विषय-मृचा प्रथम अध्याय नासा-शारीर घ्राणेन्द्रिय ३, नासा शारीर ३. बाह्य नासा ३, करोटि कलित-नासा गुहा ५. नासा का बाह्य प्राचीर ८, नासा पार्श्व प्राचोर ८, दक्षिण नासा-गहर ९, नासा-गहर की सीमा रेखा १०, विशेष घ्राणेन्द्रिय कार्यकारी नाड़ी ११, धमनी कार्य ११, कण्ठनासिका ११, मेक्जिलरी माइनस (उर्ध्वडम्वस्थीय साइनस) १३. पुरोवर्ती साइनस १४, एग्मॉगटल माइनस १०, उपरितन वा मस्तिष्कीय दीवाल १०, निम्नस्थ दीवाल १०, पाश्वस्थ वा नेत्र कोटरीय दीवाल १६, आभ्यन्तर वा नासागत दोबाल १६, अग्रिम भाग में लेबीरिन्य १६, स्फिनॉयडल साइनस (जतुकास्थि-साइनस) १७, नासा-शारीर क्रिया-विज्ञान १९, गन्ध ग्रहण २०, परिसुतीकरण २०, आर्डीकरण २०, चिकित्सा २१। द्वितीय अध्याय नासा रोगी परीक्षा विधि रोगी परीक्षण २३, सम्मुखस्थ नासावीक्षण २३, नासावीक्षण यन्त्र से परीक्षण २३, नासा गहर में द्रष्टव्य २४, स्वस्थ नासा २५, कंक्रा २६, नासास्राव २७, नासा परीक्षण में कोकेन की उपयोगिता २७, पश्चिम नासा परीक्षण २८, द्रष्टव्य अवयव २९, नासार्शः ३०, कठिनाइयाँ तृतीय अध्याय आयुर्वेदीय नासा-शारीर चक ३२४, डड़ण ३६, नासिका का प्रमाण ३९, प्राणेन्द्रिय की उत्पत्ति ४१ । चतुर्थ अध्याय साधारण नासारोग लक्षण नासावरोध ४२, एडिनॉयड विवृद्धि ४२, एडिनॉयड फेसीज ४२, नासास्त्राव ४३, वेदना या व्यथा ४४, गन्धज्ञान विकार ४४, गन्धज्ञान राहित्य ४४, पेरोंस्मिया ४५, हाइपरास्भिया ४५, स्वर या बाग्विकृति ४५, नेत्रगत उपद्रव ४५ । पञ्चम अध्याय नासा रोग कारण ४६, नासारोग भेद ४७, नासारोग- ३१ प्रकार षष्ठ अध्याय प्रतिश्याय सम्प्राप्ति ५०, प्रतिश्याय का पूर्वरूप १, वातिक प्रतिश्याय लक्षण ४१, पैत्तिक प्रतिश्याय ५२, कफज प्रतिश्याय ४२, पित्तर्ज प्रतिश्याय ५३, कफज प्रतिश्याय २३, त्रिदोषज प्रतिश्याय ५४, रक्तज प्रतिश्याय ५५, दुष्ट प्रतिश्याय ५६, प्रतिश्याय के उपद्रव ५६, चरकानुसार दुष्ट प्रतिश्याय लक्षण ५७, अपीनस या पीनस ४८, वृद्धसुश्रुत मत से आम और पक्क पीनस लक्षण ५८, आम वा अपक पीनस ५८, पक्क पीनस ५९, माधवनिदानोक्त पक्क व अपक्क पीनस लक्षण ५९, आम पोनस