TY - BOOK AU - Sharma,Priya Vrat TI - Rogi Pariksa Vidhi SN - 9789384541118 U1 - 616.075 SHA PY - 2019/// CY - Varanasi PB - Chaukhambha Bharati Academy N1 - विषय-सूची प्रथम अध्याय परीक्षा (Examination) परीक्षा, परीक्षा का प्रयोजन, द्विविध परीक्षा, दशविध परीक्ष्य, रोगिपरीक्षा और रोगपरीक्षा, रोगिपरीक्षा का प्रयोजन, रोगिपरीक्षा में त्रिविध प्रमाणों का उपयोग, विशिखानुप्रवेश के योग्य वैद्य, रोगिपरीक्षा में पूर्णता का महत्व, रोगिपरीक्षा के साधन, रोगिपरीक्षा की विधि, रोगिपरीक्षा के विभाग, प्रत्यक्ष- परीक्षा या पंचेन्द्रिय परीक्षा, प्रश्नपरीक्षा (Interrogation), सामान्य प्रश्न, विशिष्ट प्रश्न। १- द्वितीय अध्याय पश्चेन्द्रिय-परीक्षा (Physical Examination) पश्चेन्द्रिय परीक्षा, अष्टस्थान परीक्षा (आकृति, जिह्वा, नेत्र, स्पर्श, नाड़ी, शब्द, गन्ध, रस)। तृतीय अध्याय अङ्ग-प्रत्यङ्ग-परीक्षा (Systematic Examination) कोष्ठ (पाचनसंस्थान, रक्तवहसंस्थान, श्वसनसंस्थान, मूत्रवहसंस्थान, प्रजननसंस्थान), शाखा, शिर, ग्रीवा, मन, इन्द्रियाँ, बालपरीक्षा, श्रीपरोक्षा । चतुथ अध्याय वैकृती-परीक्षा (Laboratory Method) दोष (पित्त, आमाशयिक रस, कफ, निज्यूत, मस्तिष्कसुपुत्रादव, बात), रक्त, पूय, रक्तपित्त, आर्तव, स्तन्य, शुकः मूत्र पुरीष, बान्त । पश्चम अध्याय विकृति-परीक्षा (Pathological Study) विकृतिपरीक्षा, दोष, धातु, उपधातु, मल, अधिष्ठान, स्रोत, घमनी, अंग प्रत्यंग । षष्ठ अध्याय रोग-परीक्षा (Case Study) निदानपंचक, निदानपंचक की ज्ञानसाधनता, निदान, पूर्वरूप, रूप, उपद्रव, उपराय, सम्प्राप्ति सप्तम अध्याय सापेक्ष निदान और रोग-विनिश्चय (Diagnosis) हृच्छूल, हृद्दव, नीलिमा, अंगुलिमुद्ररता, नाडीतीव्रता, नाडीमन्दता, रक्तभाराधिक्य, रक्तभाराल्पता, उपामाशयिक स्पन्दन, श्रीवागत स्पन्दन, शोध, संज्ञानाश, शुष्क कास, श्लैष्मिक कास, पार्श्वशूल, श्वासकृच्छ, रत्तष्ठीवन, मुख- पाक, स्वरभेद, नासागत रक्तस्राव, मुखदौर्गन्ध्य, लालाप्रसेक, मुखशोष, तृष्णा, अत्यग्नि, मन्दाग्नि, विषमाग्नि, हृत्कण्ठदाह, हिक्का, निगरणकष्ट, हल्लास, छदि, रक्तवमन, आमाशयिक शूल, शूल, प्रवाहण, अतीसार, विबन्ध, रक्तातोसार, उदवृद्धि, अवसाद, यकृवृद्धि, यकृत् क्षय, कामला, मूत्रमात्राधिक्य, मूत्रवेगाधिक्य, मूत्रपीडा, मूत्रकृछू, मूत्राधात, मूत्रक्षय, वेपथु, प्रलाप,- सान्निपातिक अवस्था, सन्ताप, अपताप, विस्फोटकज्वर, निरन्तर ज्वर, सान्तर ज्वर, स्वेदागम, द्रारुण ज्वरमोक्ष, अदारुण ज्वरमोक्ष, रक्ताल्पता, कार्य, दौर्बल्य, अंगभेद, ग्रन्थिन्वृद्धि, शिरःशूल, आक्षेप । ३४४-३ अष्टम अध्याय साध्यासाध्यता और अरिष्ट-विज्ञान (Prognosis) साध्यासाध्यता, अरिष्टविज्ञान, निमित्तानुरूप विकृति, भौतिक अरिष्ट, पंचेन्द्रिय विप्रतिपत्ति, स्वप्नसम्बन्धी अरिष्ट, पूर्वरूपसम्बन्धी अरिष्ट, लाक्षणिक अरिष्ट, छायाविप्रतिपत्ति, प्रतिच्छायाविकृति, दूतसम्बन्धी अरिष्ट, शकुनसम्बन्धी अरिष्ट, नियतावधिक अरिष्ट । नवम अध्याय क्रियाकर्म और कार्यफल (Treatment) चिकित्सा (लक्षण, सिद्धान्त, प्रकार), पथ्य, कार्यफल । परिशिष्ट शब्दानुक्रमणिका ER -