Madhava Nidana (Record no. 20321)
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041 ## - LANGUAGE CODE | |
Language code of text/sound track or separate title | HINDI |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 615.535 SHA |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Author name | Shastri,Brahmasankara |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | Madhava Nidana |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Place of publication, distribution, etc. | Varanasi |
Name of publisher, distributor, etc. | Chaukhambha |
Date of publication, distribution, etc. | 2022 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Page | 411p. |
500 ## - GENERAL NOTE | |
General note | विषयानुक्रमणिका<br/>१ पञ्चनिदानलक्षणम्<br/>मङ्गलाचरणम<br/>सन्धस्यानुबन्धचतुष्टयोपपादनम्<br/>पश्चविधरोगविज्ञानम्<br/>निदानलक्षणम<br/>पूर्वरूपलक्षणम<br/>रूपलक्षणम्<br/>उपशयस्वरुपम<br/>अनुपशयलक्षणम<br/>सम्प्राप्तिनिरूपणम्<br/>संप्राप्तिभेदाः<br/>निदानपञ्चकोपसंहारः<br/>संनिकृष्ट विप्रकृष्टहेतु निरूपणम्<br/>रोगाणां निदानार्थकर्तृत्वम्<br/>तन्त्र निदर्शनम्<br/>व्याधीनां निदानार्थकर्तृत्वकालः<br/>रोगजनकव्याधेवैचित्र्यम<br/>निदानपञ्चकस्यावश्यकशातव्यता<br/>२ ज्वरनिदानम्<br/>ज्वरस्योत्पत्तिस्तद्भेदाश्च<br/>ज्वरस्य सम्प्राप्तिः<br/>ज्वरस्य सामान्यलक्षणम्<br/>ज्वरस्य पूर्वरूपाणि<br/>वातज्वरलक्षणम्<br/>आगन्तुम्वरेषु दोषानुवन्यता<br/>सन्ततादिज्वरेषु प्रतिनियतवृष्यपातयः<br/>३<br/>सन्ततादिलक्षणनिरुपणम्<br/>विषमज्वरस्याऽऽगन्तुकारणता<br/>९ विषमज्वरभेदचतुर्थकविपर्वलक्षणम<br/>११<br/>वातवळासकज्वरलक्षणम्<br/>१३<br/>प्रलेपकज्वरलक्षणम<br/>विषमज्वर विशेषााँग सन्तापयुत-<br/>ज्वरार्णा लचणानि<br/>१६<br/>शीतपूर्वदाहपूर्वज्वरयोहँतुस्तरपरि-<br/>णाविशेषश्र<br/>१७ रसगतज्वरलक्षणम्<br/>१८ रक्तगतज्वरलक्षणम्<br/>१९ मांसगतज्वरलक्षणम्<br/>२०<br/>मेदोगतज्वरलक्षणम्<br/>अस्थिगतज्वरलक्षणम्<br/>मजगतज्वरलक्षणम्<br/>२१<br/>२२<br/>शुक्रगतज्वरलक्षणम्<br/>वातादिज्वराणां कालानुसारं प्राकृतत्वं बेकृतत्वं च<br/>प्राकृतज्वरेषु वैशिष्टयम्<br/>२३ तत्र प्रवृत्तिवृद्धिकालौ<br/>ज्वराणामुपशयानुपशयो<br/>अन्तर्वगज्वरलक्षणम् २५<br/>पित्तज्वरलक्षणम्<br/>२४<br/>कफज्वरलक्षणम<br/>वातपित्तज्वरलक्षणम्<br/>२६ बहिर्वेगज्वरलक्षणम्<br/>वातलेष्मज्वरलक्षणम<br/>आमज्वरलक्षणम्<br/>"<br/>श्लेष्मपित्तश्वरलक्षणम् लक्षणम्<br/>२७ पच्यमानज्वरलक्षण म्<br/>सान्निपातिकज्वर लक्षणम्<br/>" निरामज्वर लक्षण म्<br/>सन्निपातज्वरस्यासाध्यता<br/>३१<br/>ज्वरस्य साध्यता लक्षण म्<br/>सन्निपातज्वरस्य कालमर्यादा<br/>ज्वरस्यासाध्यता लिंगानि<br/>सन्निपातञ्वरस्योपद्रवः कर्णमूलशोथः ३२<br/>ज्वरमोक्षस्य पूर्वरूपम्<br/>अभिन्यासज्वर लक्षणम्<br/>ज्वरमुक्तस्य लक्षणम्<br/>सामान्यागन्तुज्वरलक्षणम्<br/>३ अतीसारनिदानम्<br/>विपजन्यज्वरलक्षणम्<br/>ओषधिगन्धजज्वरलक्षणम्<br/>कामज्वरलक्षणम्<br/>भयादिजन्यागन्तुज्वरलक्षणम्<br/>३३ अतीसारहेतवः<br/>" अतीसारस्य सम्प्राप्तिभेदाश्च<br/>अतीसारार्णा पूर्वरूपाणि<br/>वातिकातिसारलक्षणम्<br/>विवयानुक्रमणिका<br/>रक्तातिसारवर्वतम्<br/>तातिसारस्व जम् "वरातिसारनिडानम्<br/>४ महणीरोगनिदानम् अजीरोगस्य सम्प्रातिः सामान्य<br/>H<br/>वरूपम्<br/>६ अप्रिमान्यादिनिदानम्<br/>आडराप्रेधातुर्विच्यम्<br/>५९ विपनायार्मा कार्याणि<br/>अजीर्णस्य कारणानि<br/>मायजीर्णानां लगानि<br/>अजीर्णोत्पत्ती विशिष्ट कारणम<br/>आमायजीर्णस्थ विसूच्यादीर्ना<br/>कारणत्वम्<br/>विसूच्या निरुक्तिः<br/>१०<br/>अहण्याः पूर्वरूपन्द<br/>बातिकमण्यः सहेतुसंप्राप्तिरूपम<br/>११ ६२<br/>विदोषजप्रहण्याः स्वरूपन्<br/>६३<br/>विसूच्या लक्षणानि<br/>६४<br/>ग्रहण्याः सामतानिरामतानि<br/>विलम्बिकालक्षणम्<br/>श्रमश्य कार्यम्<br/>रूपण म्<br/>अहण्याः साध्यासाध्याचे<br/>५ अर्शोनिदानम्<br/>सम्प्राप्तिपुरःसरमर्शसः स्वरूपम्<br/>वातार्शसो निदानम्<br/>पित्तार्शसो निदानम्<br/>लेष्मिकार्शसो निदानम्<br/>द्वन्द्वजार्थो निदानस्<br/>त्रिदोषजार्शसो निदानन्<br/>वार्तार्शसो लक्षणम्<br/>६८<br/>पित्सार्शसो रूपम्<br/>६९<br/>श्लेष्मार्यासां लक्षणानि<br/>८८<br/>सन्निपातजसहजार्शसोर्लक्षणे<br/>७०<br/>रक्तार्शसो लचणम्<br/>रकार्शसो वाताद्यनुबन्धभेदेन<br/>७१<br/>बंलक्षण्यम् श्रर्चासां पूर्वरूपम्<br/>विसूत्रयलसकयोरसाध्यलक्षणम्<br/>६५ जीणहारस्य लक्षणम्<br/>विमृश्चिकाया उपद्रवाः<br/>अजीर्णस्य कारणोपसंहारः * सामान्याञ्जीर्णलक्षणम्<br/>६६<br/>७ क्रिमिनिदानम्<br/>किमिभेदाः संख्या च<br/>६७ वाह्य किमीणां स्वरूपम्<br/>आभ्यन्तरक्रिमीणां निदानम् क्रिमिविशेषाणां निदानम्<br/>आभ्यन्तरक्रिमीणां सामान्यलक्षणम्<br/>कफजक्रिमीणों रूपादिकम्<br/>रक्तजक्रिमीणां रूपादिकम्<br/>पुरीषजक्रिमीणां रूपादिकम्<br/>लादिनिदानम्<br/>८ पाण्डुरोगकामलाकुम्भकाम-<br/>" ७२ पाण्डुरोगस्य हेतुः सम्प्राप्तिब<br/>पाण्डुरोगस्य भेदाः<br/>विषयानुक्रमणिका<br/>पाण्डुरोगश्य पूर्वरूपम्<br/>वातिकपाण्डुलक्षणम्<br/>८०<br/>उचतस्य पुर्वप<br/>११ कासनिदानम्<br/>कासस्य देतवः कासस्य सम्प्राप्तिः<br/>पाण्डुरोगस्या साध्यक्षवणানি<br/>८९<br/>कासरय भेदाः<br/>कामलासम्प्राप्तिडक्षणे<br/>१०<br/>कुम्भकामकालक्षणम्<br/>वातिककासस्य लक्ष्णम्<br/>कामलाया असाध्यलचणामि<br/>११<br/>चैत्तिककासस्य लक्षणम्<br/>कुम्भकामलाया असाध्यलक्षणम्<br/>कफजकासस्थ ताजम<br/>इलीमफलक्षणम्<br/>पानकीलक्षणम्<br/>६ रक्तपित्तनिदानम्<br/>रक्तपित्तस्य निदानं संप्राहिब<br/>रक्तपित्तस्य पूर्वरूपम्<br/>श्लैष्मिकरक्तपित्तलक्षणम्<br/>वात्तिकरक्तपित्तलचाणमू<br/>पैत्तिकरक्तपित्तलक्षणम्<br/>इन्द्वजसाक्षिपातिकरक्तपित्तलक्षणम्<br/>संसर्गविशेषेण तम्मार्गभेदाः<br/>मार्गादिभेदेन रक्तपित्तस्य साध्यासाध्यत्वे<br/>रक्तपित्तस्योपद्रवाः<br/>१२<br/>१३<br/>९५<br/>गन्धवर्णादिभेदेन रक्तपित्तस्यासांध्यत्वम् "<br/>१० राजयद्मक्षतक्षीणनिदानम्<br/>चयजकासस्य लक्षणानि<br/>कासस्य साध्यासाध्यविचाः<br/>१२ हिकाश्वासनिदानम्<br/>' हिकायाः स्वरूपम्<br/>दिवाश्वासकासानों निदानम्<br/>हिकाया भेदाः सम्प्राझिय<br/>द्विकासामान्यस्य पूर्वरूपम्<br/>अन्नजहिकायाः स्वरूपम्<br/>यमलायाः स्वरूपम<br/>शुद्रहिकाया लचणम्<br/>गम्भीराया छक्षणम्<br/>महाडिकायाः स्वरूपम्<br/>हिकाया असाध्यताहक्षणानि<br/>राजयचमणो निदानानि<br/>राजयचमणः सम्प्राप्तिः<br/>राजयचमणः पूर्वरूपम्<br/>राजयचमणः सामान्य लक्षणम्<br/>राजयक्ष्मणः सुश्रुतोक्तषड्रूपाणि<br/>राजयचमण एकादशरूपाणि<br/>राजयक्ष्मणोऽसाध्यलक्षणानि<br/>यचमणः साध्यलक्षणम्<br/>शोषभेदाः<br/>व्यवायशोषिणो लक्षणम्<br/>शोकशोषिणो लक्षणम्<br/>जराशोषिणो लक्षणम्<br/>अध्वशोषिणो लक्षणम्<br/>व्यायामशोषिणो लक्षणम्<br/>ब्रणशोषिणो लचणम्<br/>९६ श्रासभेदाः<br/>९७ श्वासहेतुभिन्नता<br/>९८<br/>श्वासस्य पूर्वरूपम्<br/>श्वासस्य सम्प्राप्तिः<br/>९९ सहा धासलक्षणम्<br/>ऊर्ध्वग्रासलक्षणम्<br/>छिक्षश्वासस्य लचणम<br/>१०० ससम्प्राप्तिकं तमकश्वासलक्षणम्<br/>प्रतमकश्वासलक्षणम्<br/>१०१ सन्तमकलक्षणम्<br/>शुद्रश्वासस्य लक्षणम्<br/>श्वासानां साध्यासाध्यस्वे<br/>१०२ हिद्याश्वासयोर्भयङ्करता<br/>१३ स्वरभेदनिदानम् स्वरभेदस्य हेतवः सम्प्राहिय<br/>"<br/>१५ छर्दिनिदानम्<br/>वर्या निदानम् वर्या निरुक्तिः<br/>इर्याः पूर्वरूपम्<br/>۲۰<br/>१४ अरोचकनिदानम्<br/>बातिकारी चकलक्षणानि<br/>आगग्लुजारोचकस्य लक्षणम्<br/>विदोषआरोचकस्य स्वरूपम<br/>स्वरभेदेषु दोषजान्याम्यलक्षणानि<br/>विषयानुक्रमणिका<br/>१७ मुच्छोभ्रमनिद्रातन्द्रासंन्यास-<br/>निदानम्<br/>११९<br/>मृषा भेदशा<br/>१२०<br/>साक्षिपातिकमूत्रलिखाण म्<br/>विषमयजमूर्च्छा संप्राप्तिः<br/>१२१<br/>रक्तजमूलिचणस्<br/>१२२<br/>"<br/>मद्यजमूलिक्षणम्<br/>विषजन्यमूर्द्धालक्षणम्<br/>मूर्द्धाभ्रमतन्द्रानिद्राणां भेदाः<br/>अमरोगलक्षणम्<br/>तन्द्रालक्षणम्<br/>संन्यासस्य मदमूच्र्द्धाभ्यां भेदाः<br/>संन्यासस्य स्वरूपम्<br/>वातिकच्छ्र्याः स्वरूपम्<br/>१२३<br/>पैसिकच्छदिलक्षणम्<br/>"<br/>१८ पानात्ययपरमदपानाजीर्ण- पानविभ्रमनिदानम्<br/>कफजच्छदिलक्षणम<br/>त्रिदोषजच्छर्याः स्वरूपम्<br/>असाध्यच्छ्र्या लक्षणम्<br/>"<br/>आगन्तुजच्छर्यो विवेचनम्<br/>क्रिमिजच्छर्चा लक्षणम्<br/>१२५<br/>१२४<br/>मदात्ययस्य निदानम्<br/>विधिप्रयुक्तमद्यस्य रसायनता-<br/>प्रतिपादनम्<br/>विधिनोपयुज्यमानमद्यस्य गुणाः<br/>असाध्यायाश्छ्र्या लक्षणान्तरम्<br/>प्रथममद्लक्षणम्<br/>छर्चा उपद्रवाः<br/>द्वितीयमदलक्षण म्<br/>१६ तृष्णानिदानम्<br/>तृतीयमदलक्षणम्<br/>चतुर्थमदलक्षणम्<br/>१२६<br/>"<br/>तृष्णाया निदानं सम्प्राप्तिश्च<br/>तृष्णाया भेदाः<br/>वातिकतृष्णालक्षणम्<br/>पैत्तिकतृष्णालक्षणम्<br/>कफजतृष्णालक्षण म्<br/>चतजतृष्णालक्षणम्<br/>क्षयजतृष्णालक्षणम्<br/>आमजतृष्णालक्षणम<br/>भक्तोद्भवतृष्णालक्षणम्<br/>उपसर्ग जतृष्णा लक्षणम्<br/>तृष्णाया उपद्रवाः<br/>अविधिपीतस्य मद्यस्य विकारान्तर-<br/>हेतुत्वम्<br/>१२७<br/>मदात्यये हेत्वन्तराणि<br/>"<br/>अविधिप्रयुक्तमद्यविकाराः<br/>वातादिभेदेन मदात्ययभेदाः<br/>" परमदलक्षणम्<br/>१२८<br/>पानाजीर्णलक्षणम्<br/>"<br/>"<br/>पानविभ्रमलक्षणम्<br/>पानात्ययादीनामसाध्यलक्षणम्<br/>मद्यपानजन्योपद्रवाः<br/>विषयानुक्रमणिका<br/>११<br/>१६ दाहनियानम्<br/>अपस्मारस्य प्रकोपकाका<br/>२२ वातव्याधिनिदानम् वातव्याचीो निदानं सम्प्रासिल बातरोगाणां सामान्यं पूर्वपक्ष बातम्याचीनाग्यायो भाविलिङ्गानि बातव्याधीनामनेकरूपत्ये हेतु। कोष्ठाश्रित्तवातस्य लक्षणम् सर्वाङ्गकुपित्तवातस्यलक्षणम् गुदस्थितवातलक्षणम् आमाशयगतकुपित्तवातलक्षणम् पक्वाशयस्थवातलक्षण म् श्रोत्रादिगतवातलचण म् रक्तगतबातलक्षणम् मांसमेदोऽस्थिमज्जागतवातलक्षणम्<br/>रक्तपूर्ण कोष्टजदाहलक्षणम्<br/>चल जय। हलक्षण म्<br/>सर्माभिघातजदाइलक्षणमू<br/>२० उन्मादनिदानम्<br/>उन्मादस्य निरुक्तिः<br/>उन्मादस्य सामान्यहेतुः<br/>उम्गस्य सम्प्राप्तिः<br/>उम्मादस्य सामान्यरूपम्<br/>१४५<br/>त्वम्गतवातलचणम्<br/>सहेतुसंप्राप्तिकं वातिकोन्मादलक्षणम् सहेतुसम्प्राप्तिकं पैत्तिकोन्मादलक्षणम्<br/>१४५<br/>" कफजओम्मादलक्षणम्<br/>" साक्षिपातिकोन्मादलक्षणम्<br/>१४६<br/>शुक्रगतवातलक्षणम्<br/>" शोकादिजोन्मादलक्षणम्<br/>सिरास्नायुगतवातलक्षण मू<br/>सन्धिगतवातलक्षणम्<br/>वियजओम्मादलक्षणम्<br/>१४७<br/>पित्तकफावृतप्राणादीनां लक्षणम्<br/>उन्मादस्यासाध्यलक्षणम्<br/>भूतोन्मादस्य सामान्यलक्षणम्<br/>आधोपकस्य सामान्यलक्षणम्<br/>" अपतन्त्रापतानकयोर्लक्षणे<br/>१४८<br/>दण्डापतानकलक्षणम्<br/>देवजुष्टोन्मादलक्षणम्<br/>दानव उष्टोन्मादलक्षणम्<br/>गन्धर्वग्रहपीडितस्योन्मादलक्षणम्<br/>यक्षाविष्टोन्मादलक्षणम्<br/>पितृजुष्टोन्मादलक्षणम्<br/>सर्पग्रहजन्योन्मादलक्षणम्<br/>राक्षसग्रहअन्योन्मादलक्षणम्<br/>"<br/>१४९<br/>धनुःस्तम्भस्य लक्षणम्<br/>आभ्यन्तरायामस्य लक्षणम्<br/>बाह्यायामस्य लक्षणम्<br/>अभिघातजाक्षेपकम्<br/>अपतानकस्यासाध्यत्वम्<br/>पक्षवधलक्षणम्<br/>पक्षवधस्य पित्तकफानुबन्धित्वम्<br/>पक्षाघातस्य साध्यासाध्यत्वम्<br/>पिशाचग्रहजन्योन्मादलक्षणम्<br/>१५०<br/>11<br/>उन्मादस्यासाध्यता<br/>देवादीनामाक्रमणकालः<br/>श्रदेवादिग्रहाणामावेशप्रकारः<br/>तस्य प्रकारान्तरम्<br/>२१ अपस्मारनिदानम्<br/>अपस्मारस्य सम्प्रातिः स्वरूपं व<br/>अपस्मारस्य पूर्वरूपम्<br/>वातिकापस्मारस्य लक्षणम्<br/>पत्तिकापस्मारस्य लक्षणम् १५३<br/>"<br/>नदिंतरोगस्य सम्प्राप्तिलक्षणे<br/>अर्दितस्य साध्यासाध्यतास्वरूपम्<br/>१५१<br/>आक्षेपकादीनां वेगित्वम्<br/>हनुमहस्य हेतुसम्प्राप्तिलक्षणानि<br/>मन्यास्तम्भस्य लक्षण म्<br/>१५२ जिद्धास्तम्भस्य लक्षणम्<br/>सिराग्रहस्य लक्षणम्<br/>गृतसीलक्षणम्<br/>विचाचीस्वरूपम्<br/>१९<br/>विदयानुक्रमणिका<br/>६६ शूलपरिणामशलाम शालनिदानम्<br/>H<br/>प्रतिवूमीसक्षजम<br/>बात विकृतेर्मूत्रावरोचकस्वरूपम<br/>खझीस्वरूपम्<br/>उज्ववातस्वरूपम्<br/>अनुक्तवातरोगसंग्रहः<br/>श्रामजवर कम्<br/>शुतस्य साध्यत्वादिकर<br/>70%<br/>• वातादिभेदेन<br/>२७ उवावतीनाहनिदानम् वातनिग्रहमोदावर्तरय रातनम् उदावर्तस्य निदानम<br/>१७१<br/>बातम्याधीनों साच्यालाध्यतास्वरूपम् ॥<br/>बातस्योपड्याः प्रकृतिस्वस्व वायोळक्षणम्मू<br/>२३ बातरक्तनिदानम्<br/>यातरक्तस्यात्पाद कहेतुः वातरक्तस्य सम्प्राप्तिः<br/>वातरक्तस्य पूर्वरूपम् १७३<br/>दोषान्तरसंसर्गजन्यलचणानि 19<br/>बातरक्तस्य प्रसारप्रकारः बातरक्तस्यासाध्यतानिरूपणम्<br/>२४ ऊरुस्तम्भनिदानम्<br/>ऊरुस्तम्भस्य हेतुः सम्प्राप्तिश्र ऊरुस्तम्भस्य लक्षणानि उरुस्तम्भस्य पूर्वरूपम् अरुस्तम्भस्य विशेषलक्षणं<br/>साध्यासाध्यत्वम्<br/>२५ आमवात निदानम्<br/>आमवातस्य निदानं संप्राप्तिश्च आमवातस्य सामाग्यलक्षणम् प्रवृद्धस्यामवातस्य लक्षणम् दोषानुवन्धेनामवातलक्षणम्<br/>आमवातस्य साध्यासाध्यता<br/>पुरीषशोदावर्तलतजन् सूत्रोदावर्तनिरूपणम्<br/>१७२<br/>अनुजोदावर्तलक्षणम् विद्यानिरोधजोदावर्तलचणम्<br/>उद्गारनिरोधजोदावर्तलचणम् छर्दिनिग्रह जम्योदावर्तलचणम्<br/>शुक्रनिरोधजओदावर्तलचणम्<br/>शुचानिरोधजोदावर्तलक्षणम्<br/>१७४ तृष्णावेगनिरोधजोदावर्तलक्षणम् श्रमवासनिग्रहजन्योदावर्तलचणम्<br/>१७५<br/>निद्रानिरोधजोदावर्तलक्षणम् रुचादिकुपितवातजोदावर्तलक्षणम्<br/>आमाहस्य लक्षणम् आमजपुरीषज्ञानाछ्योर्लक्षणम्<br/>१७६<br/>१७७<br/>उदावत्तिनोऽसाध्यलक्षगम्<br/>२८ गुल्मनिदानम्<br/>गुक्मस्य सम्प्राप्तिः तन्नेदाश्र गुश्मसामान्यस्य विवेचनम् गुल्मभेदाः<br/>१७८ गुल्मस्य पूर्वरूपस सर्वगुश्मेषु सामान्यस्वरूपम्<br/>१७९<br/>" वातिकगुश्मस्य हेतुलक्षणे<br/>१८० पंस्तिकगुल्मनिरूपणम् "<br/>श्लैष्मिकगुल्मस्य निदानं रूपश्च<br/>१८६<br/>८७<br/>Pranam<br/>A<br/>३० मूत्रकृन्द्धनिदानम<br/>८वातिक-पैतिक-कफज-साक्षि-<br/>पातिक-सूत्रकृच्छ्राणि<br/>शश्याभिघातजमूत्रकृष्लक्षणम्<br/>शकृद्विधातजमूत्रकृस्कूलक्षणम्<br/>अश्मरीहेतु कमूत्रकृच्छ्रलक्षणम्<br/>शुक्र जमूत्रकृच्छ्रलक्षणम्<br/>अश्मरीशर्करयोर्भेदनिरूपणम्<br/>३१ मूत्राघातनिदानम्<br/>मूत्राघातस्य भेदाः<br/>वातकुण्डलिकायाः स्वरूपम्<br/>अष्ठीलालचणम्<br/>वातवस्तिलक्षणम्<br/>१९६<br/>ममता<br/>३३ प्रमेहनिदानम्<br/>प्रमेहस्व पूर्वरूपाणि<br/>१९८<br/>प्रमेहस्य सामान्य रूपाणि<br/>श्रमिकमेहानां श्वरुपम पैत्तिकमेहाः<br/>१९९<br/>वानिकमेहाः<br/>२००<br/>प्रमेहाणामुपद्रवाः<br/>प्रमेहाणामसाध्यता<br/>उपेक्षितानां सर्वेषां मेहानों<br/>मधुमेहत्वम्<br/>प्रमेहपिढका<br/>पिडकानां लक्षणानि<br/>२०१<br/>पिढकादोषयोः सम्बन्धम्<br/>पिडकाया असाध्यता<br/>३४ मेदोरोगनिदान म्<br/>मेदलो हेत्वादिवर्णनम्<br/>२०२<br/>मेदस्वितायां बुभुक्षावृद्धौ कारणम्<br/>मूत्रातीतस्वरूपम्<br/>सूत्रजठरस्वरूपम्<br/>मूत्रोत्सङ्गलक्षणम्<br/>मूत्रक्षयलक्षणम्<br/>मूत्रग्रन्थिलक्षणम्<br/>मूत्रशुक्रस्वरूपम्<br/>उष्णवातस्वरूपम्<br/>मूत्रसादस्वरूपम्<br/>विविघातलक्षणम्<br/>वस्तिकुण्डल क्षणम् दोषान्तर संवद्धवस्तिकुण्डललक्षणम्<br/>अतिस्थूलस्य परिभाषा<br/>२०३<br/>३५ उदरनिदानम्<br/>वस्तिकुण्डलस्य साध्यासाध्यता<br/>"<br/>उदररोगस्य निदानम्<br/>कुण्डलीभूतवस्तेर्लक्षणम्<br/>उदररोगस्य सम्प्राप्तिः<br/>३२ अश्मरीनिदानम्<br/>उदरस्य सामान्यलचणानि<br/>अश्मर्याः संख्या<br/>"<br/>उदराणां संख्या<br/>असाध्यस्थितिः<br/>३६ शोथनिदानम्<br/>ه دوست دارید<br/>लोहोरे पक्रायुधरे ता<br/>परिक्षाभ्युदरलचणानि<br/>क्रमप्रासमहमें जलोदरम उदररोगस्य साध्यासाध्यता<br/>शोधस्य सम्प्राप्तिः<br/>शोयश्य भेदाः<br/>शोधश्य पूर्वरूपम्<br/>शोधस्य सामाम्गनिदानम्<br/>चोचत्त्य सामान्यलचणानि<br/>निजशोयेषु वातिकशोधलक्षण म्<br/>वैषिकशोधलक्षणम्<br/>अभिवातजशोथलक्षणम्<br/>विषजन्य शोधलक्षणम्<br/>निचयानुक्रमणिका<br/>पत्रस्या दोषा यत्र देशे शोथं कुर्वन्ति<br/>१२१<br/>त<br/>સેમિયાણજલમ<br/>२१२<br/>मेदो<br/>"<br/>अर्बुदानों पाकामाने हेतुः<br/>२२५<br/>श्लीपदस्य सामान्यलक्षणम्<br/>३६ श्रीपदनिदानम्<br/>२२६<br/>श्लीपदस्यासाच्यता<br/>श्रीपदस्योत्पत्तिदेशः<br/>सर्वश्रीपदेषु कफस्य प्राधान्यम्<br/>१२०<br/>अपरमसाध्यलक्षणम्<br/>२२७<br/>विद्र्धेः सम्प्राप्तिः<br/>२० विद्रधिनिदानम्<br/>वातिकविद्रधिलक्षणानि<br/>२२८<br/>पैत्तिकविद्रधिः<br/>लेस्मिकविद्रजिः<br/>सान्निपातिकविद्रधिः<br/>आगन्तुजविद्रधिः<br/>राश्चिरूपणम्<br/>२२९<br/>शोषस्य साध्यासाध्यता<br/>13<br/>रक्तजविद्रधिः<br/>अन्तर्विद्रधिः<br/>३७ बुद्धिनिदानम्<br/>स्त्रावनिर्गममार्गध<br/>२३०<br/>साध्यासाध्यता<br/>बातजादिबुद्धी नां लचणानि<br/>२३१<br/>४२ व्रणशोथनिदानम्<br/>प्राप्तामान्त्रवृद्धिवर्णनम्<br/>२३२<br/>व्रणशोथस्य भेदाः<br/>३८ गलगण्डगण्डमालाऽपची-<br/>अणशोधस्य विशेषलक्षणानि<br/>ग्रन्थर्बुदनिदानम्<br/>आमवगशोधस्थ लक्ष्णानि<br/>गलगण्डस्य परिभाषा<br/>२३३<br/>पच्यमानशोथलक्षणम्<br/>गलगण्डस्य सम्प्राप्तिः<br/>पद्मशोधस्य लक्षणम्<br/>वातजगलगण्डलक्षणम्<br/>श्लेष्मिकगलगण्डलक्षणम्<br/>मेदोजगलगण्डलक्षणम्<br/>गलगण्डस्यासाध्यता<br/>गण्डमालास्वरूपम्<br/>अपचीलक्षणम्<br/>परिपाककाले सर्वदोषाणां सम्बन्धः<br/>"<br/>अविनिःसृतस्य तस्य पुत्रस्य दोषम्<br/>२३७<br/>आमादिज्ञाने वैद्यत्वम्<br/>४२ शारीरव्रणनिदानम्<br/>"<br/>२३५<br/>व्रणस्य भेदाः<br/>आमादीनामज्ञाने श्वपचत्वम्<br/>विषयानुक्रमणिका<br/>२४९<br/>नाहीश्या<br/>२०५०<br/>बातजनाक्षी<br/>वित्तजा नाही<br/>श्रस्मिकी नाही<br/>२५१<br/>त्रिदोषजताडी<br/>वातिकपेप्सिककग शवणभेदाः<br/>इन्द्वज त्रिदोषज वगभेदाः<br/>अणस्य साध्यासाच्यता<br/>दुष्टवणलक्षणम्<br/>रुह्यमाणविणलक्षणन्<br/>"<br/>ब्रणश्य सम्यग्रडलक्षणम्<br/>रोगोपद्रवरूपाणां व्रणानां कृच्छ्रसाध्या-<br/>साध्यता<br/>२०५२<br/>गन्धानुसारं वणस्यारिष्टलक्षणम्<br/>अन्यदसाध्यलक्षणम्<br/>४३ सद्योव्रणनिदानम्<br/>सचोवणस्योत्पादकहेतुः<br/>आकृतिभेदेन व्रणभेदाः<br/>विस्रलक्षणम्<br/>भिषवलक्षणम्<br/>कोष्ठलक्षणं तद्भेदे च लक्षणानि "<br/>विद्धवणलक्षणम्<br/>दातव्रणलक्षणम्<br/>पिच्चि तत्रणलक्षणम्<br/>बृष्टवणलक्षणम् सशल्यवणभ्य कोष्ठगतशक्यता-<br/>लक्षणानि<br/>कोष्ठगतशक्यस्यासाध्यलक्षणानि<br/>मांससिर। स्नाय्वस्थिसन्धिगतज्ञतानां<br/>सामान्यलक्षणम्<br/>मर्मरहितानां सिरादीनां विद्ध-<br/>लक्षणम्<br/>सिरादिमर्मविद्धलिङ्गातिदेशनम्<br/>मांसमर्मणो विद्धलक्षणम्<br/>सर्वेषां व्रणानामुपद्रवाः<br/>४४ भग्ननिदानम्<br/>सन्धिभग्नस्य प्रकाराः<br/>सन्धिभग्नस्थ सामान्यलक्षणानि २५९<br/>उत्पिष्टादिविशेषसन्धिविश्लेषम्<br/>काण्डभग्नलक्षणम्<br/>भग्नस्य भेदान्तरसम्भवम्<br/>भग्नश्य कष्टसाध्यासाध्यता<br/>अस्थिविशेष। नुसारं भग्नविशेषाः<br/>शश्वनिमित्ता नाडी<br/>साध्यासाध्यता<br/>४६ भगन्दरनिदानम<br/>भगन्दरस्य सामान्यरूपम्<br/>वातिकभगन्दरम्<br/>पेत्तिकभगन्दरम्<br/>कफअभगन्दरम्<br/>२५३ सनिपातजभराश्रम्<br/>४५ नाडीव्रणनिदानम्<br/>नाडीव्रणस्य हेतुः<br/>नाढीव्रणस्य निरुक्तिः<br/>आगन्तुजअगन्दरम्<br/>"<br/>भगन्दरस्य साध्यासाच्यता<br/>२५४<br/>४७ उपदंशनिदानम्<br/>२५५ उपदंशस्य निदानस्<br/>" २५६<br/>उपदंशस्य लचणानि<br/>उपदंशस्यासाध्यता<br/>चिकित्साऽभावे परिणामः<br/>४८ शुक्रदोषनिदानम्<br/>" शुकदोषनिदानम्<br/>सपिकाख्यः शुकदोषः<br/>अष्ठीलिकासंज्ञः शुकदोषः<br/>प्रथितशूकदोषः<br/>कुम्भीकालक्षणम्<br/>२५७<br/>अलजीलक्षणम्<br/>मृदितलक्षणम्<br/>२५८<br/>संमूढपिडकालक्षणम्<br/>अधिमन्थलक्षणम्<br/>पुष्करिकालक्षणम्<br/>स्पर्शहानिः<br/>उत्तमालक्षणम्<br/>शतपोनकलक्षणम्<br/>२६० त्वकपाकलक्षणम्<br/>शोणितार्बुदलक्षणम्<br/>२६१ मांसार्बुदलक्षणम्<br/>२६२ मांसपाकलक्षणम्<br/>विद्रधिलक्षणम्<br/>तिलकालकलक्षणम्<br/>२६३<br/>शूकदोषस्यासाध्यता<br/>२४ मसूरिकानिदानम्<br/>watermat frared lev<br/>४० शीतपित्तोदर्वकोठनिदानम्<br/>प्रयागों सामान्यनिदानम<br/>उदर्दस्य लक्षणम<br/>जदर्दस्येव धर्मान्तरम<br/>फोठविवेचनम्<br/>५१ अम्लपित्तनिदानम्<br/>अम्लपित्तस्य स्वरूपम् षष्ठवित्तस्य लक्षणानि<br/>अम्लवित्तस्याधोगतिः<br/>ऊर्ध्वगमम्लपित्तलक्षणम्<br/>अम्लपित्तस्य साध्यासाध्यता अम्लपित्तसंसर्गः<br/>५२ विसर्पनिदानम्<br/>विसर्पस्य हेतुः<br/>२८०<br/>तंदी साध्यायाच्यता<br/>२८२ **<br/>मधुरिकावा उपपद्रवाः<br/>४४ क्षुद्ररोगनिदानम<br/>२८३<br/>जगद्विकारुदरोगः<br/>यवनच्यावर्णनम<br/>२८४<br/>अन्वाटजीलक्षणम् विवृतालष्क्षणम<br/>२८५<br/>२८६<br/>"<br/>इन्द्रविद्धालवणम<br/>गर्दभिकालक्षणम्<br/>पाषाणगर्दनलक्षणम्<br/>पनसिकाळचणम्<br/>जालगर्दभलक्षणम्<br/>इरिवेल्लिका कश्चयोर्टक्षणम्<br/>गन्धमालालक्षणम्<br/>विसर्पस्य निदानपूर्विका संख्या<br/>अग्निरोहिणीलक्षणम्<br/>चिप्पकुनखयोलचणम्<br/>२८७<br/>अनुशीलक्षणम्<br/>२८८<br/>विदारिकालक्षणम्<br/>शर्करालचणम्<br/>पाददारीलक्षणम<br/>"<br/>वातिकादिविसर्पलक्षणम्<br/>आग्नेयविसर्पलक्षणम्<br/>अस्थि विसर्पलक्षण म्<br/>कर्दमविसर्पलक्षणम्<br/>क्षत्तुविसर्पलक्षणम्<br/>विसर्पस्य साध्यासाध्यता<br/>५३ विस्फोटनिदानम्<br/>विस्फोटस्य निदानपूर्विका सम्प्राप्तिः<br/>वातादिभेदेन विसर्पस्य लक्षणानि<br/>सान्निपातिक विस्फोटलक्षणम्<br/>रक्तजविस्फोटलक्षणम्<br/>कदरलक्षणम्<br/>अलसकलक्षण म्<br/>इन्द्रलुप्तलक्षणम्<br/>दारुणलक्षणम्<br/>पलितरोगलक्षणम्<br/>अरूपिका लक्षण म्<br/>युवानपिडका लक्षणम्<br/>पद्मिनीकण्टकलच्क्षण मू<br/>जतुमणिलक्षणम्<br/>विनयात्कमणिका<br/>चम<br/>गुदभ्रंशलक्षणम<br/>शालकलचणम<br/>वराहइंट्रलक्षणम्<br/>५६ मुखरोगनिदानम<br/>मेदोजमोष्टलक्षणम्<br/>अभिघातजमोष्टलक्षणम्<br/>सुखरोगार्णा सामान्यमुत्पादकहेतुः<br/>वित्तजमोष्टलक्षण म<br/>कफजमोपुलक्षणम<br/>साक्षिपातिकमोष्ठलक्षणम्<br/>रक्त जमोष्टलक्षणम्<br/>मांसज मोष्ठलक्षणम्<br/>एकवृन्दलचणम्<br/>" गुम्दलचणम<br/>शतघ्नीलचणम<br/>गलायुलक्षणम्<br/>गलविद्रचिलक्षणम्<br/>" गहौधलक्षणम्<br/>स्वरन्नलक्षणम्<br/>शीतादलक्षणम्<br/>दन्तपुष्पुटलक्षणम्<br/>दन्तवेष्टलक्षणम्<br/>शौषिररोगलक्षणम्<br/>महाशौषिरलक्षणम्<br/>परिदरलक्षणम्<br/>उपकुशलत्क्षण म्<br/>वैदर्भलक्षणम्<br/>खलिवर्धनलक्षणम्<br/>करालरोगलक्षणम्<br/>अधिमांस कलक्षणम्<br/>दन्तनाडीलक्षणम्<br/>दालन लक्षणम्<br/>मांसतानलक्षणम्<br/>विदारीलक्षणम्<br/>वातिकादिसुखपाकळक्षणम्<br/>ओष्ठप्रको पादीनामसाध्यता<br/>५७ कर्णरोगनिदानम<br/>कर्णशूललक्षणम्<br/>वाधिर्यलक्षणम्<br/>कर्णचवेडलक्षणम्<br/>कर्णसंस्रावलक्षणम्<br/>कर्णकण्डूकर्णगूथकयोर्लक्षणम्<br/>कर्ण प्रतिनाहलक्षणम्<br/>कृमिकर्णकलक्षणम्<br/>कर्णप्रविष्टकीटपतङ्गादिलक्षणम्<br/>कर्णविद्रधिलक्षणम्<br/>कर्णपाकलक्षणम्<br/>पूतिकर्णलक्षणम्<br/>कर्णगतशोथार्बुदाशाँसि<br/>वातादिभेदेन चरकोक्त<br/>क्रिमिदन्तकलक्षणम्<br/>भञ्जनकलक्षणम्<br/>दन्तहर्पलक्षणम्<br/>दनाशर्करालक्षणम्<br/>"<br/>कपालिकालक्षणम्<br/>"<br/>श्यावदन्तकलक्षणम्<br/>दन्तविद्रधिलक्षणम्<br/>३१९<br/>कर्णरोगलक्षणम्<br/>परिपोटकलक्षणम्<br/>सिराजपिडकालक्षणम्<br/>बलामग्रधितलक्षणम्<br/>उपनादस्य लक्षणम<br/>पर्वणीलक्षणम्<br/>अठीलक्षणम<br/>क्रिमिपन्थिनिरूपगम्<br/>उत्सङ्गिनीलक्षण म्<br/>कुम्भीकालक्षणम<br/>पोथकीलक्ष गम्<br/>वर्मणर्कराविवेचनम्<br/>अशोंवत्र्मलक्षणम्<br/>शुष्कार्शीलक्षणम्<br/>अञ्जननामिकानिरूपणम्<br/>बहुलवःर्मलक्षणम्<br/>वर्मबन्धकलक्षणम्<br/>क्लिष्टवत्र्मलक्षणम्<br/>वर्म कर्दमलक्षणम्<br/>श्याववर्म लङ्गम<br/>प्रक्लिन्ननर्मलक्षणम्<br/>अक्लिन्नवत्र्मलक्षणम<br/>वानहतवत्र्मलक्षण म्<br/>अर्बुदलक्षणम्<br/>निमेषलक्षणम्<br/>शोगिताौलक्षणम<br/>लगणाख्यव्याधिलक्षणम्<br/>विषवर्मलक्षणम्<br/>सूर्यावर्तस्य लक्षणम्<br/>६९ अनुस्वरनिवागम्<br/>असृम्दरस्य भेदाः<br/>असृग्दश्य सागाग्यलक्षणानि आर्तवस्थातिप्रवृत्ती उपद्रवाः<br/>श्लेष्मिकाभेदेनासृग्दरस्यलचणानि<br/>विशुद्धार्तवस्य लक्षणम्<br/>६२ योनिव्यापन्नतिदानम<br/>योनिरोगार्णा सामान्य कारणम्<br/>पञ्चयोनिव्यापत्सु प्रथममुदावर्त-<br/>लक्षण म वन्ध्याविप्लुतापरिप्लुतानां<br/>लक्षणानि<br/>वातलायोनिवर्णनम्<br/>पैत्तिकपञ्चयोनिलक्षण म् पञ्चश्लेष्मिकीर्थोनिव्या पदः<br/>सान्निपातिकाः पञ्चयोनिव्यापद<br/>कुञ्जनस्य लक्षणम्<br/>पचमको पलक्षणम्<br/>पचमशातलक्षणम्<br/>सर्वनेत्ररोगाणां संग्रहः<br/>६० शिरोरोगनिदानम्<br/>कारणभेदेन शिरोरोगभेदाः<br/>वातिकशिरोरोगलक्षणम्<br/>पित्त जशिरोरोगलक्षगम्<br/>श्लेष्मज्ञशिरःशूललक्षणम्<br/>सान्निपातिकशूललक्षणम्<br/>रक्तजशिरोरोगलक्षणम्<br/>क्षयजशिरोरोगलक्षणम्<br/>क्रिमिजशिरोरोगस्य लक्षणम्<br/>६३ योनिकन्दन्निदानम्<br/>योनिकन्दस्य स्वरूपम्<br/>योनिकन्दस्य वातिकादिभेदेन<br/>लक्षणानि<br/>६४ मूढगर्भनिदानम्<br/>गर्भपातस्य हेतुः<br/>कालभेदेन गर्भपातस्य द्वैविध्यम्<br/>गर्भपात हेतवः<br/>मूढगर्भलक्षणम्<br/>मूढगर्भस्याष्टौ भेदः<br/>चतुष्प्रकारा विशिष्टगतिः<br/>असाध्यमूढगर्भगभिण्योर्लक्षणम्<br/>मृतगर्भलक्षणम्<br/>गर्भस्थमरणहेतुः<br/>मूढगर्भस्यासाध्यता<br/>६४ सूतिकारोगनिदानम<br/>सुतिकारोगस्य लक्षणानि<br/>सूतिकारोगस्य हेतुः<br/>सूतिकारोगाः<br/>सूतिकारीगरथ कश्याध्यता<br/>स्तनरोगनिदानम्<br/>वातादिभेदेन स्तनरोगस्य लक्षणानि<br/>६७ स्तम्यदुष्टिनिदानम्<br/>स्तम्यस्य दृष्टिहेतुः<br/>बातादिभेदेन दुष्टस्तम्यलक्षणम्<br/>शुद्धदुग्धस्वरूपम<br/>बालरोगाः<br/>६८ बालरोगनिदानम्<br/>स्तन्यपानजन्यरोगाः<br/>शिरोरन्तर्गतवेदनाज्ञानोपाबः<br/>कुकूणकर क्षण म पारिगभिंकरोगनिरूपणम्<br/>तालुकण्टकलक्षणम्<br/>महापद्मनामक शिशुविसर्पलक्षणम्<br/>अजगल्लिकाहिपूतनालक्षणानि<br/>विषयानुक्रमणिका<br/>इम्जसर्पलक्षगम्<br/>विभिन्नसर्पदष्टलक्षणम<br/>विशिष्टदेशादिदष्टभ्यासाध्यत्वम्<br/>सर्पविषस्य कालयशादाशुघातित्वम्<br/>अवस्थाविशेषे सर्पविषस्यासाध्यत्वम्<br/>दृषीविषस्य सामान्यलक्ष गम्<br/>रसादिधार गतदूपीविषस्य लक्षणानि<br/>दृषीविषस्य पूर्वरूपाणि<br/>दृषीविषस्य नानाविकारित्वम्<br/>दृषीविषस्य निरुक्तिः<br/>दूषीविषस्य साध्यासाध्यता<br/>गरविषजुष्टस्य लक्षणानि<br/>लुताविपवर्णयानसरे तस्या निरुक्तिः<br/>कृतानां सामान्यदंशलचणम्<br/>दृषीविषाणां लक्षणम्<br/>लुतानां सामान्यलक्षणम्<br/>मूषिकदूषीविषलक्षण म्<br/>कृकलासदष्टलक्षणम्<br/>वृश्चिकविषस्य लक्षणानि<br/>बालानां ज्वरादिविकाराः<br/>ग्रहजुष्टानो सामान्यलक्षणम्<br/>वृश्चिकदंशस्यासाध्यता<br/>कणभदष्टलिङ्गम्<br/>स्कन्दग्रहगृहीतस्य लक्षणम्<br/>उच्चिटिङ्गदष्टस्य लक्षणानि<br/>स्कन्दापस्मारलक्षणम्<br/>सविषमण्डूकदष्टलिङ्गम्<br/>शकुनीग्रहलक्षणम्<br/>रेवतीग्रहलक्षणम्<br/>३९४ गोधाया दष्टलक्षणानि<br/>पूतनाग्रहगृहीतस्य शिशोर्लक्षणानि<br/>सविषमत्स्यजलौकसां दष्टलक्षणम्<br/>शतपद्या दष्टलक्षणानि<br/>मशकदष्टलक्षणानि<br/>मुखमण्डिकाग्रहलक्षणम्<br/>नैगमेषग्रहगृहीतस्य लक्षणानि<br/>मक्षिकादष्टलक्षणम्<br/>ग्रहगृहीतस्य साध्यासाध्यता<br/>६६ विषरोगनिदानम् विपस्य द्वैविध्यम्<br/>जङ्गमविषस्य सामान्यलक्षणानि<br/>स्थावरविषस्य सामान्यलक्षणानि<br/>मूलादिविषाणां सामान्यं लक्षणम्<br/>विषलिप्तशस्त्रहतलक्षणम्<br/>विषपीतस्य लक्षणम्<br/>चतुष्पदां द्विपदां च नखदन्त-<br/>विषलक्षणम् व्याघ्रादिहिंसकजन्तूनां<br/>विषलक्षणानि<br/>श्वादिना दष्टस्यारिष्टलिङ्गानि<br/>निर्विषपुरुषलक्षणम्<br/>ग्रन्थकर्तृविषयानुक्रमणिका<br/>रोगिणां कृते माधवस्य शुभाशंसा |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Subject heading | Madhava Nidana |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | Dewey Decimal Classification |
Koha item type | BOOKS |
Withdrawn status | Lost status | Source of classification or shelving scheme | Damaged status | Not for loan | Collection code | bill no. | bill date | Home library | Current library | Date acquired | Source of acquisition | Coded location qualifier | Cost, normal purchase price | Total Checkouts | Full call number | Accession No | Date last seen | Price effective from | Koha item type | Public note |
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Dewey Decimal Classification | Not For Loan | MAMCRC | 2152 | 17/04/2023 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 03/02/2024 | Tarun Books Pvt. Ltd. New Delhi | REF | 465.00 | 615.535 SHA | A4192 | 03/02/2024 | 03/02/2024 | BOOKS | Reference Books | ||||
Dewey Decimal Classification | MAMCRC | 2152 | 17/04/2023 | MAMCRC LIBRARY | MAMCRC LIBRARY | 03/02/2024 | Tarun Books Pvt. Ltd. New Delhi | 465.00 | 615.535 SHA | A4193 | 03/02/2024 | 03/02/2024 | BOOKS |