Astangahrdayam of Vagbhata (Record no. 19832)
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000 -LEADER | |
---|---|
fixed length control field | 17470nam a22001817a 4500 |
003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER | |
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005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION | |
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008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION | |
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
International Standard Book Number | 9789386735409 |
041 ## - LANGUAGE CODE | |
Language code of text/sound track or separate title | HINDI |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 615.538 GUP |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Author name | Gupta,Atrideva |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | Astangahrdayam of Vagbhata |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Place of publication, distribution, etc. | Varanasi |
Name of publisher, distributor, etc. | Chaukhambha Prakashan |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Page | 839p. |
500 ## - GENERAL NOTE | |
General note | पृष्ठ विषय<br/>विषय<br/>परिचारिका के गुण<br/>१६<br/>आयुष्कामीय अध्याय ।।१।।<br/>रोगी के गुण<br/>१६<br/>चार प्रकार के रोग<br/>मनुष्य का कर्तव्य<br/>दशविध पागों की समीक्षा मित्र और शत्रु के प्रति आचरण<br/>आयुर्वेद की प्रामाणिकता<br/>कृच्छ्रसाध्य रोग<br/>१७<br/>के बनाने को कारण के<br/>याच्य रोग<br/>१८<br/>इन्द्रियों का निग्रह<br/>लोकप्रिय होने का निर्देश<br/>आयुर्वेद के आठ अंग<br/>असाध्य रोग<br/>१८<br/>कार्यारंभ विधान<br/>तीन दोषों का वर्णन<br/>दोषों का काल<br/>जठराग्रि का स्वरूप<br/>कोषा का भेद<br/>त्याज्य रोगी के लक्षण<br/>१८<br/>स्वस्थवृत्त<br/>४<br/>सूत्रस्थान के अध्यायों के नाम १९<br/>त्याज्य कर्म<br/>लोकाचार का पालन<br/>५<br/>सदव्रत के लक्षण<br/>सूत्रस्थान-विषयसूची<br/>प्रकृतिस्वरूप का वर्णन<br/>७<br/>वायु के गुण<br/>७<br/>८ उत्तरस्थान के अध्यायों के नाम २०<br/>कल्पस्थान के अध्यायों के नाम २०<br/>चिकिस्तिस्थान के अध्यायों के नाम २०<br/>पित्त के गुण<br/>कफ के गुण<br/>८<br/>दिनचर्या अध्याय ।।२।।<br/>संसर्ग और सन्निपात के गुण<br/>८<br/>प्रातः उठने का समय<br/>२१<br/>धातुओं का वर्णन<br/>८<br/>उठने के पश्चात् कर्तव्य<br/>२१<br/>शारीरस्थान के अध्यायों के नाम १९ निदानस्थान के अध्यायों के नाम १९<br/>दिन-रात का विवेचन<br/>आचार-पालन का परिणाम<br/>ऋतुचर्या अध्याय ।।<br/>३।।<br/>षड्ऋतु वर्णन<br/>बल का उपचयापचय काल<br/>हेमन्तत्रऋतु में जठराग्नि का<br/>प्रावल्य<br/>मलों की संज्ञा<br/>९<br/>दन्तधावन का प्रतिषेध<br/>२२<br/>हेमन्तऋतु में ऋतुचर्या<br/>वृद्धि और हास<br/>९<br/>सौवीरांजन (सुर्मा) के गुण<br/>२२<br/>हेमन्तऋतु में स्नान-भोजनादि<br/>रसों का वर्णन<br/>९<br/>रसांजन की विधि<br/>२३<br/>व्यवस्था<br/>रसों के गुण<br/>१०<br/>नस्यादि सेवनविधि<br/>२३<br/>हेमन्तऋतु में संभोग्य स्त्री<br/>द्रव्य के भेद<br/>१०<br/>रोग विशेष में ताम्बूल का निषेध २४<br/>हेमन्तऋतु में प्रशस्त गृह<br/>द्रव्य के उष्ण और शीतवीर्य ११<br/>तैलाभ्यंग के गुण<br/>२४<br/>शिशिर ऋतुचर्या<br/>द्रव्य का विपाक<br/>११<br/>तैलाभ्यंग का निषेध<br/>२४<br/>द्रव्य के गुण<br/>वसन्त ऋतुचर्या<br/>११<br/>व्यायाम से लाभ<br/>२५<br/>रोग का कारण<br/>वसन्त के मध्याह्न में सेवनीय<br/>११<br/>रोगारोग्य का लक्षण और भेद १२<br/>व्यायाम के अयोग्य मनुष्य<br/>२५ व्यायाम की योग्यता और समय २५<br/>स्थान<br/>रोगों का अधिष्ठान<br/>वसन्त में वर्ज्य पदार्थ<br/>१२<br/>मन को दूषित करने वाले दोष<br/>व्यायाम के पश्चात् कर्तव्य<br/>२५<br/>१२<br/>रोगज्ञान के उपाय<br/>अतिव्यायाम तथा जागरणादि<br/>ग्रीष्म ऋतुचार्य<br/>१२<br/>ग्रीष्म में भोजनादि व्यवस्था<br/>रोगविशेष को जानने के उपाय<br/>से हानि<br/>२६<br/>१३<br/>उबटन से लाभ<br/>ग्रीष्म में रात्रि-भोजन व्यवस्था<br/>देशभेद<br/>१३<br/>औषध के भेद<br/>स्नान के गुण<br/>२६ ग्रीष्म के मध्याह्न में सेवनीय स्थाना<br/>२६<br/>१४<br/>औषध का विषय<br/>उष्ण जल से स्रान की विधि-<br/>ग्रीष्म की रात्रि में सेवनीय स्थान<br/>१४<br/>चिकित्सा के पादभेद<br/>निषेध<br/>२६<br/>वर्षा ऋतुचर्या<br/>वैद्य के गुण<br/>१४<br/>स्नान के अयोग्य मनुष्य<br/>२७<br/>औषध के चार गुण<br/>१५<br/>भोजन तथा मल-मूत्रोत्सर्ग की<br/>१५<br/>परिचारक के गुण<br/>व्यवस्था<br/>२७<br/>१५<br/>सुखसाधन धर्म की प्रशंसा<br/>२७<br/>वर्षा में भोजनादि व्यवस्था<br/>वर्षा में विशेष नियम<br/>शरद् ऋतुचर्या<br/>शरद् में भोजनादि व्यवस्था<br/>हेगावरोधन निषेध<br/>भलवेग रोकने से रोग<br/>मूत्रवेग रोकने से रोश<br/>अधोवायु के अवरोध से दोग<br/>বিষয়<br/>शरद में हंसीदक का भा शरद में संस्था सेवन विधि<br/>शरद में<br/>YE<br/>रोगानुत्पादनीय अध्याय ।।<br/>४।।<br/>ग<br/>(१७)<br/>५९<br/>94<br/>पुराने धूल के गुल<br/>५६<br/>VE<br/>रोगों से बननेकपा<br/>मलवेग रोकने से डापत्र रोग<br/>४३.<br/>गाङ्गोदक के गुण<br/>द्रवद्रव्यविज्ञानीय अध्याय<br/>४८ताँड (ग) के गुशी<br/>गुड़ के गुण<br/>५८<br/>का उपाय<br/>गागोदक का सक्षण<br/>४९<br/>शक्कर, नित्री आदि के गुण<br/>१८<br/>मूत्रवेग रोकने से वापत्र रोग का उपाय<br/>४४<br/>सामुद्र जल का लक्षण<br/>गाङ्गोदक के अभाव में पेय जल<br/>पता की कहार के गुण<br/>अन्य शर्करा के गुण<br/>५८<br/>डकार रोकने से उत्पन्न रोग उपाय<br/>४४<br/>अपेय जल<br/>५०<br/>का छींक रोकने से उत्पन्न रोग का उपाय<br/>४४<br/>नदियों का पथ्यापथ्य जल<br/>कूपादि का जल<br/>५१<br/>उष्णा मधु<br/>४४<br/>प्यास रोकने से उत्पन्न रोग का उपाय<br/>जल पीने के अयोग्य रोगी<br/>भोजन-समय जलपान से<br/>५१ ५२.<br/>शर्करा और फाणित का अनार<br/>मधु के गुण<br/>तैल के सामान्य गुण<br/>एरण्ड तैल के गुण<br/>रक्त एरण्ड के तेल गुण<br/>गुणावगुण<br/>५२<br/>४४<br/>ठंडा जल के गुण<br/>सरसों के तेल के गुण<br/>भूख रोकने से उत्पन्न रोग का उपाय<br/>५२<br/>बहेड़े के तैल के गुण<br/>गरम जल के गुण<br/>५२<br/>४५<br/>निद्रा रोकने से उत्पन्न रोग<br/>क्वथित ठंडा जल के गुण<br/>नारिकेल जल के गुण<br/>५३<br/>५३<br/>का उपाय<br/>४५<br/>अन्तरिक्ष जल के गुण<br/>५३<br/>खाँसी रोकने से उत्पन्न रोग का उपाय<br/>नीम के तेल के गुण<br/>अलसी और कुसुम्भ तेल के गु<br/>वसादि के गुण<br/>मद्य के सामान्य गुण<br/>दूध के भेद जल के गुण<br/>५३<br/>नये और पुराने मद्य के गुण<br/>४५<br/>दूध के साधारण लक्षण<br/>५३<br/>मद्यपान का निषेध<br/>श्वास रोकने से उत्पन्न रोग का उपाय<br/>गोदुग्ध के गुण<br/>५३<br/>सुरा के गुण<br/>४५<br/>भैंस के दुग्ध के गुण<br/>५४<br/>वारुणी के गुण<br/>जंभाई रोकने से उत्पन्न रोग<br/>बकरी के दुग्ध के गुण<br/>५४<br/>बहेड़े के मद्य के गुण के गुण<br/>का उपाय<br/>४५<br/>ऊँटनी के दुग्ध के गुण<br/>५४<br/>यवसुरा अरिष्ट के गुण<br/>आँसू रोकने से उत्पन्न रोग का उपाय<br/>स्त्री के दुग्ध के गुण<br/>५४<br/>४५<br/>भेंड़ी के दुग्ध के गुण<br/>५४<br/>द्राक्षामद्य के गुण<br/>वमन रोकने से उत्पन्न रोग का उपाय<br/>हथिनी के दुग्ध के गुण<br/>५५<br/>खजूरमद्य के गुण<br/>४५<br/>घोड़ी के दुग्ध के गुण<br/>५५<br/>शर्करामद्य के गुण<br/>वीर्यस्खलन और मूत्रवेग रोकने से रोग<br/>कच्चे दूध के गुण<br/>५५<br/>गुडमद्य के गुण<br/>४६<br/>पके और धारोष्ण दूध के गुण<br/>५५<br/>सीधु के गुण<br/>असाध्य रोग<br/>४६<br/>दही के गुण<br/>५५<br/>महुवा के मद्य के गुण<br/>वेगरोधजन्य रोगों में कर्तव्य<br/>४६<br/>तक्र के गुण<br/>५६<br/>शुक्त के गुण<br/>रोकने योग्य वेग<br/>दही के तोड़ के गुण<br/>शुक्तों के भेद तथा गुण<br/>विषय<br/>कुष्टोत्यति के हेतु<br/>कालादि से काफलादि कुचीको<br/>महाकुषा के थात भेद<br/>कुष्ठका पूर्वकप<br/>करपाल कुस<br/>उदुम्बर<br/>मण्डत<br/>विचर्चिका<br/>वातशोणितनिदानाध्याय ।।<br/>३७०<br/>आमाशय में<br/>३७०<br/>कतरता रोग का निदाন<br/>श्रोत्रादि में<br/>किटिंष कुष्ठ<br/>चर्मकुष्ठ तथा एक कुष्ठ<br/>रक में<br/>३७६<br/>नातरय रोग के पूर्णप<br/>३७०<br/>मांस-मेदोगत<br/>३७६<br/>नातरक्त का शरीर में व्याप्त<br/>३७१<br/>अस्थिगत<br/>३७६<br/>वातरता के दी मेद<br/>दू शतारु<br/>अलसक तथा विपादिका कुष्ठ<br/>३७१<br/>३७९<br/>मज्जगत<br/>३७६<br/>उत्तान वातरक्त<br/>शुक्रगत<br/>३७६<br/>गम्भारी<br/>कुष्ठ<br/>३७१<br/>सिरागत कुपित वायु<br/>३७६<br/>वाताधिक<br/>३७१<br/>स्नायुगत<br/>३७६<br/>रक्ताधिक<br/>पुण्डरीक<br/>३७१<br/>संधिगत<br/>३७६<br/>पित्तानुविद्ध<br/>विस्फोट तथा पामा कुष्ठ<br/>चर्मदल तथा काकण कुष्ठ<br/>३७१<br/>सर्वांगगतः<br/>३७७<br/>कफानुविद्ध<br/>३७१<br/>धमनीगत<br/>३७७<br/>इन्द्रज<br/>कुष्ठों में कोषों का बाहुल्य<br/>३७२<br/>अपतन्त्रक वायु के लक्षण<br/>३७७<br/>वातरक्त की साध्यासाध्यता<br/>चिकित्सा के अयोग्य कुष्ठ<br/>३७२<br/>अपतानक रोग की उत्पत्ति<br/>३७७<br/>घातक वातरक्त<br/>कुष्ठ की कृच्चड्राकृच्छ्र याप्यता<br/>अन्तरायाम के लक्षण<br/>३७७<br/>प्राण वायु के कार्य<br/>आदि<br/>३७२<br/>बहिरायाम<br/>३७७<br/>उदान<br/>त्वचा आदि में स्थित कुष्ठ<br/>३७२<br/>व्रणायाम<br/>३७८<br/>व्यान वायु के कार्य<br/>चित्र का निदान<br/>३७२<br/>गतवेग होने पर स्वस्थता<br/>३७८<br/>समान<br/>वातादि से उत्पन्न श्वित्र<br/>३७२<br/>हनुस्रंस के लक्षण<br/>३७८<br/>अपान"<br/>वर्णानुसार चित्र की<br/>जिह्वास्तम्भ<br/>के लक्षण<br/>३७८<br/>कष्टसाध्यतादि<br/>३७३<br/>जिह्वास्तम्भ<br/>३७८<br/>वायु के आवरण और भेद निराम वायु के लक्षाम<br/>साम और<br/>सित्र को साध्यासाध्यता<br/>३७३<br/>अर्दित (लकवा)<br/>३७८<br/>पित्तावरण<br/>वायु के लक्षण<br/>रोगों की संचरणशीलता<br/>३७३<br/>असाध्य सिराग्रह<br/>३७८<br/>कफावृत<br/>कृमियों के दो भेद<br/>३७३<br/>एकांग (पक्षाघात)<br/>३७९<br/>रक्तावृत<br/>जन्म तथा नाम से कृमियों<br/>सर्वांग रोग<br/>३७९<br/>मांसावृत<br/>के भेद<br/>३७३<br/>असाध्य पक्षाघात<br/>३७९<br/>मेदसावृत<br/>बाह्य तथा आभ्यन्तर कृमि<br/>दण्डक<br/>अस्थ्यावृत<br/>(३७)<br/>विषय<br/>पृष्ठ<br/>विषय<br/>मज्जावृत<br/>"<br/>पृष्ठ<br/>विषय<br/>शुक्रावृत<br/>वायु के लक्षण<br/>३८४<br/>३८४<br/>पित्तावृत व्यान<br/>وه<br/>अन्नावृत<br/>"<br/>पित्तावृत समान "<br/>३८५<br/>प्राणादिका आवरण से २० भेद<br/>13<br/>३८४<br/>وو<br/>पित्तावृत अपान "<br/>३८५<br/>आवरण के लक्षण<br/>मत्रावृत<br/>३८५<br/>आवरण का ज्ञान<br/>३८५<br/>पुरीषावृत<br/>"<br/>وو<br/>कफावृत प्राण "<br/>وو<br/>३८६<br/>आवरणों का असंख्येयत्व<br/>३८५<br/>सर्वधात्वावृत<br/>कफावृत उदान<br/>رو<br/>३८६<br/>प्राण और उदान वायु की<br/>३८५<br/>कफावृत व्यान<br/>دو<br/>पित्तावृत प्राण<br/>३८६<br/>विशेषता<br/>पित्तावृत उदान<br/>وو<br/>دو<br/>وو<br/>وو<br/>३८५<br/>कफावृत समान तथा अपानवायु<br/>आवरणों का असाध्यत्व<br/>आवरणों से विद्रध्यादि की उत्पत्ति |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | Dewey Decimal Classification |
Koha item type | BOOKS |
Withdrawn status | Lost status | Source of classification or shelving scheme | Damaged status | Not for loan | Collection code | bill no. | bill date | Home library | Current library | Date acquired | Source of acquisition | Coded location qualifier | Cost, normal purchase price | Total Checkouts | Full call number | Accession No | Date last seen | Price effective from | Koha item type | Public note | Checked out | Date checked out |
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Dewey Decimal Classification | Not For Loan | MAMCRC | 233 / 23-24 | 12/10/2023 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 31/10/2023 | Chaukhambha Prakashan | REF | 775.00 | 615.538 GUP | A3256 | 31/10/2023 | 31/10/2023 | BOOKS | Reference Books | ||||||
Dewey Decimal Classification | MAMCRC | 233 / 23-24 | 12/10/2023 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 31/10/2023 | Chaukhambha Prakashan | 775.00 | 2 | 615.538 GUP | A3257 | 23/07/2024 | 31/10/2023 | BOOKS | 21/10/2024 | 23/07/2024 | ||||||
Dewey Decimal Classification | MAMCRC | 233 / 23-24 | 12/10/2023 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 31/10/2023 | Chaukhambha Prakashan | 775.00 | 615.538 GUP | A3258 | 31/10/2023 | 31/10/2023 | BOOKS | |||||||||
Dewey Decimal Classification | MAMCRC | 233 / 23-24 | 12/10/2023 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 31/10/2023 | Chaukhambha Prakashan | 775.00 | 1 | 615.538 GUP | A3259 | 28/05/2025 | 31/10/2023 | BOOKS | 24/05/2025 | |||||||
Dewey Decimal Classification | MAMCRC | 233 / 23-24 | 12/10/2023 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 31/10/2023 | Chaukhambha Prakashan | 775.00 | 2 | 615.538 GUP | A3260 | 07/04/2025 | 31/10/2023 | BOOKS | 19/03/2025 | |||||||
Dewey Decimal Classification | MAMCRC | 233 / 23-24 | 12/10/2023 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 31/10/2023 | Chaukhambha Prakashan | 775.00 | 2 | 615.538 GUP | A3261 | 26/04/2025 | 31/10/2023 | BOOKS | 07/04/2025 | |||||||
Dewey Decimal Classification | MAMCRC | 233 / 23-24 | 12/10/2023 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 31/10/2023 | Chaukhambha Prakashan | 775.00 | 3 | 615.538 GUP | A3262 | 30/05/2025 | 31/10/2023 | BOOKS | 26/05/2025 | |||||||
Dewey Decimal Classification | MAMCRC | 233 / 23-24 | 12/10/2023 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 31/10/2023 | Chaukhambha Prakashan | 775.00 | 1 | 615.538 GUP | A3263 | 07/04/2025 | 31/10/2023 | BOOKS | 22/03/2025 | |||||||
Dewey Decimal Classification | MAMCRC | 233 / 23-24 | 12/10/2023 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 31/10/2023 | Chaukhambha Prakashan | 775.00 | 3 | 615.538 GUP | A3264 | 01/07/2025 | 31/10/2023 | BOOKS | 04/08/2025 | 01/07/2025 | ||||||
Dewey Decimal Classification | MAMCRC | 233 / 23-24 | 12/10/2023 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 31/10/2023 | Chaukhambha Prakashan | 775.00 | 2 | 615.538 GUP | A3265 | 28/05/2025 | 31/10/2023 | BOOKS | 24/05/2025 |