Image from Google Jackets

Abhibhawak / Mata Pita ke liye Moolya Adahrit Pustika

By: Material type: TextTextPublication details: New Delhi Sterling Pub. Pvt. Ltd.Dissertation note: विषय-सूची संक्षिप्त विवेचनाः अभिभावक/माता-पिता के प्रशिक्षण का समय इस प्रशिक्षण दिग्दर्शिका का उपयोग भाग-1 सामूहिक परिचय सत्र द्वितीय सत्र व अन्य प्रशिक्षण सत्रों के विभित्र छह चरण भाग-2: दो वर्ष के बच्चे के माता-पिता के लिए मूल्य-आधारित शैक्षिक क्रिया-कलाप शांति सम्मान प्रेम प्रसन्नता ईमानदारी विनम्रता उत्तरदायित्व सादगी सहनशीलता सहयोग स्वतन्त्रता एकता भाग-3: बच्चों की देखभाल के लिए कौशल 1. खेल का महत्त्व और समय का सदुपयोग 2. प्रशंसा द्वारा सकारात्मक व्यवहार का निर्माण 3. अनुशासन और प्रेम का संतुलन 4. सुनने की सक्रियता 5. बच्चों में धार्मिक संस्कार का निर्माण 6. 'ना' कहने के पहले सोचना 7. स्वयं को बनाने का समय 8. व्यवहार में दृढ़ता, प्रेम और सम्प्रेषणशीलता 9. बच्चों को कथनी और करनी को एक बनाने के एकान्त चिन्तन
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)
Holdings
Item type Current library Collection Call number Status Notes Date due Barcode
BOOKS BOOKS CENTRAL LIBRARY IER 370.13 TIL (Browse shelf(Opens below)) Available Reference Books 22065
BOOKS BOOKS CENTRAL LIBRARY IER 370.13 TIL (Browse shelf(Opens below)) Available 22066

विषय-सूची
संक्षिप्त विवेचनाः
अभिभावक/माता-पिता के प्रशिक्षण का समय इस प्रशिक्षण दिग्दर्शिका का उपयोग
भाग-1
सामूहिक परिचय सत्र
द्वितीय सत्र व अन्य प्रशिक्षण सत्रों के विभित्र छह चरण
भाग-2: दो वर्ष के बच्चे के माता-पिता के लिए मूल्य-आधारित
शैक्षिक क्रिया-कलाप
शांति
सम्मान
प्रेम
प्रसन्नता
ईमानदारी
विनम्रता
उत्तरदायित्व
सादगी
सहनशीलता
सहयोग
स्वतन्त्रता
एकता
भाग-3: बच्चों की देखभाल के लिए कौशल
1. खेल का महत्त्व और समय का सदुपयोग
2. प्रशंसा द्वारा सकारात्मक व्यवहार का निर्माण
3. अनुशासन और प्रेम का संतुलन
4. सुनने की सक्रियता
5. बच्चों में धार्मिक संस्कार का निर्माण
6. 'ना' कहने के पहले सोचना
7. स्वयं को बनाने का समय
8. व्यवहार में दृढ़ता, प्रेम और सम्प्रेषणशीलता
9. बच्चों को कथनी और करनी को एक बनाने के एकान्त चिन्तन

There are no comments on this title.

to post a comment.
Visitor count:

Powered by Koha