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Yoga and Ayurveda

By: Material type: TextTextLanguage: HINDI Publication details: Varanasi Chaukhambha Orientalia 2015Description: 76pISBN:
  • 9788176371797
DDC classification:
  • 613.7046 DHY
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विषय सूची
१ योगशब्द की व्युत्पत्ति
९ सर्वांगासन
योग की विभिन्न व्याख्यायें
१ पश्चिमोत्तानासन
२ योग की उत्पत्ति और प्रयोजन
५ शवासन
२ धनुरासन
योग की उत्पत्ति
योग का प्रयोजन
५ शीर्षासन
हठयोग की व्याख्या,
८ कूर्मासन मत्स्येन्द्रासन
प्रशंसा और प्रयोजन
आयुर्वेद और योग का सम्बन्ध
१० प‌द्मासन
आयुर्वेद में योग का वर्णन
१३ पवनमुक्तासन
१५ भद्रासन विधि
स्वास्थ्य रक्षण में योग का महत्त्व
१७ सिद्धासन
३ यम और नियम
२१
मयूरासन
यम की परिभाषा
२२
सिंहासन
यम की संख्या
२२
चित्र सूची
अहिंसा
२२
योगके मिताहार और अहिताहार
सत्य
२३
४ प्राणायाम
अस्तेय
२५
प्राणायाम व्याख्या
ब्रह्मचर्य
२६
प्राणायाम की प्रशस्ति
अपरिग्रह
२६
मलशोधक प्राणायाम
नियम
२७
प्राणायाम के प्रकार
नियम के भेद
२८
पूरक प्राणायाम
शौच
२८
रेचक प्राणायाम
सन्तोष
२९
कुम्भक प्राणायाम
तप
२९
नासा
स्वाध्याय
३०
प्राणायाम कब करे?
ईश्वर प्रणिधान
३०
५ प्राणायाम का काल
आसन
३१
अवर-मध्यम-प्रवर
स्वस्तिकासन
३३
क्रम के लक्षण
गोमुखासन
प्राणायाम में स्वेद का कार्य
योग और आयुर्वेद
प्राणायाम अभ्यास काल में
क्या खाना चाहिये?
४९ प्लाविती
नाड़ी शुद्धि
प्राणायाम का युक्त अयुक्त फल
४९६ योग के आठ अंत और
५० उनका परिचय
षट्कर्म
५१ ५१ धारणा, ध्यान और समाधि यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रा
षट्‌कर्म का संख्या और नाम
भौति, वस्त्रधौति
५२ प्रत्याहार
श्रौति कैसे करे?
५२ धारणा
धौती कर्म से क्या
५२ ध्यान
कुंजल या गजकरणी
५३ समाधि
दण्डधौती
नेतिकर्म
नेति से लाभ
वस्ति कर्म
वस्ति से लाभ
निषेध
५३ समाधि के भेद
५३ सम्प्रज्ञात समाधि
५४ असंप्रज्ञात समाधि
५४ इड़ा-पिंगला-सुषुम्ना का वर्णन
५५ ७ बन्ध
५५ मूल-जालंधर-औड्डियान भेद से
त्राटक कर्म
५५ जालंधर बन्ध
त्राटक के प्रकार (१) बाह्य
मूलबंध
(२) आभ्यान्तर (३) मध्य
५६ उड्डियानबंध
नौलिकर्म
५७ आयुर्वेद सम्मत योग और उसमें
लाभ
५७ सुख-दुःख की निवृत्ति
कपालभाति
५७ योग और मोक्ष में समस्त
कुम्भक के भेद
५८ वेदनाओं का अभाव
सूर्यभेदन कुम्भक
५८ राजयोग और हठयोग का परिचया
उज्जायी
५८ मोक्ष के लक्षण और उसके उपाय
सीत्कारी
५९ मुक्तात्मा का लक्षण
शीतली
५९ नैष्ठिकी चिकित्सा
भस्त्रिका
भ्रामरी

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