Bhaishajya Kalpana Vigyana (Record no. 19982)

MARC details
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003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER
control field OSt
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041 ## - LANGUAGE CODE
Language code of text/sound track or separate title HINDI
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Edition number 2nd
Classification number 615.538 MIS
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Author name Mishra,Santosh Kumar
245 ## - TITLE STATEMENT
Title Bhaishajya Kalpana Vigyana
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT)
Place of publication, distribution, etc. Delhi
Name of publisher, distributor, etc. Chaukhambha Orientalia
Date of publication, distribution, etc. 2022
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Page 868p.
500 ## - GENERAL NOTE
General note अध्याय-१<br/>अनुक्रमणिका<br/>भैषज्य शब्द की व्युत्पत्ति या निष्पत्ति, कल्पनाशब्द की व्युत्पत्ति या निष्पत्ति, भैषज्य कल्पना का इतिहास व क्रमिक विकास, ऋग्वेद में औषधियों की उपयोगिता, औषधियों की उत्पत्ति, कतिपय दिव्य औषधियों का उल्लेख, यजुर्वेद में औषधियों का उल्लेख, अथर्ववेद में उपलब्ध प्रमुख औषधि कल्पनाएं, सामवेद में भैषज्य कल्पनाएं, ब्राह्मण ग्रंथों में भैषज्य कल्पनाएं, संहिताग्रंथों में भैषज्य कल्पनाएं, चरकसंहिता का भैषज्य कल्पनाओं में योगदान, भैषज्य कल्पनाओं की अभिवृद्धियों में कारण, सुश्रुत संहिता का भैषज्य कल्पना में योगदान, अष्टांग संग्रह का भैषज्य कल्पना के लिए योगदान, अष्टांग हृदय की भैषज्य कल्पना को देन, चक्रदत्त में वर्णित भैषज्य कल्पनाएं, शाङ्गघर संहिता का भैषज्य कल्पना को योगदान, भैषज्य कल्पना के लिए गोबिन्द दास सेन का योगदान, योग रत्नाकर की भैषज्य कल्पना को देन, आधुनिक कैप्सूल-सूचीवेध-एनीमा कल्पनाएं।<br/>अध्याय-२<br/>औषधि और पैषज्य में अंतर व भेद<br/>अध्याय-३<br/>भैषज्य कल्पना की विशेषताएं।<br/>४५-४८<br/>४९-५०<br/>अध्याय-४<br/>५१-५५<br/>भैषज्य कल्पना के आधर भूत सिद्धान्त, औषधीय परिभाषाएं, मान, रसगुण वीर्य विपाक प्रभाव, अनुक्त व विशेषोक्त, पंचविधकषाय कल्पनाएं, औषधयोगों का नामकरण<br/>६०-१०७<br/>अध्याय-५<br/>सांकेतिक परिभाषाएं-<br/>अध्‌वर्ग, आलवर्ग, कमली, कृष्णवर्ग, ककाराष्टक उपविश वर्ग, कंटक पंचमूल, मतुर्थीज, चतुरुषण, चातुर्मातक, जीवनीयगण, त्रिमद, त्रिकटु, त्रिफला, विजात, त्रिसुगंधि, त्रणपंचमूल, दशमूल, पंचवल्कल, पंचक्षौरीवृक्षः, पंचतिक्त, पंचकोल, बृहत्पंचमूल, लघुपंचमूल, पंचपल्लव, पंचगव्य, पंचामृतम्, पंचमृत्तिका, पीतवर्ग, द्रावकगणः, तैलवर्ग, मधुरत्रय, मित्रपंचक, वल्लीपंचमूल, मूत्राष्टक, लवण त्रय, लवणपंचक, रक्तवर्ग, विषवर्ग, भावना, शोधनकी परिभाषा, सर्वगंधम्, स्नेहवर्ग, विट्वर्ग, श्वेतवर्ग, शुक्लवर्ग, षडूषण, षडंगपानीय, क्षीराष्टक वर्ग, दुग्धाष्टक, क्षारत्रय, क्षारपंचक, क्षाराष्टक, दुग्धत्रय, दुग्धद्वय, पंचगव्य, पंचाज, पंचमाहिषम्, अंजनद्वय, मधुरत्रिफला, कटुचातुर्जात, बलाद्वय, बलात्रय, सामत्रय, बलाख्य पंचमूल, मध्य पंचमूल, मधुरजीवनीय वर्ग, जीवन पंचमूल, निगंधक, क्षारद्वय, क्षीरत्रय, जांगमविषवर्ग, फलविष वर्ग, महापंच विषवर्ग, मूलविष वर्ग, पुष्प विष वर्ग, स्थावरविषवर्ग, नवरत्न (रत्नवर्ग), उपरत्नवर्ग, उपरस वर्ग, सातउपधातु वर्ग, सप्तधातुवर्ग, चतुराम्ल तथा पंचाम्ल वर्ग, अम्लपंचक, फलाम्लपंचक, अष्टादशमूल, अष्टादश धान्य वर्ग, औषधि पंचामृत, कंरजद्वय कंटकत्रय, त्रिलौह, पंचलौह, गंध द्रव्य वर्ग, गंधाष्टक, चंदनद्वय, चंदनादिगण, द्विनिशा, द्विपर्णी, द्विविष, द्विमाष, त्रिबृहती, पंचगण, पंचनिम्ब, पंचतिक्त, पंचभंग, पंचवटी, पंचवेतस, पंचबीज, पंचशस्य, पंचसिद्धौषधि, पंचसुगंधि, पंचांग, पंचाम्र, पंचारविन्द, पंच आविकम्, भस्म (मारण), भस्मोंके वर्ण, अमृतीकरण, धन्वन्तरिभाग, रूद्रभाग।<br/>अध्याय-६<br/>१०८-११६<br/>विविध भैषज्य कल्पनाओं की सवीर्यतावधि, धूपनकर्म, कोष्ठी निर्माण, मृत्तिकापात्र, विश्वामित्रकपाल, तुम्बीपात्र, दरियाईनारियल कापात्र, धर्मपात्र, वस्त्रावरण, धातुपात्र, रत्नोपरत्न के पात्र, तैलनिमग्नम्, मधुनिमग्नम्, उपलेपन (आवरण) विधि, काचपात्र, पाशाणपत्र, सद्यनिर्मित उपयोगी कल्पनाएं, एकदिन पर्यन्त उपयोगी कल्पनाएं, ४ से ६ माह तक उपयोगी कल्पनाएं, वर्षतक सवीर्यतावधि कल्पनाएं, एकवर्ष से अधिक समय तक सवीर्यतावधिकल्पनाएं औषधियों की सवीर्यतावधि बढ़ाने के उपाय।<br/>IX<br/>अध्याय-७<br/>११७-११२<br/>पाश्चात्य भैषज्यकल्पना का इतिहास व विकास ईस्वीपूर्व का इतिहास, ईस्वी पश्चातकालीन इतिहास मध्ययुग का इतिहास, पाश्चात्य चैषज्यकल्पना का आधुनिक कालका इतिहास, अनुकल्पनाएं, मानव जीनोम कोड।<br/>अध्याय-८<br/>१२३-१३६<br/>द्रव्यों के गुणकों की परिभाषा, रस, द्रव्यों के गुण, दीपन, पाचन, दीपनपायन, संशमन, अनुलोमन, स्वंसन, भेदन, रेचन, वमन, देहसंशोधन, छेदन, लेखन, ग्राहि, स्तम्भन, रसायन, बाजीकरणम्, शुक्रल, सूक्ष्म, विकाशी, मदकारी, विष, प्रमाथी, अभिष्यन्दी, विदाही, योगवाही, प्रभाव, विपाक।<br/>अध्याय-९<br/>१३७-१६६<br/>मान परिभाषाएं तथा विविधमानोंकातुलनात्मकज्ञान, मान शब्द की निरूक्ति, मानकाज्ञान क्यों आवश्यक है, मानके भेद, पौतवमान, द्रव्यमान, पाय्यमान, कालमान पौतवमानकावर्णन, कालिंगमान से मागध मान की श्रेष्ठता, कालिंगमान का वर्णन, आचार्यगोबिन्ददास सेन कथित मागधमान, वैद्यक परिभाषा प्रदीप के अनुसार कालिंगमान्, रसशास्त्रीय, प्राचीनमान (रसार्णव के अनुसार), रसरत्नसमुच्चय के अनुसार मान, द्रुवयमान, पाय्यमान, लम्बाईमापन का मिट्रिकमान, भारत में अंग्रजों द्वारा नियत मान, घनपदार्थों का अंग्रेजी तैल, घनपदार्थों के लिए मिट्रिकमान, शुष्क तथा आर्द्र द्रव्योको प्रयोग में लेनेके नियम, कालमान, भैषज्य कल्पना में कालमान का महत्व, ऋतु काल, दोषानुसार ऋतु विभाग, रितुओं के अनुसारही प्रकुपित दोषों के शमन के उपाय, चारयुग एवं उनकी काल सीमा, यूनानी में भी बारह मास होते हैं, पाश्चात्य कालमान, पाश्चात्य १२ मासों के नाम व काल।<br/>अध्याय-१०<br/>१६७-१८७<br/>आयुर्वेदिक औषध कल्पों की संरक्षण विधि तथा आधुनिक मतानुसार ज्ञान और उपयोगिता, निर्माण प्रक्रिया में पूर्ण सावधनी अवलेह गुडकल्पनाएं, शार्करकल्पनाएं, चूर्णकल्पनाएं, वटिकल्पनाएं, घनसत्व, सत्वकल्पना, सत्व व घन में अन्तर, पाक, क्षारकल्पनाएं, वर्ति तथा मलहर कल्पना, स्नेहकल्पनाएं, भस्मों की संरक्षण विधि, खरलीय रसायन, कूपीपक्वरसायन,<br/>XVIII<br/>धरतातक शोधन, महागा विधि शोने की आवश्यकता, भल्लातक शोधत की प्रथम विधि, चल्लातक शोधन की द्वितीय विधि, पल्लातक शोधन को तृतीय विधि धानको गुण वर्जनीय भल्लातको पढ़यों की चिकित्य भात्प्लातक के प्रमुखयोग।<br/>भंगा शोधन, भंगा शोधन की प्रथम विधि, संगाशोधन की द्वितीय विधि, चंगा के गुण, भंगा के प्रमुख योग। चंगा के उपद्रव, भंगाविषशान्ति के उपाय।<br/>अध्याय-२५<br/>७४६-७६०<br/>नस्य कल्पनाविज्ञान, नस्य शब्द की व्युत्पत्ति, नस्य की उपयोगि, नस्य के पर्याय, नस्य के भेद, नस्य में प्रयुक्त होनेवाले द्रव्य, सुश्रुत के नस्यद्रव्य, वाग्भट के नस्यद्रव्य, विभिन्न नस्यों के प्रकार भेद, नावन नस्यका परिचय, शोधन नस्य की मात्रा, स्नेहन नस्य की मात्रा, नस्य का समय, नावन नस्य से लाभ।<br/>अवपीड नस्य का परिचय, प्रधमन नस्य, घूम नस्य का परिचय, प्रतिमर्श नस्य का परिचय, मर्शव प्रतिमार्श के भेद, प्रतिमर्श नस्य के १४ काल, नस्य के अयोग्य रोगी, नस्य योग्य रोग व रोगी, नस्य की विधि, पूर्वकर्म संभारद्रव्य, नस्य क्षेत्र, आतुरपरीक्षा व आतुर सिद्धांत, नस्य प्रधान कर्म, नस्य के योगायोग का परीक्षण, सम्यक नस्य के लक्षण, नस्य व्यापत का उपचार, नस्य पश्चात कर्म, नस्योत्तरपथ्य, नस्यक्रिया शारीर।<br/>अध्याय-२६<br/>७६१-७६६<br/>धूमपान कल्पना विज्ञान, धूमपान भेद दर्शक तालिका, प्रायोगिकधूम, स्नैहिक धूम, कासघ्नधूम, वामनीय धूम, घूमनेत्र, धूम के योग्य रोग व रोगी, धूमपान के अयोग्य रोग व रोगी, धूमपान की मात्रा, धूमपान में कालविनिश्चय अष्टांगहृदयानुसार धूमकाल, सम्यकयोग के लक्षण, धूमपान के अतियोग के लक्षण, धूमपान से लाभ, अभ्यसित अतिघूमपान से हानियां, धूमपान के उपद्रव।<br/>अध्याय-<br/>भैषज्य कल्पना विज्ञान के प्रमुख यंत्रोपकरण, भैषज्य कल्पना विज्ञा<br/>XTX<br/>चंत्रों के विकास का संक्षिप्त इतिहास, वैदिक काल, संहिता काल, रसशास्त्रीय काल, आधुनिक या वर्तमान काल काष्ठ तथा लौड की वस्तुएं, मिट्टी के बर्तन, विभिन्न प्रकार के मंत्र, पुटों की व्यवस्था, भूषायंत्र, विभिन्न प्रकार के चूल्हे व कोष्ठी।<br/>अध्याय-२८<br/>७७६-८१६<br/>वस्ति कल्पना विज्ञान, वस्ति शब्द की निरुक्ति, परिचय, वस्ति की प्रधानता, वस्ति के भेद, अधिष्ठान भेद से वस्ति के भेद, द्रव्य भेद से वस्ति के भेद, कार्मुकता से वस्ति के भेद, संख्या भेद से वस्ति, अनुषंगिक वस्ति भेद, वस्तियोग्य द्रव्य विवेचन, मूत्रवर्ग, स्नेह द्रव्य, फलिनी वनस्पत्तियां, आस्थापनोपगगण, अनुवासनोपगगण, आस्थापन तथा अनुवासन गण, छः स्कंध, मधुरस्कंध के द्रव्य, अम्लस्कंध, लवणस्कंध के द्रव्य, कटुकस्कंध, तिक्तस्कंध के द्रव्य, कषायस्कंध के द्रव्य, सुश्रुतोक्त निरुहवर्ग, अष्टांगहृदय के निरुह द्रव्य, निरुह वस्ति किन को नहीं दें, आस्थापनवस्ति (निरुह) के योग्य रोग व रोगी, वस्तियंत्र विवेचन, वस्तिगात्र, वस्ति यंत्र निर्माण विधि, वस्तियंत्र के दोष, विविधवस्तिनेत्र, वस्तिनेत्र के दोष, वस्तिकर्म विधि, निरुह या आस्थापन वस्ति विधि, आयु के अनुसार निरुह वस्ति की माात्रा, आतुरसिद्धता, निरुह में प्रधानकर्म, निरुह वस्ति के पश्चातकर्म, अनुवासनवस्ति विवेचन, अनुवासन के पूर्व प्रधानव पश्चातकर्म, मात्रावस्ति, उत्तरवस्ति विधानम् उत्तरवस्ति पूर्वकर्म- प्रधानकर्म-पश्चातकर्म वस्ति क्रिया शारीर, वस्तिकल्प।
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
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Koha item type BOOKS
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    Dewey Decimal Classification   Not For Loan MAMCRC 233 / 23-24 12/10/2023 MAMCRC LIBRARY MAMCRC LIBRARY 23/11/2023 Chaukhambha Prakashan REF 600.00   615.538 MIS A3820 23/11/2023 23/11/2023 BOOKS Reference Books    
    Dewey Decimal Classification     MAMCRC 233 / 23-24 12/10/2023 MAMCRC LIBRARY MAMCRC LIBRARY 23/11/2023 Chaukhambha Prakashan   600.00 7 615.538 MIS A3821 03/02/2025 23/11/2023 BOOKS   27/01/2025  
    Dewey Decimal Classification     MAMCRC 233 / 23-24 12/10/2023 MAMCRC LIBRARY MAMCRC LIBRARY 23/11/2023 Chaukhambha Prakashan   600.00 2 615.538 MIS A3822 20/02/2024 23/11/2023 BOOKS   20/02/2024 20/05/2024
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