TY - BOOK AU - SHARMA, RAGHUVIRSHARAN TI - DHANVANTARI PARICHAYA SN - 9788176370585 U1 - 615.538 SHA PY - 2020/// CY - VARANASI PB - CHAUKHAMBHA ORIENTALIA KW - AYURVEDA N1 - विषय-सूची प्रथम अध्याय ईर्ष्या का जन्म समुद्र-मंथन समुद्र-मंथन के समय उपलब्ध होने वाले पदार्थ अवतार समस्या स्त्री रूप का त्याग समुद्र मंथन का कारण समुद्र-मंथन क्यों महादेव जी चौथे दिवोदास तृतीय अध्याय ७ सुश्रुत के गुरु ८ दिवोदास धन्वन्तरि ९ परंपरागत शत्रुता १० हर्यश्व और सुदेव नम्रता की बात ११ दिवोदास ही धन्वन्तरि थे १२ धन्वन्तरि के गुरु अब अमृत का विभाजन १३ दक्षिण भारत प्रह्लाद का विरोध अमृत चतुर्थ अध्याय मंदर १९ देवों से सम्बन्ध समुद्र-मंथन का सम समुद्र-मंथन में कितना समय लगा इन्द्र का परिचय इन्द्र की दाढ़ी-मूंछ मेरु पर्वत विरजा से सम्बन्ध किन्नर प्रदेश में दिवोदास धन्वन्तरि का समय द्वितीय अध्याय द्वितीय धन्वन्तर अब प्रश्न है गतवर्षों का सूर्य के शिष्य धन्वन्तरि रावण तीसरे धन्वन्तरि २८ दूसरा रावण चौथे धन्वन्तरि माहिष्मती आठ भागों के नाम तीसरा रावण पांचाल राज प्रवाहण जैवलि रावण का बाल्यकाल दिवोदास का समय विश्वामित्र उत्तर पांचाल परशुराम सूर्यवंशी दिवोदास परशुराम का आश्रम अन्य आचार्य पश्चम अध्याय सुमति विष नाशक धूप मातकि विदेह निसि काशिराज वायोबिंद और वासक बलिवायव युद्ध युधिष्ठिर वङ्ग नागों का राज जनक कराल नग्नजित, पर विचार मिसि और कराल श्रीकृष्ण की खी गाज्वारी संहिताओं का समय नीलमत पुराण चरक विमर्श गान्धार ऋषि आत्रेय पुनर्वसु परिशिष्ठ २ चरक पर विचार वैशम्पायन या चरक काशिराज दिवोदास धन्वन्तरि का व्यतीत वर्ष, सगवान् राम का जन्म संवत छठा अध्याय कृष्णकालीन भारत गणतन्त्र परिशिष्ट तीन सूर्य बालि का आरोप राम का प्रत्यारोप अति संचिप्त मेरु पर विचार शोक सन्तप्त श्रीराम का विलाप देवलोक सुश्रुत संहिता का निर्माण-काल त्रिविष्टप् भगवान् राम का राज-काल मेरु पर्वत की भौगोलिक स्थिति महाभारत कालीन कुछ महापुरुषों अर्जुन की विजय की आयु की संख्या अलबेरूनी महाभारत काल पर मत-भिन्नता मेरु की सीमा देवों से वानरों का जन्म गरुड़ का परिचय गरुढ़ जाति जटायु का स्थान नाग जाति के आर्यों से वैवाहिक राजर्षि सम्बन्ध नागों से आर्यों के विवाह संबन्ध ER -