 616p.
500 ## - GENERAL NOTE
General note विषयानुक्रमणिका<br/>विनयाधिकारिकं प्रथमधिकरणम्<br/>1. प्रथमोऽध्यायः<br/>2. पहला प्रकरण विद्यासमुद्देशः विद्या-समुद्देश<br/>3. त्रयीस्थापनाः त्रयीस्थापना<br/>4. वार्ता तथा दण्डनीति स्थापना वार्ता और दण्डनीति की स्थापना<br/>5. दूसरा प्रकरण वृद्धसंयोगः वृद्धसंयोग<br/>6. तीसरा प्रकरण<br/>इन्द्रियजयः अरिषड्वर्गत्यागः इन्द्रियजय (काम, क्रोध, लोभ, मान, मद एवं हर्ष इन छः शत्रुओं का त्याग)<br/>7. राजर्षिवृत्तम्<br/>राजर्षि का व्यवहार<br/>चौथा प्रकरण<br/>अमात्यनियुक्तिः<br/>अमात्यों की नियुक्ति<br/>पाँचवाँ प्रकरण<br/>मन्त्रिपुरोहितयोर्नियुक्तिः मन्त्री और पुरोहित की नियुक्ति<br/>छठा प्रकरण<br/>उपधाभिः शौचाशौचज्ञानम्<br/>अमात्यानाम्<br/>गुप्त उपायों के द्वारा अमात्यों के आचरण की परीक्षा<br/>11. सातवाँ प्रकरण गूढपुरुषोत्पत्तिः गुप्तचरों की स्थापना<br/>12. आठवाँ प्रकरण गुणपुरुषप्रणिधिः<br/>गुप्तचरों की नियुक्ति<br/>13. नौवाँ प्रकरण<br/>स्वविषये कृत्याकृत्यपक्षरक्षणम् अपने देश के कृत्य (शत्रु के वश में आने वाले) और अकृत्य शत्रु के बहकाने में नहीं आने वालों की रक्षा<br/>14. दसवाँ प्रकरण<br/>परविषये कृत्याकृत्यपक्षोपग्रहः शत्रु के देश में कृत्य तथा अकृत्य पक्ष के पुरुषों का मिलाना<br/>15. ग्यारहवाँ प्रकरण मन्त्राधिकारः मन्त्राधिकार<br/>16. बारहवाँ प्रकरण दूतप्रणिधिः दूतप्रणिधि<br/>17. तेरहवाँ प्रकरण राजपुत्ररक्षणम् राजा की राजपुत्रों से रक्षा<br/>18. 14-15 वाँ प्रकरण अवरुद्धवृत्तमवरुद्धे च वृत्तिः अवरुद्ध (निगरानी में रखे हुए) राजकुमार के कर्त्तव्य और उसके साथ राजा का व्यवहार<br/>19. सोलहवाँ प्रकरण राजप्रणिधिः राजप्रणिधि<br/>20. सत्तरहवाँ प्रकरण<br/>निशान्तप्रणिधिः निशान्तप्रणिधि-राजभवन का निर्माण एवं राजा के कर्तव्य<br/>52<br/>21. अ‌ट्ठाहरवाँ प्रकरण आत्मरक्षितकम् आत्मरक्षा की व्यवस्था<br/>अध्यक्षप्रचार-द्वितीयमधिकरणम्<br/>59-180<br/>1. उन्नीसवाँ प्रकरण जनपदनिवेशः<br/>13. इकतीसवाँ प्रकरण अक्षशालायां सुवर्णाध्यक्षः अक्षशाला में सुवर्णाध्यक्ष का कार्य<br/>जनपदनिवेश<br/>59<br/>2. बीसवाँ प्रकरण भूमिच्छिद्रविधानम् भूमिच्छिद्र विधान<br/>3. इक्कीसवाँ प्रकरण<br/>दुर्गविधानम्<br/>दुर्गविधान<br/>10. अट्ठाईसवाँ प्रकरण शासनाधिकारः शासनाधिकार<br/>11. उनतीसवाँ प्रकरण कोषप्रवेशरलपरीक्षा कोश में संग्रह योग्य रत्नों की परीक्षा<br/>12. तीसवाँ प्रकरण आकरकर्म संचालनम् खान के कार्यों का संचालन<br/>14. बत्तीसवाँ प्रकरण विशिखायाम् सौवर्णिकप्रचारः विशिखा में सौवर्णिक का व्यापार<br/>63<br/>15. तैतीसवाँ प्रकरण कोष्ठागाराध्यक्षः कोष्ठागाराध्यक्ष<br/>65<br/>4. बाईसवाँ प्रकरण<br/>दुर्गनिवेशः<br/>दुर्गनिवेश<br/>70<br/>5. तेईसवाँ प्रकरण<br/>सन्निधातृनिचय कर्म<br/>सन्निधाता का निचयकर्म<br/>73<br/>6. चौबीसवाँ प्रकरण<br/>समाहर्तृसमुदयप्रस्थानम्<br/>समाहर्तृ-समुदय-प्रस्थापन<br/>76<br/>7. पचीसवाँ प्रकरण<br/>अक्षपटलेगाणनिक्याधिकारः<br/>अक्षपटल में गाणनिक्याधिकार<br/>79<br/>8. छब्बीसवाँ प्रकरण<br/>समुदयस्ययुक्तापहृतस्य प्रत्यानयनम् अध्यक्षों के द्वारा अपहृत धन को पुनः<br/>प्राप्त करना<br/>9. सत्ताईसवाँ प्रकरण<br/>उपयुक्तपरीक्षा<br/>उपयुक्त परीक्षा<br/>83<br/>87<br/>16. चौतीसवाँ प्रकरण पण्याध्यक्षः पण्याध्यक्ष<br/>17. पैंतीसवाँ प्रकरण कुप्याध्यक्षः कुप्याध्यक्ष<br/>18. छत्तीसवाँ प्रकरण आयुधागाराध्यक्षः आयुधागाराध्यक्ष<br/>19. सैंतीसवाँ प्रकरण हलामानपौतवम् तोल माप का संशोधन<br/>20. अड़तीसवाँ प्रकरण देशकालमानम् देश तथा काल का मान<br/>21. उनतालीसवाँ प्रकरण शुल्काध्यक्षः शुल्काध्यक्ष<br/>91<br/>s<br/>3<br/>22. चालीसवाँ प्रकरण<br/>शुल्कव्यवहारः<br/>शुल्कव्यवहार<br/>23. इकतालीसवाँ प्रकरण<br/>सूत्राध्यक्षः<br/>सूत्राध्यक्ष<br/>24. बयालीसवाँ प्रकरण<br/>सीताध्यक्षः<br/>सीताध्यक्ष<br/>25. तिरालिसवाँ प्रकरण<br/>सुराध्यक्षः<br/>सुराध्यक्ष<br/>26. चवालीसवाँ प्रकरण सूनाध्यक्षः<br/>सूनाध्यक्ष<br/>27. पैंतालीसवाँ प्रकरण<br/>गणिकाध्यक्षः<br/>गणिकाध्यक्ष<br/>28. छियालीसवाँ प्रकरण<br/>नावध्यक्षः<br/>रथाध्यक्ष, पत्त्यध्यक्ष तथा सेनापति-<br/>प्रचार<br/>171<br/>138<br/>34. 52-53 वाँ प्रकरण<br/>मुद्राध्यक्षः विविताध्यक्षः<br/>मुद्राध्यक्ष और विवताध्यक्ष<br/>17<br/>140<br/>35. 54-55 वाँ प्रकरण समाहर्तृप्रचारः गृहपतिवैदेहकता-<br/>पसव्यञ्जनाः प्रणिधयः<br/>141<br/>समाहर्त्ता का कार्य, गृहपति वैदेहक तथा तापस के वेश में गुप्तचर<br/>17<br/>146<br/>36. छप्पनवाँ प्रकरण नागरिकप्रणिधिः<br/>नागरिक का कार्य<br/>17<br/>149<br/>धर्मस्थीय-तृतीयमधिकरणम् 181-23<br/>1. 57-58 वाँ प्रकरण व्यवहारस्थापनाविवादपद‌निबन्धाश्च व्यवहार की स्थापना और विवाद का लेखन<br/>151<br/>2. उनसठवाँ प्रकरण विवाहसंयुक्तम् विवाहधर्मः स्त्रीधनकल्पम् आधिवेदनिकम्<br/>नावाध्यक्ष<br/>154<br/>29. सैंतालीसवाँ प्रकरण<br/>गोऽध्यक्षः<br/>विवाह धर्म, स्त्रीधन और आधि- वेदनिक<br/>गोअध्यक्ष<br/>157<br/>11<br/>30. अड़तालीसवाँ प्रकरण<br/>3. उनसठवाँ प्रकरण<br/>अश्वाध्यक्षः<br/>विवाहसंयुक्ते शुश्रुषामर्भपारुष्य-<br/>अश्वाध्यक्ष<br/>161<br/>द्वेषातिचारोपकारव्यवहारप्रतिषेधाः स्त्री का पालन पोषण, निष्ठर स्त्री के प्रति व्यवहार, आपस में द्वेष, अतिचार<br/>31. उनचासवाँ प्रकरण<br/>हस्त्यक्षः<br/>हस्त्यध्यक्ष<br/>32. पचासवाँ प्रकरण हस्तिप्रचारः<br/>हस्तिप्रचार<br/>33. 50-51 वाँ प्रकरण रथाध्यक्षः पत्यध्यक्षः सेनापतिप्रचारः<br/>4. 59 वाँ प्रकरण विवाहसंयुक्ते निष्पातनम् पथ्यनुसरणम् ह्रस्वप्रवासोदीर्घप्रवासः<br/>विवाह सम्बन्धी निष्पातन पथ्य का अनुसरण, अल्प एवं दीर्घ प्रवास<br/>5. साठवाँ प्रकरण दायविभागे दायक्रमः दाय विभाग<br/>6. साठयों प्रकरण दायविभागे अंशविभागः अंश विभाग<br/>7. सातवाँ प्रकरण दावविभागे पुत्रविभागः पुत्र विभाग<br/>8. इकसठवाँ प्रकरण वास्तुके गृहवास्तुकम् गृहवास्तुक<br/>9. इकसठवाँ प्रकरण वास्तुविक्रयः वास्तु विक्रय<br/>10. 61-62 वाँ प्रकरण वास्तुके विवीतक्षेत्रपथहिंसा समयस्थानपाकर्म च मार्ग अवरुद्ध करना, चरागाहों का प्रबन्ध<br/>11. तिरेसठवाँ प्रकरण ऋणादानम् ऋण लेना<br/>12. चौसठवाँ प्रकरण औपनिधिकम् औपनिधिक धरोहर<br/>13. पैसठवाँ प्रकरण दासकर्मकरकल्पम् दास कर्मकरकल्प<br/>14. छियासठवाँ प्रकरण कर्मकल्पः सम्भूयसमुत्थानम् कर्मकर कल्प, सम्भूय समुत्थान<br/>15. सड़सठवाँ प्रकरण विक्रीतक्रीतानुशयः विक्रीतक्रीतानुशय<br/>225<br/>16. 68-69 वा प्रकरण<br/>दत्तस्यानकर्म अस्वामिविक्रय;<br/>स्वस्वामिसम्बन्धश्च<br/>प्रतिज्ञात धन को न देन<br/>अस्वामिविक्रय, स्वस्वामिसम्बन्ध<br/>17. इकहत्तरवाँ प्रकरण साहसम् साहस<br/>18. बहत्तरवाँ प्रकरण वाक्पारुष्यम् वाक्पारुष्य<br/>19. तिहत्तरवाँ प्रकरण दण्डपारुष्यम् दण्डपारुष्य<br/>20. 74-75 वाँ प्रकरण द्यूतसमाह्वयं प्रकीर्णकानि च द्यूतसमाहृय एवं प्रकीर्णक कण्टकशोधन-चतुर्थमधिकरणम् 2-<br/>1. तिहत्तरवाँ प्रकरण कारुकरक्षणम् कारुकरक्षण<br/>2. सतहत्तरवाँ प्रकरण वैदेहकरक्षणम् वैदेहकरक्षण<br/>3. अठहत्तरवाँ प्रकरण उपनिपातप्रतीकारः उपनिपात प्रतिकार<br/>4. तिहत्तरवाँ प्रकरण गूढाजीविनां रक्षा गूढ़ प्रजापीड़कों से रक्षा<br/>5. अस्सीवाँ प्रकरण सिद्धव्यञ्जनैर्माणवप्रकाशनम् सिद्धव्यञ्जन से दुष्टों का प्रकाशन<br/>6. इक्यासीवाँ प्रकरण शंकारूपकर्माभिग्रहः शङ्कारूप कर्माभिग्रह<br/>बयासीवाँ प्रकरण<br/>आशुमृतकपरीक्षा<br/>आशुमृतक परीक्षा<br/>तिरासीर्वा प्रकरण<br/>वाक्यकर्मानुयोगः<br/>वाक्य कर्मानुयोग<br/>चौरासीाँ प्रकरण<br/>सर्वाधिकरणरक्षणम्<br/>सर्वाधिकरण रक्षण<br/>पिचासीवों प्रकरण<br/>एकाङ्गवधनिष्क्रयः<br/>एकाङ्गवध और उसका निष्क्रय<br/>छियासीवों प्रकरण<br/>शुद्धश्चित्रश्चदण्डकल्पः<br/>शुद्ध और चित्रदण्ड<br/>सतासीवाँ प्रकरण<br/>कन्याप्रकर्म<br/>कन्या प्रकर्म<br/>अड्डासीवाँ प्रकरण<br/>अतिचारदण्डः<br/>अतिचार दण्ड<br/>5. तिरानबेवाँ प्रकरण<br/>समयाचारिकम्<br/>समयाचारिक<br/>6. 94-95 वाँ प्रकरण<br/>राज्यप्रतिसन्धानमैकेश्वर्य च राज्य का प्रतिसन्धान एवं एक ऐश्वर्य<br/>मण्डलयोनिः-पष्ठमधिकरणम् 302-<br/>1. छियानबेवाँ प्रकरण<br/>प्रकृतिसम्पदः प्रकृतिसम्पदा<br/>2. सत्तानेबवाँ प्रकरण<br/>शमव्यायामिकम् शान्ति और उद्योग विधि षाड्गुण्य-सप्तममधिकरणम् <br/>1. 98-99 वा प्रकरण<br/>षाड्गुण्यसमुद्देशः क्षयस्थान् वृद्धिनिश्चयः षड्गुणों का उद्देश्य, क्षय, स्थान एवं वृद्धि का निश्चय<br/>2. एकसौवाँ प्रकरण<br/>संश्रयवृत्तिः<br/>संश्रयवृत्ति<br/>योगवृत्त-पञ्चममधिकरणम् 279-301<br/>नवासीवाँ प्रकरण<br/>दाण्डकर्मिकम्<br/>3. 101-102 वाँ प्रकरण समहीनज्यायसां गुणाभिनिवेशः हीनसंधयश्च सम, हीन तथा अधिक के गुणों की स्थापना करना एवं हीन से सन्धि<br/>दण्ड का प्रयोग<br/>नब्बेवा प्रकरण<br/>कोशाभिसंहरणम्<br/>कोश की वृद्धि<br/>इक्यानबेवाँ प्रकरण<br/>भृत्यभरणीयम्<br/>भृत्यों का भरण-पोषण<br/>बानवेवाँ प्रकरण<br/>अनुजीविवृत्तम्<br/>अनुजीवि वृत्त<br/>4. 103-107 वाँ प्रकरण विगृह्यासनं सन्धायासनम् विगृह्ययानम् सन्धाययानम् सम्भूयप्रयाणम् च<br/>विग्रह, आसन एवं यान का अवलम्बन<br/>5. 108-110 वाँ प्रकरण यातव्यामित्रयोरभिग्रहचिन्ता
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
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