Sachitra Padartha Vigyan (Record no. 20151)

MARC details
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003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER
control field OSt
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION
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008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
International Standard Book Number 9789394829015
041 ## - LANGUAGE CODE
Language code of text/sound track or separate title HINDI
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Edition number 2nd
Classification number 620.11 YER
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Author name Yerawar,Prabodh
245 ## - TITLE STATEMENT
Title Sachitra Padartha Vigyan
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT)
Place of publication, distribution, etc. Varanasi
Name of publisher, distributor, etc. Chaukhambha Surbharati Prakashan
Date of publication, distribution, etc. 2022
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Page 288p.
500 ## - GENERAL NOTE
General note विषयानुक्रमणिका<br/>1. पदार्थ एवं आयुर्वेद निरूपण Padarth and Ayurveda Nirupan<br/>पदार्थ शब्द की व्युत्पत्ति 1; पदार्थ के लक्षण 1; पदार्थ की संख्या 1, भाय एवं अभाव पदार्थ 2; आयु के लक्षण 2: आयुर्वेद के लक्षण 2; आयुर्वेद का स्वरूप 3: आयुर्वेद का प्रयोजन 3: आयुर्वेद' शब्द के पर्याय 3; आयुर्वेद के त्रिसूत्र 3; सिद्धांत के लक्षण 4; सिद्धांत के भेद 4: आयुर्वेद के महत्वपूर्ण मूल सिद्धांतों का<br/>वर्णन एवं उनका महत्त्व 5<br/>2. दर्शन निरूपण Darshan Nirupana/Indian Philosophy<br/>दर्शन का परिचय 14; दर्शन शब्द की व्युत्पत्ति 15; दर्शन का लक्षण 15; दर्शन की संख्या 15; आस्तिक दर्शन 15; सांख्य दर्शन 15; योग दर्शन 19; वैशेषिक दर्शन 22: न्याय दर्शन 24; पूर्वमीमांसा दर्शन 25: वेदान्त दर्शन 27: नास्तिक दर्शन 29; चार्वाक दर्शन 29; बौद्ध दर्शन 31; जैन दर्शन 32; आयुर्वेद एक स्वतन्त्र दर्शन 34; समकालीन विज्ञान में सिद्धान्त और उदाहरण जो पदार्थ की अवधारणा को समझाने में सहायक हैं 34; आयुर्वेद में दर्शन और पदार्थ विज्ञान के अध्ययन की प्रासंगिकता 34<br/>. दुव्य विज्ञानीय Dravya Vigyaneeya/Substance 3<br/>दृव्य का परिचय 38, 'द्रव्य' शब्द की व्युत्पत्ति 38; द्रव्य के लक्षण 38, द्रव्य का वर्गीकरण 38; दुख्य की संख्या 41: पंचभूत 41; सृष्टि उत्पत्ति के सिद्धान्त (तैत्तिरीय उपनिषद्, न्याय-वैशेषिक, सांख्य योग, शंकराचार्य, चरक और सुश्रुत के अनुसार) 41 पंचभूतों के लक्षण एवं गुण 44; काल 53; 'काल' शब्द की व्युत्पत्ति 53: काल के लक्षण 53; काल के भेद 53; काल का आयुर्वेद में महत्व 54, दिक् 55, 'दिक्' शब्द की व्युत्पत्ति 55; दिशा के लक्षण 55; दिशा के भेद 56; दिशा का आयुर्वेद में महत्व 58; आत्मा 59; 'आत्मा' शब्द की व्युत्पत्ति 59; आत्मा के लक्षण 59; आत्मा के गुण 60; आत्मा के स्थान 60; आत्मा के भेद 60, आत्मनः ज्ञानस्य प्रवृत्ति 62; पुरूष 62; मन 63: 'मन' शब्द की व्युत्पत्ति 63; 'मन' शब्द की निरूक्ति 63; मन के पर्याय 63; मन का स्थान 63; मन के लक्षण 63, मन के गुण 64; मन के विषय 64, मन के कार्य 65; मन का उभयात्मकत्व 65; मन का पाँचभौतिकत्व 65: मन व्याधियों का आधार 66, मन का अतीन्द्रियत्व 66; पंचमहाभूत और त्रिगुण को क्रमशः देहप्रकृति और मानस प्रकृति में भूमिका 66: तम का दशम द्रव्य के रूप में वर्णन 67; द्रव्य का आयुर्वेद में व्यवहारिक महत्व 68; समकालीन विज्ञान में सिद्धान्त और उदाहरण जो कारण द्रव्य को अवधारणा को समझने में सहायक हैं <br/>Principles of Ayurveda and Quantum Mechanics<br/>4. गुण विज्ञानीय Guna Vigyaneeya/Quality<br/>गुण का परिचय 73; 'गुण' शब्द की व्युत्पत्ति 73, गुण शब्द की निरुक्ति 73; गुण के लक्षण 73: गुण का वर्गीकरण 74; न्याय और वैशेषिक दर्शन अनुसार गुणों की संख्या 74; सार्थ गुण 75, गुर्वादि गुण 77; आध्यात्मिक गुण 89, परादि गुण 92, समकालीन विज्ञान में सिद्धान्त और उदाहरण जो गुण की अवधारणा को समझने में सहायक है 96<br/>5. कर्म विज्ञानीय Karma Vigyaneeya / Action<br/>कर्म का परिचय 100; 'कर्म' शब्द की व्युत्पत्ति 100:'कर्म' शब्द की निरुक्ति 100 कर्म के लक्षण 100, कर्म के भेद 102; कर्म की आयुर्वेद में उपयोगिता 105, गुण और कर्म में साधर्म्य 106; गुण और कर्म में वैधर्म्म 106; समकालीन विज्ञान में सिद्धान्त और उदाहरण जो कर्म की अवधारणा को समझने में सहायक है 106<br/>6. सामान्य विज्ञानीब Samanya Vigyaneeya / General Substance<br/>सामान्य का परिचय 108; सामान्य के लक्षण 108; सामान्य के भेद 110; द्रव्य, गुण और कर्म के परिपेक्ष्य में सामान्य का उपयोग 111; समकालीन विज्ञान में सिद्धान्त और उदाहरणं जो सामान्य की अवधारणा को समझने में सहायक है 111<br/>7. विशेष विज्ञानीय Vishesha Vigyaneeya / Peculiar Substance<br/>विशेष का परिचय 113; 'विशेष' शब्द की निरूक्ति 113; विशेष के लक्षण 113; विशेष के भेद 115, द्रव्य, गुण और कर्म के परिपेक्ष्य में विशेष का उपयोग 116; विशेष को स्वतन्त्र पदार्थ मानने की आवश्यकता 116; विशेष पदार्थ की आयुर्वेद में उपयोगिता 116; सामान्य विशेष का सिद्धान्त 117: 'प्रवृत्ति उभयस्य तु' वाक्यार्थ का महत्त्व 117; सामान्य विशेष सिद्धान्त की आयुर्वेद में उपयोगिता 118; सामान्य और विशेष में साधर्म्य और वैधर्म्य 119; समकालीन विज्ञान में सिद्धान्त और उदाहरण जो विशेष की अवधारणा को समझने में सहायक है 119<br/>8. समवाय विज्ञानीय Samavaya Vigyaneeya / Inseparable Substance<br/>समवाय का परिचय 121; 'समवाय' शब्द की व्युत्पत्ति 121; समवाय के लक्षण 121; समवाय के भेद 122; समवाय को एक स्वतंत्र पदार्थ मानने में युक्ति 122; संयोग और समवाय में अन्तर 123; समवाय का चिकित्सीय महत्व 123; समकालीन विज्ञान में सिद्धान्त और उदाहरण जो समवायकी अवधारणा को समझने में सहायक है 123<br/>9. अभाव विज्ञानीय Abhava Vigyaneeya / Non-Existence<br/>अभाव का परिचय 125; 'अभाव' शब्द की व्युत्पत्ति 125; अभाव के लक्षण 125; अभाव के प्रयाय 125; अभाव के भेद 125; अभाव को स्वतंत्र पदार्थ मानने वालों का तर्क 127; अभाव का आयुर्वेद में चिकित्सीय महत्व 128; समकालीन विज्ञान में सिद्धान्त और उदाहरण जो अभाव की अवधारणा को समझने में सहायक है 128<br/>10. प्रमाण एवं परीक्षा<br/>'प्रमाण' शब्द की निरूक्ति 129; प्रमाण एवं परीक्षा की व्याख्या 129; प्रमा, प्रमेय और प्रमाता 130: प्रमाणों की संख्या 130; चतुर्विध परीक्षा विधि, आयुर्वेदोक्त प्रमाण 130; त्रिविध प्रमाणों में सभी प्रमाणों का समावेश 131; परीक्षा एवं प्रमाण का महत्त्व, प्रयोजन, उपयोग 131; निदान और चिकित्सा में परीक्षाविधि की उपयोगिता 131<br/>11. आप्तोपदेश प्रमाण Authoritative Testimony<br/>आप्तोपदेश के लक्षण 133; आप्त के लक्षण 133; आप्तोपदेश के भेद 134; आप्तोपदेश को आयुर्वेद में उपयोगिता 134; स्वास्थ्य को बनाये रखने, रोगों की रोकथाम, निदान चिकित्सा एवं अनुसंधान का महत्व<br/>134; शब्द के लक्षण 134; शब्द के भेद 134; शब्दवृत्ति शब्दार्थबोधकवृत्ति 135, शक्तिग्रह हेतु 137: वाक्य का स्वरूप 138; वाक्यार्थज्ञान हेतु 138<br/>12. प्रत्यक्ष प्रमाण Direct Perception<br/>'प्रत्यक्ष' शब्द की निरूक्ति 140; प्रत्यक्ष प्रमाण के लक्षण 140; प्रत्यक्ष प्रमाण के भेद 141; प्रत्यक्ष अनुपलब्धिकरण 143; प्रत्यक्ष ज्ञान का विस्तार 144; प्रत्यक्ष की उपयोगिता 144 इन्द्रियों के लक्षण 144; इन्द्रियों के भेद 144; पंचपंचक 145; इन्द्रियों का पाँचभौतिकत्व 146; इन्द्रियों का तुल्ययोनित्व 146; इन्द्रियप्राप्यकारित्व 146; इन्द्रियार्थसन्निकर्ष 146; त्रयोदशकरण 147; अन्तःकरण की प्रधानता 148<br/>13. अनुमान प्रमाण Inference<br/>'अनुमान' शब्द की निरूक्ति 151; अनुमान का लक्षण 151; हेतु, साध्य, व्याप्ति, पक्ष, सपक्ष, विपक्ष, परामर्श, अनुमिति, दृष्टयन्त 151; अनुमान के भेद 153; पंचावयव हेतु के लक्षण एवं भेद 155; अहेतु, हेत्वाभास 156: तर्क 158; अनुमान की क्रियात्मक, नैदानिक, चिकित्सीय एवं अनुसन्धानात्मक उपयोगिता 159<br/>14. युक्ति प्रमाण Logical Reasoning<br/>युक्ति प्रमाण का परिचय 162; 'युक्ति' शब्द की व्युत्पत्ति 162; युक्ति का लक्षण 162; युक्ति प्रमाण के उदाहरण 162; युक्ति की नैदानिक, चिकित्सीय एवं अनुसंधानात्मक उपयोगिता 163<br/>15. उपमान प्रमाण Analogy<br/>उपमान प्रमाण का परिचय 165; 'उपमान' शब्द की व्युत्पत्ति 165; उपमान का लक्षण 165; उपमान प्रमाण के उदाहरण 165; उपमान प्रमाण के प्रकार 166; उपमान प्रमाण का आयुर्वेद में महत्त्व 167<br/>16. अन्य प्रमाण Other Pramana<br/>अर्थापत्ति 169; अभाव 169; सम्भव 169; चेष्टा 170; परिशेष 170; इतिहास 170<br/>17. कार्य-कारण सिद्धान्त Karya-Karana Siddhanta Cause and Effect Theory<br/>कार्य और कारण के लक्षण 172; कारण के भेद 173; कार्य और कारण का आयुर्वेद में महत्त्व 175; कारण से कार्य की उत्पत्ति में विविध मत 176: सत्कार्यवाद 176; असत्कार्यवाद 177; परिणामवाद 178; विवर्तवाद 180; आरम्भवाद 181; परमाणुवाद 181; क्षणभंगुरवाद 182; स्वभाववाद 182; पोलुपाक 183; पिठरपाक 184; अनेकान्तवाद 184: स्वभावोपरमवाद 185: समकालीन विज्ञान में कार्य-कारण सम्बन्ध 186<br/>18. इतिहास निरूपण Representation of History<br/>'इतिहास' शब्द की व्युत्पत्ति 189; 'इतिहास' शब्द की निरूक्ति 189; 'इतिहास' शब्द की व्याख्या 189, इतिहास ज्ञान की आवश्यकता 189; इतिहास का महत्व और उपयोगिता 190; इतिहास के साधन और विधि 190: ऐतिहासिक व्यक्ति, विषय, काल और घटना का आयुर्वेद पर प्रभाव 191<br/>19. संहिताकाल के ग्रन्थकार Authors of Samhitakala<br/>संहिताकाल का परिचय 194; संहिताकाल के कुछ प्रमुख संहिताकार 194; पुनर्वसु आत्रेय 194: धन्वन्तरि 195; कश्यप 196; अग्निवेश 197; सुश्रुत 197; भेल 198; हारीत 198; चरक 199; दृढ़बल 199; वाग्भट 200; नागार्जुन 201; जीवक 202<br/>20. संहिताओं के टीकाकार Commentators of Classical Samhitas<br/>टीकाकारों का परिचय 203; भट्टारहरिश्चन्द्र 203; जेज्जट 204; चक्रपाणि 204; डल्हण 204 निश्चलकर 204; विजयरक्षित 205; श्रीकण्ठदत्त 205; गयदास 205; अरूणदत्त 205; हेमाद्रि 206; गंगाधर 206: योगीन्द्रनाथ सेन 206; हाराणचन्द्र चक्रवर्ती 207; इन्दु 207; अन्य टीकाकार 207<br/>21. संग्रहकाल के पंथकार Authors of Compendiums<br/>Fundamental Principles of Ayurveda and Quantum Mechanics<br/>संग्रहकाल का परिचय 208; भावमिश्र 208; शारंगधर 209; वृन्द 210, माधवकर 211; सोढल 212; गोविंददास 212; बसवराज 213<br/>22. आधुनिक काल के लेखक Authors of Modern Era<br/>आधुनिक काल के लेखकों का परिचय 214: गणनाथ सेन 214; यामिनीभूषण राय 215; शंकरदाजी शाखी पदे 216; स्वामी लक्ष्मीराम 216; यादवजी त्रिकमजी आचार्य 217; डॉ. पी. एम. मेहता 218; डॉ. भास्कर गोविन्द घाणेकर 218; दामोदर शर्मा गौड 218; आचार्य प्रियव्रत शर्मा 219<br/>23. आयुर्वेद का सार्वभौमत्व Globalization of Ayurveda<br/>आयुर्वेद का सार्वभौमत्व 221; विभिन्न देशों में आयुर्वेद का विस्तार 221; मिस्र में आयुर्वेद 221; श्रीलंका में आयुर्वेद 222; नेपाल में आयुर्वेद 223; विभिन्न देशों में आयुर्वेद का प्रभाव 223; वर्तमान में विभिन्न देशों में आयुर्वेद की स्थिति 223<br/>24. स्वातन्त्र्योत्तर काल में आयुर्वेद में विकासात्मक गतिविधियाँ Developmental Activities in Ayurveda in the Post-independence period<br/>स्वातन्त्र्योत्तर काल में आयुर्वेद में विकासात्मक गतविधियाँ 225; आयुर्वेद के विकास के लिये विविध समितियों की स्थापना और उनकी सिफारिशे 225; भोरे समिति 225; चोपडा समिति 226; पंडित समिति 227; दवे समिति 227; उडुप समिति 228; व्यास समिति 230; सम्पूर्णानन्द समिति 231; विविध संगठनों का परिचय और कार्य 231; आयुष 231; सेन्ट्रल कॉन्सिल ऑफ इन्डियन मेडिसिन 233; सेन्ट्रल कॉन्सिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदीक सायन्सेस 233; आयुर्वेदीक फारमाकोपिया कमिटि 236; नेशनल मेडिसिनल प्लान्ट बोर्ड 238; ट्रेडिश्नल नॉलेज डिजिटल लायब्रेरी 238; शैक्षणिक प्रवृत्तियों में विकास राष्ट्रीय संस्थानों का परिचय 239; नैशनल इन्स्टिट्युट ऑफ आयुर्वेद 239; आय.पी.जी.टी. अॅन्ड आर.ए. गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जामनगर 240; फैकल्टी ऑफ आयुर्वेद, बी.एच.यू. वाराणसी 241; राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ, नई दिल्ली 242<br/>25. ड्रग्स एण्ड कॉस्मेटिक एक्ट, Drugs and Cosmetics Act<br/>Drugs and Cosmetics Act, 1940 and Rules 1945 246; Introduction 246; History 246; Chapters 247; Schedules of the rules 247<br/>26. आयुर्वेद के राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय लोकप्रिय पत्रिकाओं का परिचय Introduction to National and International popular journals of Ayurveda<br/>Introduction to Journals 250; Popular National and International journals of Ayurveda 250; हिन्दी भाषा में पत्र-पत्रिकायें 251<br/>27. आयुर्वेद के विकास में विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यों का परिचय<br/>Introduction to activities of W.H.O. in the promotion of Ayurveda<br/>विश्व स्वास्थ्य संगठन 253; परिचय 253; इतिहास 253; प्रादेशिक कार्यालय 253; सम्पर्क 253; कार्य 254; आयुर्वेद के विकास में विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यों का परिचय 254
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
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