Shastri,Ravidatta

Chakradatta of sri Chakrapani Datta - varanasi Chaukhamba Surbharati Prakashan 2020 - 322p.

चक्रदत्तविषयानुक्रमः
ज्वराधिकारः १
१ मंगलाचरण
२ परिभाषा
३ कंपनाधिकारी
४ संघनका निषेध लंघनके परिणाम
५ वमनादि गरम वा शीतल वानी देना वमनके गुण
६ षडंगपानीय धानकी गुड्याणी यवागू, (गुड्याणी)
७ यवागूविधि उसका सेवनकाल
८ पित्तज्वरमें पाचन मूंगआदिका यूष परवलआदि शाक
५ अरुचिमें लेह आदि ज्वरोंका त्रिविधपना आमज्वरमें औषधनिषेध पक्कज्वरका लक्षण
• सामान्यज्वरमें पाचन पाचित और अपाचित औषधलक्षण
१ मात्राप्रयोगविधि औषधसेवनका प्रमाण
२ औषधमें माषादिप्रमाण चरकका प्राह्य मत
३ वातज्वरमें काथआदि विल्वादि पंचमूलका काडा चिरायता आदिका कादा रास्त्रादिकाढा
पीपलआदिकाथ
गिलोयआदिकाथ
दाखआदिकाथ
१४ पित्तज्वरमें पाचनादि इंद्रजवआदिका पानी
- कुटकीका पाचन
लोध्रआदिकाथ
परवलका काढा
धमासाआदि काथ
त्रायमाणादि काढा
सुनकादि काढा
सोंठ व पित्तपापडाआदि
- पित्तज्वर में शीतक्रिया
धनियांका पानी
विदारीकंदा दिलेप
दारुहलदीआदि लेप
शिरपर शीतल पदार्थ
रखने
कफज्वरमें काथआदि
विजोराका काथ
पिप्पलीआदिगण
कुटकीआदिका काढा
नींबादिकाडा
संभालुका काढा
आंवलाआदि गण
त्रिफलाआदि काथ
नागरमोथाआदि काथ
चतुर्भद्राबलेहिका
नवांगक्काथ
कटेलीआदि क्वाथ
पंचभद्रावलेहिका
मुलहटीआदि क्वाथ
पटोलआदि और गुडूच्या दि चतुर्भद्रक तथा पाठासप्तक
-
कटेलीआदि अमृत टिक
बांसाका रस
परवलआदिका काथ
• अमृताष्टक
परवल आदि तथा कटे-
लीका काढा
क्षुद्राआदि गण
- पंचकोल
क्षुद्रादिगण
मधूकसारादि
नागरमोथेका काथ
देवदारुआदि काढा
विजौरादिका सुखमें धारण
अष्टांगावलेहिका
मधूकसारादि गण
शिरसबीजादि भंजन
अष्टांगावलेहिका
पंचमुष्टिक
चातुर्भदकपंचमूल
दशमूलगण
लघुपंचमूलक
चतुर्दशागगण
अष्टादशांगगण
सुस्तादिगण
शुंग्यादिगण
बृहत्यादिगण
संनिपातमें भाङ्गींआदि
दशमूलादि काढा
अजमोदादि काढा
विजोराआदि काढा
सोंठआदि काढा
निशोतआदि काथ
निदिग्धिका (कटेली)
आदिगण
इंद्रजव आदिका काथ
ल्हसनआदि सेवन
मुस्ता (नागरमोथा)
आदिगण
अनेकविध उपाय
अपराजितधूप
काकर्जघादि धारण
अरनीकी जडका धारण
- एकाहज्वरनाशक मंत्र- आदि
काथादिसे गुण नहीं होवै
तौ घृतआदि

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