Sachitra Mukha Kantha Cikitsa Vijnana (Record no. 18259)

MARC details
000 -LEADER
fixed length control field 09674nam a22001697a 4500
003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER
control field OSt
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION
control field 20240603152914.0
008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION
fixed length control field 220902b xxu||||| |||| 00| 0 eng d
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
International Standard Book Number 9788176371360
041 ## - LANGUAGE CODE
Language code of text/sound track or separate title HINDI
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number 616.31 CHO
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Author name Choudhury,R.C.
245 ## - TITLE STATEMENT
Title Sachitra Mukha Kantha Cikitsa Vijnana
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT)
Place of publication, distribution, etc. Varanasi
Name of publisher, distributor, etc. Chaukhambha Orintalia
Date of publication, distribution, etc. 186p.
500 ## - GENERAL NOTE
General note विषय-सूची<br/>प्रथम अध्याय<br/>३-१३ आधुनिक मुस्त व गला शारीर, फेरिंक्स कण्ठ, गला, नेजो फेरिंक्स ६, ओरो-फेरिंक्स ७, लेरिंगो फेर्रिक्स ८, वेल्डेयार का लिम्फेटिक चक्र तथा सम्बन्धित प्रत्यङ्ग ९, फेरिंक्स का लिम्फायड टिशू तथा चालडेयर्स रिंग, दान्सिलों का कार्य १०, गला टान्सिल आदि परीक्षा ११ ।<br/>द्वितीय अध्याय<br/>यासम्भव<br/>पुरी<br/>२. आयुर्वेदिक विचार से मुखरोग १४-५<br/>मुखरोग-६५, मुखस्वरूप, मुखरोग-संख्या १५, वाग्भट के मत से मुखरोग निदान १६, ओष्ठगतरोग, वाग्भट मतानुसार ओष्ठरोग बातिक ओष्ठ-प्रकोप १७, खण्डौष्ठ चिकित्सा पैत्तिक ओष्ठप्रयोग १९, पैत्तिक ओष्ठ प्रकोप चिकित्सा २०, कफज ओष्ठप्रकोप २१, सान्निपातिक ओष्ठप्रकोप, रक्तदुष्ट ओष्ठप्रकोप २२, मेदोदुष्ट ओष्ठप्रकोप, मांसदुष्ट ओष्ठ- प्रकोप २३, क्षतज वा अभिघातज ओष्ठप्रकोप, वातज ओष्ठकोप और अभिघातज ओष्ठकोप में अन्तर, जलार्बुद २४, जलार्बुद की चिकित्सा, गण्डरोग-गण्डालजी, दाँत या दन्त, दन्तमूल, मसूड़ा २५, दाँत को बनाबट २६, दन्तमूलगतरोग-२७, शीताद २८, दन्तपुष्पुटक या<br/>(5)<br/>दन्तपुप्पुट २९, दन्तवेष्टक, 'दन्तवेष्ट चिकित्सा २०, उपकुश ३१, दन्तबैदर्भ ३२, वर्धन ३३, अधिमांस १४, शौषिर वा सुषिर ३५, महाशौषिर ३६, परिदर की अवस्था, दन्तनाड़ी ३७, दन्तनाड़ी- अणहर चिकित्सा ३९, दन्तगतरोग-८, दन्तरोग (सुश्रुत), दालन ४०, दन्तहर्ष ४१, दन्तशर्करा, कपालिका ४३, भञ्जनक ४४, कृमिदन्तक या कृमिदन्त ४५, श्याबदन्त ४७, हनुमोक्ष, दन्तरोगों में वर्जनीय ४८, आचायों में दन्तरोगसंख्या में मतभेद, कराल, दन्तचाल ४९, दन्तविद्रधि ५०, दन्तशूल और उसकी चिकित्सा ५१।<br/>३. जिह्वा<br/>तृतीय अध्याय<br/>५३-७१<br/>आकार, सीमित गति ५२, जिह्वा का पश्चिम भाग व गह्वर निरीक्षण, जिह्वा का रसग्रन्थि प्रवहन ५४, दन्तजन्यत्रण, जिह्वा का कासिनोमा ५५, जिह्वा का aphthous ulcer, Gumma of the tongue, चिरकारी, जिह्वागत रोग ५६, वातिक कण्टक ५७, पैत्तिक जिह्वाकण्टक, लेष्मिक जिह्वाकण्टक ५८, अलास ५९, उपजिह्वा या उपजिह्विका ६०, अधिजिह्न (सुश्रुत मत से उपजिह्विका ) चिकित्सा, उपजिह्व, तालुगत रोग ६२, गलशुण्डिका या कण्ठ- शुण्डी, गलशुण्डिका ६३, प्रतिसारण, कबल, कफनाशक धूम, तुण्डि- केरी ६५, अनुष, कच्छप या तालुकच्छप ६६, अर्बुद, मांससंघात ६७, तालुपुष्पुट, तालुशोष ६८, तालुपाक ६९, अष्टापद ७०, तालु-निरीक्षण <br/>६.. कण्ठगतरोग १११-१२<br/>षष्ठ अध्याय<br/>कण्ठगतरोग-१८ प्रकार १११, रोहिणी ११२, वातज रोहिणी, पित्तज रोहिणी ११३, कफन रोहिगी, त्रिदोषजा रोहिणी, रक्तज रोहिणी ११४, वाग्भठमतानुसार कण्ठरोगों की साधारण चिकित्सा ११६, वाग्भटमतानुसार वातिकादि रोहिणी निकित्सा ११७, कण्ठ- शालूक ११८, अधिजिह्निका ११९, वलय, वलास १२०, एकवन्द, वृन्द १२१, गिलायु, गलविद्रधि १२२, गलौष १२३, स्वरन्न १२४, मांसतान, बिदारी, गलविदारणाद् विदारी <br/>७. गलार्बुद <br/>सप्तम अध्याय<br/>गलगण्ड, वातज गलगण्ड १२७, कफज गलगण्ड १२८, मेदोजगलगण्ड १३०, सर्वसर मुखरोग या सर्वसर मुखपाक १३१, पित्तज मुखपाक, कफज मुखपाक, मुखपाक-चिकित्सा १३२, ऊर्ध्वगुद के लक्षण, पूतिवक्त्रता के लक्षण १३४, असाध्य मुखरोग<br/>८. कर्णव्यधबन्धविधि <br/>अष्टम अध्याय<br/>व्यायोजिम, कपाटसन्धिक, अर्धकपाटसन्धिक, संक्षिप्त, हीनकर्ण; वल्लीकर्ण, यष्टिकर्ण, काकौष्ठक १४०, Pedicle-flap grafting द्वारा सन्धान १४१, कान बड़ा करना (अभिवर्धन) १४४, उद्वर्तन या उबटन कर्णपाली रोग व चिकित्सा १४६, नासा-सन्धान विधि १४९, ओष्ठ-सन्धान विधि <br/>६. शिरोरोग<br/>नवम अध्याय<br/>सुश्रुत के मत से शिरोरोग ११ प्रकार हैं १५३, शिरोरोग के कारण, वातिक शिरोरोग १५७, वातिक शिरोरोग लक्षण १५८, वातिक शिरोरोग में उपचार, वातिक शिरोरोग में चिकित्सा-सूत्र १६१, साधारण शिरोरोग में काथ-पान १६३, ष‌ड्विन्दु तैल, पैतिक शिरो- रोग १६४, कफज शिरोरोग १६७, रक्तज शिरोरोग, त्रिदोषज शिरोरोग, क्षयज शिरोरोग १६९, कृमिज शिरोरोग १७०, सूर्यावर्त (या भास्करावर्त्त), अनन्तवात, अर्धावभेदक (या अर्धभेद), 'शक सूर्यावर्त्त १७२, चरक के मत से सूर्यावर्त्त-निदान और सम्प्राप्ति १७३, विदेह मत में सूर्यावर्त्त-विपर्यय १७४, अष्टाङ्गहृदयकार वाग्भट के मत से सूर्यावर्त्त , अनन्तवात १७६, अर्धावभेदक या अर्धमेद शिरोलेप, शङ्खकरोग शिरोरोग में बातिक आदि दृष्टि से नस्य कर्म १शिरोरोगों में पथ्य, शिरोरोगों में अपथ्य, शिरोरोगों में रसौषधि चिकित्सा , उपसंहार
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Source of classification or shelving scheme Dewey Decimal Classification
Koha item type BOOKS
Holdings
Withdrawn status Lost status Source of classification or shelving scheme Damaged status Not for loan Collection code bill no. bill date Home library Current library Date acquired Source of acquisition Coded location qualifier Cost, normal purchase price Total Checkouts Full call number Accession No Date last seen Price effective from Koha item type Public note
    Dewey Decimal Classification   Not For Loan MAMCRC COV - 11923 26/07/2022 MAMCRC LIBRARY MAMCRC LIBRARY 02/09/2022 Chaukhambha Orintalia REF 125.00   616.31 CHO A2995 02/09/2022 02/09/2022 BOOKS Reference Books
    Dewey Decimal Classification     MAMCRC COV - 11923 26/07/2022 MAMCRC LIBRARY MAMCRC LIBRARY 02/09/2022 Chaukhambha Orintalia   125.00   616.31 CHO A2996 02/09/2022 02/09/2022 BOOKS  
    Dewey Decimal Classification     MAMCRC COV - 11923 26/07/2022 MAMCRC LIBRARY MAMCRC LIBRARY 02/09/2022 Chaukhambha Orintalia   125.00   616.31 CHO A2997 02/09/2022 02/09/2022 BOOKS  
Visitor count:

Powered by Koha