General note |
विषय-सूची<br/>प्रथम प्रश्नपत्र<br/>आयुर्वेद निरुपण<br/>1.<br/>आयु के लक्षण<br/>आयुर्वेद के लक्षण<br/>सिद्धान्त के लक्षण<br/>आयुर्वेद के मूलभूत सिद्धान्तों का परिचय एवं महत्व<br/>2.<br/>4.<br/>पदार्थ एवं दर्शन निरुपण<br/>पदार्थ शब्द की व्युत्पत्ति<br/>दर्शन शब्द की व्युत्पत्ति<br/>आयुर्वेद एक श्रेष्ठ स्वतंत्र मौलिक दर्शन<br/>आधुनिक विज्ञान के सिद्धान्त एवं उदाहरण जो पदार्थ की अवधारणा को समझने में सहायक हो<br/>आयुर्वेद में पदार्थ विज्ञान की उपयोगिता<br/>3. द्रव्य विज्ञानीयम्<br/>द्रव्य की निरुक्ति, व्युत्पत्ति, लक्षण, संख्या, भेद<br/>काल निरुपण<br/>दिशा निरुपण<br/>आत्मा<br/>पुरुष निरुपण<br/>मन निरुपण<br/>मन या मानस<br/>दशम द्रव्य के रूप मे तम का वर्णन<br/>कारण द्रव्यों का व्याववहारिक अध्ययन<br/>आधुनिक विज्ञान के परिपेक्ष्य में कारण द्रव्यों के सिद्धान्तों का उदाहरण सहित अध्ययन<br/>गुण विज्ञानीय<br/>गुण की परिभाषा<br/>अध्यात्म गुण का वर्णन<br/>गुणों का प्राधान्यत्व<br/>गुण का आयुर्वेद में प्रायोगिक एवं चिकित्सीय महत्व<br/>आधुनिक विज्ञान के परिपेक्ष्य में सिद्धालों एवं उदाहरणों के साथ गुणों को समझना<br/>5. कर्म विज्ञानीय<br/>कर्म के लक्षण<br/>कर्म के भेद (न्याय दर्शन के अनुसार) आयुर्वेद में कर्म का उपयोग एवं महत्व आधुनिक विज्ञान के परिपेक्ष्य में सिद्धांतों एवं उदाहरणों के साथ कर्म को समझना<br/>6. सामान्य विज्ञानीय<br/>सामान्य के भेद<br/>सामान्य का प्रायोगिक महत्व द्रव्य, गुण, कर्म के सन्दर्भ में आधुनिक विज्ञान के परिपेक्ष्य में सिद्धातो एवं उदाहरणों के साथ सामान्य को समझना<br/>7. विशेष विज्ञानीय<br/>विशेष निरुपण<br/>विशेष के भेद<br/>विशेष का प्रायोगिक उपयोग द्रव्य, गुण, कर्म के सन्दर्भ में आधुनिक विज्ञान के परिपेक्ष्य में सिद्धान्तो एवं उदाहरणों के साथ विशेष को समझना<br/>8. समवाय विज्ञानीय<br/>समवाय<br/>आयुर्वेद में समवाय का प्रायोगिक एवं चिकित्सकीय महत्व आधुनिक विज्ञान के परिपेक्ष्य में सिद्धान्तो एवं उदाहरणों के साथ समवाय को समझना<br/>9. अभाव विज्ञानीय<br/>अभाव का परिचय<br/>अभाव के भेद<br/>आयुर्वेद में अभाव का चिकित्सकीय एवं प्रायोगिक महत्व<br/>आधुनिक विज्ञान के परिपेक्ष्य में सिद्धान्तों एवं उदाहरणों के साथ अभाव को समझना<br/>1. परीक्षा<br/>द्वितीय प्रश्नपत्र<br/>परीक्षा<br/>प्रमा की परिभाषा<br/>प्रमाण शब्द की निरुक्ति<br/>आयुर्वेद में चार प्रकार की परीक्षा (चतुर्विध परीक्षा)<br/>20<br/>विविध प्रगाणो में सभी प्राणी का निदाने एवं उपचार विकित्सा में परीक्षाविचों का व्यवहारिक अनुप्रयोग<br/>2. आतोपदेश परीक्षा प्रमाण<br/>आप्तोपदेश प्रमाण परीक्षा<br/>शब्द के लक्षण एवं शब्द के भेद<br/>शब्द वृत्तियां या वाक्यार्थ बोधक वृत्तियाँ अभिद्या, लक्षणा, व्यंजना, तात्पर्या वाक्य की विशेषताएं, वाक्यार्थ ज्ञान हेतु आकांक्षा, योग्यता, सात्रिथि आप्तोपदेश का महत्व, स्वास्थ्य संवर्धन, स्वास्थ्य रक्षण, निदान, चिकित्वया तथा अनुसंधान के परिप्रेक्ष्य में<br/>3. प्रत्यक्ष परीक्षा<br/>प्रत्यक्ष प्रमाण<br/>इन्द्रिय प्राप्यकारित्वम्<br/>इन्द्रियों के लक्षण<br/>त्रयोदश करण<br/>प्रत्यक्ष-अनुपलब्धि कारण एवं बाधक तथा दूर करने के साधन प्रत्यक्ष प्रमाण का व्यावहारिक उपयोग शारीर, नैदानिक, चिकित्सकीय एवं अन्वेषण<br/>(अनुसन्धान) के सन्दर्भ में<br/>4. अनुमान परीक्षा (प्रमाण)<br/>अनुमान के लक्षण<br/>व्याप्ति का परिचय<br/>हेतु का लक्षण एवं भेद, अहेतु, सद्हेतु हेत्वाभास का वर्णन तर्क अनुमान प्रमाण का व्यावहारिक अध्ययन, शारीर, नैदानिक, चिकित्सकीय एवं अनुसंधान<br/>के संदर्भ में<br/>5. युक्ति परीक्षा (प्रमाण)<br/>युक्ति प्रमाण के लक्षण<br/>आयुर्वेद में युक्ति प्रमाण का महत्व एवं विशेषता<br/>18<br/>युक्ति प्रमाण का व्यावहारिक, नैदानिक अध्ययन एवं चिकित्सा और अनुसंधान के सन्दर्भ में<br/>6. उपमान (प्रमाण)<br/>उपमान प्रमाण के लक्षण<br/>उपमान प्रमाण का व्यावहारिक अध्ययन, शारीरिक, नैदानिक, चिकित्सकीय और अनुसन्धान<br/>के सन्दर्भ में<br/>7.<br/>कार्य कारण सिद्धान्त<br/>कार्य के लक्षण<br/>कार्य और कारण का आयुर्वेद में महत्व<br/>कारण कार्य सिद्धान्त के सन्दर्भ में अनेक सिद्धान्त<br/>कार्य कारण का सिद्धान्न आधुनिक विज्ञान के परिपेक्ष्य में |