Vaidyajivanam (Record no. 18224)
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fixed length control field | 16087nam a22001817a 4500 |
003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER | |
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
International Standard Book Number | 9788176370035 |
041 ## - LANGUAGE CODE | |
Language code of text/sound track or separate title | HINDI |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 615.53 TRI |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Author name | Tripathi,Indradeva |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | Vaidyajivanam |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Place of publication, distribution, etc. | Varanasi |
Name of publisher, distributor, etc. | Chaukhambha Orientalia |
Date of publication, distribution, etc. | 2020 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Page | 100p. |
500 ## - GENERAL NOTE | |
General note | प्य-सूची<br/>नमस्कारात्मकमंगलाचरण<br/>अपनी इष्टदेवी पार्वती के नमस्का<br/>रात्मक दूसरा मंगलाचरण<br/> अन्ध के शास्त्र संमत होने का कथन<br/>ग्रन्थ के नाम का उल्लेख<br/>ग्रन्थ की निन्दा करने वालों की उपेक्षा "<br/>ग्रन्थ के अनधिकारी का वर्णन<br/>चिकित्सा के अधिकारियों का वर्णन "<br/>वैद्यों का कर्तव्य<br/>वाहयुक्तज्वरादि में जलादि काय वाह में सहस्रचीतपूत का प्रयोग<br/>पित्तश्वर में उत्पन्न व्यास, दाह आदि दूर करने के उपाय<br/>सभी प्रकार के दाह नाश करने<br/>के उपाय दाह नष्ट करने वाले उपाय<br/>प्यास, दाह तथा मूर्च्छा में निम्ब-<br/>पत्र के फेन का लेप<br/>ज्वर रोग में हितकर पथ्य का उपदेश ४<br/>रोगी के लिए पथ्य सेवन की विशेषता " अन्धकार का विनय प्रदर्शन<br/>ग्रन्थ की उपयोगिता का प्रदर्शन ज्वर दूर करने के लिये ग्रन्थकार की प्रतीज्ञा<br/>दाह में शीतल द्रव्यों के लेप का विधान<br/>ताप नाशक अन्य उपाय<br/>ज्वर में लङ्घन की प्रधानता तथा सुरपादपादिपाचनक्वाथ<br/>क्रमशः वात-पित्त-कफ ज्वरों में तीन काथ का निर्देश<br/>बातज्वर में पीयूषादि काथ <br/>उशीरा दिक्वाथ<br/>बात-पित्तज्वर में पञ्चभक्काथ "<br/>पित्तज्वर में रैणवक्वाथ<br/>चन्दन आदि के साथ पित्तपापड़े का काथ<br/>*मूर्च्छा आदि उपद्रव से युक्त पित्त- ज्वर में द्राक्षादि तथा<br/>दुःस्पर्शादि दो कषाय गुडूच्या दिक्काथ <br/>पित्त-कफजन्यज्वर में लोहित- चन्दनादिक्वाथ "<br/>पैतिक ज्वर में अधरपान का निर्देश<br/>आभ्यन्तरिकदाह में धान्यहिम<br/>का प्रयोग<br/>वातपित्तजन्य ज्वर में पञ्चमूत्यादि काथ श्वास-कास सहित कफज्जर में<br/>श्रङ्गधादिभवलेह<br/>श्वासयुक्तश्वर में भाङ्गधादिकाथ ज्वर रोग में मुख की कहुआहट को<br/>दूर करने के उपाय कफ ज्वर में कास-आदि नाशक<br/>कट्फलादि काथ<br/>भोजन में अरुचिनाश करने के उपाय सन्निपात ज्वर में ग्रन्ध्यादि काथ<br/>अर्कादि काथ सभी प्रकार के सन्निपातनाशक तिक्तादि काथ<br/>सन्निपात रोग पर विजय पानेवाले वैद्य की प्रशंसा<br/>सश्चिपातज्वर में कर्णमूलशोथ का प्रतिकार<br/>शिरःशुल, पार्ष धूल आदि की निवृति के उपाय<br/>कफजन्य जीर्ण उवर में गुद्धची का काथ<br/>कफजम्मञ्जीर्णश्वर में पश्वमूलीकषाय १८ जीर्णविषमज्वर तथा सनिपातज्वर<br/>शान्त करने के उपाय<br/>ऐकाहिक ज्वर में जलाक्षलि का प्रयोग १९ तृतीयकज्वर की चिकित्सा<br/>चातुर्थिकज्वरचिकित्सा में नश्थ का प्रयोग २०<br/>चातुर्थिकज्वर में दूसरा नस्य<br/>सुरदार्वादिकाथ<br/>शोतज्वरनाशक औषध<br/>शीतज्वर में इन्द्रजवादि काथ<br/>विषम ज्वर का औषध<br/>द्वितीय विलासः<br/>उवशतिसार की चिकिन्या में अमृतादि काथ<br/>उवरातिसार में पश्चमूष्यादि काय<br/>लघुपश्नमूल तथा बृहत्पञ्जमूल को दोषानुसार ग्रहण करने का निर्देश<br/>शोकातिसार की चिक्रिसा अतिसार में बालकादि फाय<br/>धान्यचतुष्कळाथ<br/>इन्द्रजवादि चूर्ण का प्रयोग<br/>शुष्ट्यादिचूर्ण का प्रयोग<br/>श्थामा का प्रयोग<br/>कुटजादिकाथ<br/>बृहद् गङ्गाधर चूर्ण<br/>रक्तातिसार में अनार तथा कुटज के छाल का काथ<br/>प्रकारान्तर से पूर्वोक्त औषध का निर्देश<br/>घिसे हुए चन्दन का प्रयोग<br/>विषमज्वर में रसोनकल्फ का प्रयोग "<br/>गुढ़ तथा कच्चे बेल का प्रयोग<br/>विषम ज्वर नाशक चार योग<br/>विषम उवर में पटोलादि काथ<br/>विपम ज्वर में कुलकादि क्वाथ<br/>विषमज्वर में पिप्पली का प्रयोग<br/>विषम ज्वर में चौराई की जड़ धारण<br/>करना<br/>विषमज्वर में मदिरादि काथ<br/>विषमज्वर में अमृतादि काथ دو<br/>ज्वरहरधूप<br/>एक दिन में दो बार आने वाले ज्वर का औषध<br/>विषमज्वर क्षय आदि रोगों में घृत<br/>कर्मजन्यज्वर के उपाय "<br/>ज्वर पीड़ित एवं ज्वर मुक्त के लिए हितकर उपदेश २६<br/>असाध्य अतिसार के रोगी के लिये<br/>कर्तव्य कर्म<br/>ग्रहणीरोर्गाचकित्सा- पुनर्नवादिक्वाथ<br/>शुण्ट्यादि क्वाथ तथा घृत<br/>पाठादिचूर्ण<br/>चन्द्रकलाचूर्ण<br/>क्षारद्वन्द्व। दि चूर्ण<br/>द्विक्षारादिचूर्ण चित्रकादिचूर्ण<br/>रुचकादिचूर्ण<br/>पयोधर। दिधृत तृतीयो बिलासः<br/>श्वासकासादीनां चिकित्सा-<br/>श्वास-कास चिकित्सा में पश्चमूली- काथ<br/>अनादिगुटिका<br/>विभीतकावलेह<br/>आर्द्रकपाक (आदीपाक)<br/>सिन्तामणिचूर्ण<br/>वासादिकाथ<br/>लवङ्गादिगुटिका<br/>नागरक्वाथ<br/>३६। कामलारोग में सौठ<br/>गामूत्र का प्रयोग<br/>योनिशूलनाशक उपाय<br/>३७ षोनिशूलनाशकलेप<br/>मिश्रित<br/>दूध के विकार को नाश करने का उपाय"<br/>प्रदररोग दूर करने का उपाय<br/>भटकटैया का काथ<br/>पिप्पल्यादि चूर्ण<br/>स्त्रियों के रजोऽवरोध तथा गर्भपात का उपाय<br/>प्रदर में तण्डलीया दिचूर्ण का प्रयोग<br/>सरसों के तैल से मिश्रित गुड़ का प्रयोग<br/>गर्भिणी के सुख प्रसव तथा वमन के उपाय<br/>" सुख में विभीतक धारण करने का फल ३९ गर्भिणी के सूतिका रोग में धान्यादि<br/>शुण्ठीभार्कीकाथ<br/>काथ तथा वालकों के वमन<br/>त्रिकटुचूर्ण का प्रयोग<br/>आदि नाशक दो योग<br/>अदरख के रस का प्रयोग<br/>अडूस। का काथ<br/>४० " चतुर्थो विलासः<br/>फलश्रयादिचूर्ण<br/>आमवातचिकित्सा -<br/>आमवात की चिकित्सा में दशमूल का काथ या सौंठ का काथ<br/>एरण्डतैलयुक्तरास्ना दिक्काथ<br/>नेत्ररोगचिकित्सा一<br/>नेत्र रोग की चिलित्सा में कुलत्था-<br/>द्यञ्जन<br/>सहिजन का अभन<br/>" क्षयरोग में अडूसा का प्रयोग<br/>४१ मेद को कम करने का उपाय क्रिमिरोग का उपाय<br/>अर्जुनरोग को नष्ट करनेवाला अञ्जन ४२<br/>मधु नथा घृत के साथ त्रिफला का<br/>प्रयोग<br/>रतौंधी को दूर करने का उपाय<br/>शुक्ररोग (फूली) को दूर करने ४३<br/>का उपाय<br/>कामलारोग दूर करने का उपाय<br/>• कामलारोग नाशक नस्य<br/>कामलानाशक अञ्जन<br/>बालकों के अतिसार दूर करने के उपाय "<br/>क्षयरोगचिकित्सा -<br/>क्षयादिरोगों की चिकित्सा सुनने के लिये रत्नकला का प्रस्ताव<br/>क्षयरोग में मधु, मिश्री तथा मक्खन का प्रयोग<br/>वण रोग का उपाय<br/>मुखपाक को दूर करने का उपाय<br/>अम्लपित्त की चिकित्सा<br/>प्रमेह की चिकित्सा<br/>सभी प्रकार के प्रमेहों को नाश करनेवाला मधुयुक्त गुडूची- स्वरस का प्रयोग<br/>वातरक्त का औषध<br/>वात रक्त में पिण्ड तेल तथा<br/>एरण्डादि क्वाथ<br/>विषूचिका की चिकित्सा<br/>विषूचिका में प्यास तथा वमन की<br/>चिकित्सा<br/>उष्णता अन्य स्वेद का उपचार<br/>खुजली का उपचार<br/>बिपादिका (बेवाई) की चिकित्सा "<br/>अर्श आदि रोगों की चिकित्सा<br/>बात नाषा के लिये विलासिनी के साथ आलिङ्गन का उपदेश<br/>वित्त की चिकित्सा<br/>एफ का औषध<br/>पञ्चमो विलास<br/>वाजीकरण-<br/>वाजीकरण में कामोद्दीपक दब्य का<br/>गण्डमाला की चिकित्सा<br/>निर्देश<br/>कण्ठ रोग की चिकित्सा<br/>मन्दाग्नि की चिकित्सा<br/>वाजीकरण मधु घृत के साथ सुलेठी<br/>का प्रयोग<br/>पथरी आदि रोगों की चिकित्सा<br/>अग्निमान्ध चिकित्सा में हिंग्वष्टक तथा वृक्षाम्लादिचूर्ण<br/>लोलिम्बराजनामकचूर्ण<br/>व्रण की चिकित्सा<br/>अमृतादिचूर्ण<br/>उच्चटा दिक्षीरपाक<br/>शतावरी चूर्ण का प्रयोग<br/>विदारीस्वरस से भावित उसके चूर्ण<br/>का प्रयोग<br/>हृदयरोग की चिकित्सा<br/>विदारीकन्द के चूर्ण का प्रयोग<br/>दन्त रोग की चिकित्सा<br/>शक्कर तथा घी के साथ दूध का प्रयोग<br/>रक्तपित्त की चिकित्सा<br/>रसप्रयोग का क्रम<br/>हिक्का की चिकित्सा<br/>रक्तपित्त में अडूसा के फाथ का प्रयोग ५६<br/>शीतारिना मकरस<br/>विश्वतापहरणरस<br/>कनक सुन्दर रस<br/>अम चिकित्सा<br/>पञ्चामृत पर्पटी रस<br/>शोकजन्य उपद्रव का उपाय<br/>उरुस्तम्भ की चिकित्सा<br/>शूल आदि रोगों का औषध<br/>विलासिनी वल्लभ रस<br/>मूत्रकृच्छ्र की चिकित्सा<br/>मूत्रकृच्छ्रादिनाशक दो क्वाथ <br/>व्यङ्ग रोग की चिकित्सा<br/>नाशक लेप<br/>शोथ की चिकित्सा<br/>मुखकान्तिप्रद तथा पिटकादि<br/>कुछ रोगों में अनुपान का निरूपण ६०<br/>उदर रोग वातरोग तथा भवभय<br/>रूपी रोग की औषध<br/>ग्रन्थकार का परिचय<br/>वैद्यजीवन का योगसंग्रह <br/>परिशिष्ट-२<br/>६० " वातरोगों की चिकित्सा<br/>मान-परिभाषा<br/>शिरःशूल तथाकर्णशूल की चिकित्सा<br/>परिशिष्ट- |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | Dewey Decimal Classification |
Koha item type | BOOKS |
Withdrawn status | Lost status | Source of classification or shelving scheme | Damaged status | Not for loan | Collection code | bill no. | bill date | Home library | Current library | Date acquired | Source of acquisition | Coded location qualifier | Cost, normal purchase price | Total Checkouts | Full call number | Accession No | Date last seen | Price effective from | Koha item type | Public note |
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Dewey Decimal Classification | Not For Loan | MAMCRC | COV-11923 | 26/07/2022 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 30/08/2022 | Chaukhambha Orientalia | REF | 75.00 | 615.53 TRI | A3055 | 30/08/2022 | 30/08/2022 | BOOKS | Reference Books | ||||
Dewey Decimal Classification | MAMCRC | COV-11923 | 26/07/2022 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 30/08/2022 | Chaukhambha Orientalia | 75.00 | 615.53 TRI | A3056 | 30/08/2022 | 30/08/2022 | BOOKS | |||||||
Dewey Decimal Classification | MAMCRC | COV-11923 | 26/07/2022 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 30/08/2022 | Chaukhambha Orientalia | 75.00 | 615.53 TRI | A3057 | 30/08/2022 | 30/08/2022 | BOOKS |