Ayurveda Sanskrat Gyan Majjari
Material type:
- 9789394866270
- 615.538 SHA
Item type | Current library | Collection | Call number | Status | Notes | Date due | Barcode | |
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विषय सूची
पेपर - 1 संस्कृत
माहेश्वर सूत्राणि, उच्चारणस्थानानि, बाह्य प्रबलानि, आभ्यान्तर प्रयत्नानि।
संज्ञा-
संयोगः, संहिता, हस्मदीर्घप्लुतः, अनुनासिकः पदम्, धातुः, उपसर्गः गुणः, वृद्धिः इत् लोपः, प्राव्याहार, उदात्तः, अनुदात्तः, स्वरितः, स्वर्णः, निपातः, प्रगृाम्।
उपसर्गाः-
उपसर्गाः क्रियायोगे
प्र, परा, अप, सम, अनु, अब, निस्, निर, दुस्, दुर, वि, आङ्, नि, अपि, अधि, अति, क्षु, उत् अभि, प्रति, परि, उप।
अव्ययानि
च, अपि, खलु, हि, तु, किल, नतु, वा, च, एव, पुनः, बिना, उच्चैः, ऋऋते, एवम्, सह, सार्थम्, युगपत्, यथा, तथा, यावत् तावत्, इति, यदा, तदा, यदि, तर्हि, साकम्, न, कुत्र, कति, कुतः, किमर्थम्, कियत्, इह, अत्र, तत्र, सर्वत्र, अन्यत्र, कुत्र, एकत्र, सदा, अन्यथा, एकथा।
कारक प्रकरणम्-
कर्तृकारकम्, कर्मकारकम्, करणकारम्, सम्प्रदानकारकम्, अपादानकारकम्, सम्बन्ध, उपपदविभक्तिः।
सन्धिः
अच् सन्धिः, हल्सन्धिः, विसर्गसन्धिः, रूत्वप्रकरणसन्धिः।
समास
अव्ययीभावः, तत्पुरुष समासः, बहुव्रीहि समासः, द्वन्द्वसमासः
शब्दरूपाणि
पुल्लिङ्ग शब्दरूपाणि
स्त्रीलिङ्ग शब्दरूपाणि
नपुसंकलिङ्ग शब्दरूपाणि
सर्वनाम पदानि
धातुरूपाणि
परस्मैपदि, आत्मनेपदि
प्रत्ययाः
क्त, क्तवतु, तव्यत्-अनीयर, शतृ-शानच्, ल्युट्, ण्वुल्, क्त्वा, ल्यप्, णिनिः, क्तिन्, तुमुन्।
विशेषण विशेष्य
पेपर - II पार्ट - ए संस्कृत
निरुक्ति एवं पर्याय पदानि
परिभाषा पदानि
अन्वय लेखनम् – अष्टाङ्गहृदयम् सूत्रस्थानम्
1. आयुष्कामीयम्, 2. दिनचर्या, 3. रोगानुत्पादनीयम्, 4. दोषादिविज्ञानीयम्, 5. दोषभेदीयम्, 6. दोषोपक्रमणीयम्, 7. द्विविधोपक्रमणीयम्
पञ्चतन्त्र - अपरीक्षितकारकम् (5 कथा)
1. नापितक्षपणक कथा, 2. नकुलीब्राह्मणी कथा, 3. चक्रधर कथा,
-. सिंह कारक मूर्खपण्डित कथा, 5. मूर्खपण्डित कथा
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