Astanga Samgraha (Record no. 18219)
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000 -LEADER | |
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fixed length control field | 15013nam a22001697a 4500 |
003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER | |
control field | OSt |
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION | |
control field | 20240508121120.0 |
008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION | |
fixed length control field | 220829b xxu||||| |||| 00| 0 eng d |
041 ## - LANGUAGE CODE | |
Language code of text/sound track or separate title | HINDI |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 615.538 SRI |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Author name | Srivastava,Shailaja |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | Astanga Samgraha |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Place of publication, distribution, etc. | Varanasi |
Name of publisher, distributor, etc. | Chaukhambha Orientalia |
Date of publication, distribution, etc. | 2020 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Page | 565p. |
500 ## - GENERAL NOTE | |
General note | विषय<br/>१. आयुष्कामीय अध्याय<br/>- सार संक्षे<br/>मंगलाचरण<br/>- आयुर्वेदावतरण<br/>आयुर्वेद के आठ अंग<br/>अष्टांग संग्रह का महत्त्व<br/>अष्टांग संग्रह की विशेषता<br/>विषय-सूची<br/>पृष्ठ | विषय<br/>قا<br/>सूत्र स्थान के अध्याय- ४०<br/>शारीर स्थान के अध्याय १२<br/>- निदान स्थान के अध्याय १६<br/>चिकित्सा स्थान के अध्याय- २४<br/>कल्पस्थान के अध्याय ८<br/>उत्तर स्थान के अध्याय- ५०<br/>८<br/>काय चिकित्सा का महत्त्व<br/>उपसंहार<br/>त्रिदोष विमर्श<br/>९ २. शिष्योपनयनीय<br/>२८-<br/>१०<br/>सार संक्षेप<br/>दोषों के विशिष्ट स्थान<br/>१०<br/>दोषों के अनुसार जठराग्नि और कोष्ठ ४<br/>शिष्य के गुण<br/>के प्रकार<br/>११<br/>- देह प्रकृति<br/>११<br/>- वात-पित्त-कफ के गुण दोषों के संसर्ग-सन्निपात<br/>१२<br/>१२<br/>सात धातु और मल<br/>१३<br/>धातुओं के कार्य<br/>१४<br/>अध्ययन न करने का समय<br/>शिष्य के कर्तव्य<br/>वैद्य के गुण<br/>केवल शास्त्र ज्ञान से हानि<br/>- शास्त्र ज्ञान न होने से हानि<br/>उत्तम भिषक् के लक्षण<br/>शास्त्र ज्ञान के योग्य-अयोग्य<br/>वृद्धि और क्षय<br/>१४<br/>ज्ञान वृद्धि का उदाहरण<br/>रस<br/>१५<br/>सद्वैद्य का लक्षण<br/>रसों के कार्य<br/>१५<br/>चिकित्सक को निर्देश<br/>द्रव्य के कर्म<br/>१५<br/>चिकित्सा के अयोग्य<br/>वीर्य के भेद<br/>१६<br/>अयोग्य वैद्य का त्याग<br/>- विपाक के भेद<br/>१६<br/>चिकित्सा के चार पाद<br/>द्रव्य के गुण<br/>१७<br/>वैद्य के चार गुण<br/>- महागुण<br/>१८<br/>औषध के चार गुण<br/>रोग और आरोग्य का कारण<br/>१९<br/>परिचारक के चार गुण<br/>- रोग और आरोग्यता<br/>२०<br/>रोगी के चार गुण<br/>रोगी परीक्षा<br/>२१<br/>- चिकित्सा में वैद्य की प्रधानता<br/>- रोग परीक्षा<br/>२१<br/>रोगों के भेद<br/>देश<br/>२४<br/>- सुखसाध्य रोग<br/>- भेषज काल<br/>२४<br/>कृच्छ्र साध्य रोग<br/>- औषध के भेद<br/>२४<br/>याप्य-असाध्य रोग<br/>- शारीरिक और मानसिक दोषों का<br/>चिकित्सा सिद्धान्त<br/>प्रत्याख्येय (अनुपक्रम) असाध्य रोग<br/>- चिकित्सा के पूर्व<br/>३. दिनचर्या<br/>सार संक्षेप<br/>विषय<br/>साध्यासाध्यता<br/>वैद्य की वृति<br/>साध्य व्याधि का असाध्य होना<br/>34<br/>३६<br/>- चिकित्सक का कर्तव्य<br/>३७<br/>३८-६१<br/>(xiv)<br/>पृष्ठ विषय<br/>सदामार<br/>सुखकर निवास स्थान<br/>रात्रिचयर्थी<br/>उपसंहार<br/>आत्महितोपदेश<br/>शौच विधि<br/>ब्रह्म मुहूर्त में उठना<br/>३८<br/>४. ऋतुचर्या<br/>सार संक्षेप काल का लक्षण<br/>३८<br/>मल का त्याग<br/>১৫<br/>मात्रादि लक्षण<br/>गुद प्रक्षालन विधि<br/>३९<br/>आदान काल<br/>४०<br/>आचमन<br/>विसर्ग काल<br/>४०<br/>- दन्त धावन<br/>हेमन्त ऋतुबर्या<br/>- जिल्हानिर्लेखन<br/>४१<br/>४२<br/>- दन्त धावन के अयोग्य<br/>४२<br/>दातौन के लिये निषिद्ध वृक्ष<br/>ग्रीष्म ऋतुचर्या<br/>वसन्त ऋतुचर्या<br/>शिशिर ऋतुचर्या<br/>४२<br/>दन्त धावन विधि<br/>वर्षा ऋतुचर्या<br/>४३<br/>देवनमन<br/>शरद् ऋतुचर्या<br/>४३<br/>हंसोदक<br/>अंजन कर्म<br/>४४<br/>नस्य-गण्डूषादि<br/>४४<br/>ऋतुसन्धि<br/>धूम्रसेवन<br/>४५<br/>५. रोगानुत्पादनीय<br/>सार संक्षेप<br/>जीर्णवस्त्रादि धारण का निषेध<br/>४६<br/>अधारणीय वेग<br/>ऋतुओं के अनुसार वस्त्र धारण<br/>४६<br/>- ताम्बूल सेवन<br/>४७<br/>अघो वायु<br/>जीविका के लिये धनोपार्जन<br/>४८<br/>हितोपदेश<br/>४८<br/>निषिद्ध स्थान<br/>४९<br/>५०<br/>सवृत्त<br/>५०<br/>अभ्यंग<br/>अभ्यंग के अयोग्य<br/>५१<br/>५२<br/>व्यायाम<br/>व्यायाम के अयोग्य<br/>५२<br/>मर्दन के गुण<br/>५२<br/>उबटन<br/>५३<br/>जृम्भा वेगावरोध व चिकित्सा<br/>मल वेगावरोध<br/>मूत्रवेगावरोध<br/>उद्गार वेगावरोध<br/>• छींक वेगावरोध व चिकित्सा<br/>तृष्णा वेगावरोध व चिकित्सा<br/>- क्षुधा वेगावरोध व चिकित्सा<br/>निद्रावेगावरोध व चिकित्सा<br/>कास वेगावरोध व चिकित्सा<br/>श्रम जन्य श्वासावरोध व चिकित्सा<br/>स्नान<br/>अश्रु वेगावरोध व चिकित्सा<br/>स्नान के अयोग्य<br/>वमन वेगावरोध व चिकित्सा<br/>भोजन विधि<br/>- शुक्रवेगावरोध व चिकित्सा<br/>(xxx)<br/>स्रोतोगत शल्य<br/>४९५<br/>भार तेज करने की eिni<br/>४९५<br/>धमनीगत शल्य<br/>शल्य विकासक कांकरि<br/>४९५<br/>अविगत शल्य<br/>शव परीक्षण<br/>४९५<br/>सन्धिगत शल्य<br/>उपसंहार<br/>शस्त्रकोष<br/>४९५<br/>अस्थिसन्चिगत शल्य<br/>१५. जलौका विधि<br/>४९९-५०२<br/>कोष्ठगत शल्य<br/>मर्मगत शल्य<br/>४९९<br/>सार संक्षेप<br/>४९९<br/>जलौका के प्रकार<br/>जलौका का प्रमाण, जाति, उपयोग, ग्रहण<br/>और पोषण<br/>400<br/>५०२<br/>- शल्य का ज्ञान<br/>शल्य ज्ञान का सामान्य लक्षण<br/>शल्य के प्रकार<br/>शल्य निकालने की विधि<br/>चिकित्सा<br/>३६. सिराव्यध विधि<br/>५०३-५१३<br/>श्वययुगत शल्य<br/>सार संक्षेप<br/>५०३<br/>उत्तुण्डित शल्य<br/>सिराव्यध की प्रधानता<br/>५०३<br/>शुद्ध-अशुद्ध रक्त<br/>५०५<br/>सिराव्यध के अयोग्य<br/>५०६<br/>सिराव्यध के योग्य<br/>५०७<br/>सिराव्यध के लिये उपकरण<br/>५०८<br/>- सिराव्यध विधि<br/>५०९<br/>कर्णिकायुक्त शल्य<br/>पक्वाशयगत शल्य<br/>कण्ठ स्रोतोगत शल्य<br/>मत्स्यकण्टकादि शल्य<br/>पानी में डूबने पर<br/>ग्रास शल्य<br/>सम्यक् विद्ध के लक्षण<br/>५१०<br/>- नेत्र के शल्य<br/>सम्यक् विद्ध होने पर भी रक्त के<br/>अप्रवृत्ति के कारण<br/>५१०<br/>सिराव्यध के समय मूर्च्छा को चिकित्सा<br/>५११<br/>कर्ण स्रोत शल्य<br/>मांसगत शंल्य को निकालने के लिये<br/>शल्यरहित व्रण का स्थान<br/>वातादि से दूषित रक्त के लक्षण<br/>५११<br/>३८. शस्त्रकर्म विधि<br/>५२<br/>रक्तस्त्राव बन्द होने पर चिकित्सा<br/>५१२<br/>सार संक्षेप<br/>रक्तस्त्राव बन्द होने पर अन्नपान<br/>५१३<br/>शस्त्र चिकित्सा<br/>विशुद्ध रक्त के लक्षण<br/>५१३<br/>आमशोफ के लक्षण<br/>३७. शल्याहरण विधि<br/>५१४-५१९<br/>सार संक्षेप<br/>पच्यमान शोफ के लक्षण<br/>५१४<br/>पक्वशोफ के लक्षण<br/>शल्य की गति<br/>५१४<br/>अतिपक्व व्रण में<br/>शल्ययुक्त व्रण<br/>५१४<br/>रक्तपाक के लक्षण<br/>त्वचागत शल्य<br/>५१४<br/>मांसगत शल्य<br/>व्रणशोथ का दारण-पाटन<br/>पेशीगत शल्य<br/>५१४<br/>अपक्व शोथ में पाटन का निषेध<br/>सिरागत शल्य<br/>५१४<br/>आम शोथ छेदन की निन्दा<br/>स्नायुगत शल्य<br/>शस्त्रकर्म के पूर्व भोजन का निर्देश<br/>शस्त्र कर्म विधि<br/>(xxxi)<br/>५१५<br/>५१५<br/>विषय<br/>शल्य कर्म के योग्य स्थान शल्य चिकित्सक के गुण<br/>५२३<br/>क्षार सेवन के अयोग्य<br/>११५<br/>५२३<br/>१५<br/>आदि में तिर्मक क्षेदन का निर्देश<br/>बहिः परिमार्जन<br/>अन्यत्र निषेध<br/>शार पाक विधि<br/>५२७<br/>शस्त के पलात् कर्म<br/>शार प्रयोग के नियम<br/>५२३<br/>शव क्षत में वेदना होने पर<br/>५२४<br/>शख कर्म में अपच्य<br/>कार के दश दोष<br/>५२४<br/>वणी के लिये भोजन<br/>क्षार कर्म के लिये उपकरण<br/>५२५<br/>अजीर्ण से उत्पत्र दोष<br/>शार प्रयोग विधि<br/>५२५<br/>वणी को नूतन धान्य का निषेध<br/>मित्र-मित्र रोगानुसार क्षार प्रयोग<br/>५२५<br/>वण का पुनः प्रक्षालन<br/>सम्यक् क्षार दग्ध के लक्षण<br/>५२६<br/>पूतिमांसादि व्रण में विकेशिका (वर्ति)<br/>क्षार के कर्म<br/>५२६<br/>विदग्ध व्रण पाटन<br/>४०. अग्निकर्म विधि<br/>५२६<br/>सौवन विधि<br/>सार संक्षेप<br/>५२६<br/>सीवन के पश्चात् कर्म<br/>अग्निकर्म का महत्व<br/>५२७<br/>सीवन के अयोग्य व्रण<br/>५३२<br/>अग्निकर्म के योग्य अङ्ग<br/>सीवन के योग्य व्रण<br/>५३२<br/>त्वचा में अग्नि कर्म<br/>पंचदश व्रण बन्ध<br/>५३३<br/>- बिना व्रण के भी बन्धन<br/>५३४<br/>मांस में अग्निकर्म<br/>- सिरा-स्नायु आदि में अग्निकर्म<br/>स्थानानुसार बन्धन<br/>अग्निकर्म के अयोग्य<br/>५३४<br/>व्रण न बांधने से उत्पन्न दोष<br/>५३४<br/>अग्निकर्म विधि<br/>व्रण बन्धन से लाभ<br/>५३४<br/>सम्यक् दग्ध के लक्षण<br/>- स्थिरादि व्रणों की वृक्ष के पत्तों से चिकित्सा<br/>त्वम् दग्ध के लक्षण<br/>बन्धन का निषेध<br/>मांस दग्ध के लक्षण<br/>मक्षिकादि दूषित व्रण की चिकित्सा<br/>सिरा दग्ध के लक्षण<br/>अन्य निर्देश<br/>अतिदग्ध<br/>- व्रण रोपण के बाद सावधानियां<br/>तुत्थदग्ध के शमन का उपाय<br/>३९. क्षारकर्म विधि<br/>- दुर्दग्ध की चिकित्सा<br/>सार संक्षेप<br/>क्षार का महत्त्व<br/>- क्षार के भेद और उनका प्रयोग<br/>परिशिष्ट नं० १ शब्द कोष परिशिष्ट नं० २ पारिभाषिक शब्द<br/>सन्धान वर्ग |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | Dewey Decimal Classification |
Koha item type | BOOKS |
Withdrawn status | Lost status | Source of classification or shelving scheme | Damaged status | Not for loan | Collection code | bill no. | bill date | Home library | Current library | Date acquired | Source of acquisition | Coded location qualifier | Cost, normal purchase price | Total Checkouts | Full call number | Accession No | Date last seen | Price effective from | Koha item type | Public note |
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Dewey Decimal Classification | Not For Loan | MAMCRC | COV-11923 | 26/07/2022 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 29/08/2022 | Chaukhambha Orientalia | REF | 325.00 | 615.538 SRI | A2797 | 29/08/2022 | 29/08/2022 | BOOKS | Reference Books | ||||
Dewey Decimal Classification | MAMCRC | COV-11923 | 26/07/2022 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 29/08/2022 | Chaukhambha Orientalia | 325.00 | 615.538 SRI | A2798 | 29/08/2022 | 29/08/2022 | BOOKS | |||||||
Dewey Decimal Classification | MAMCRC | COV-11923 | 26/07/2022 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 29/08/2022 | Chaukhambha Orientalia | 325.00 | 615.538 SRI | A2799 | 29/08/2022 | 29/08/2022 | BOOKS |