विषय-सूची प्रथम खण्ड : सिद्धान्त निरूपण प्रथम अध्याय-परिभाषा एवं परिचय १. विष-विज्ञान की परिभाषा २. विष-विज्ञान का प्रयोजन एवं महत्व ३. विष-परिचय ४. विष की परिभाषा ५. विष-कर्म (क) स्थानिक कर्म (ख) सार्वदैहिक कर्म (ग) उभय कर्म द्वितीय अध्याय-वर्गीकरण १. विष द्रव्यों का वर्गीकरण २. कर्मानुसार वर्गीकरण ३. भौतिक-स्वरूपानुसार वर्गीकरण ४. उद्भव के अनुसार विष-भेद ५. रासायनिक विष तृतीय अध्याय-विष-प्रयोग १. विष-प्रयोग के कारण २. विष के घातक परिणाम ३. विष के घातक परिणाम के आधारभूत तथ्य ४. विष-प्रयोग-मार्ग ५. विष का संचय ६. विष उत्सर्जन के मार्ग चतुर्थ अध्याय-विष-निदान १. सामान्य रोगी २. विषाक्त रोगी ३. विषाकान्त एवं सामान्य रोगी में अन्तर ४. मिथ्या रोगी एवं वास्तविक रोगी में अन्तर ५. लक्षण के आधार पर विशिष्ट विष का निदान ६. मृत्यूत्तर विष का निदान (क) मृत्यूप्तर परीक्षण (पोस्ट मार्टम) (ख) रासायनिक परीक्षण (ग) मृतक अवस्था में रासायनिक परीक्षण के लिए परीच्य पदार्थ पञ्चम अध्याय-विष-चिकित्सा १. विष-चिकित्सा के सामान्य सिद्धान्त (क) अशोषित विष का निर्हरण (ख) वमन (ग) आमाशय-प्रक्षालन-विधि २. प्रतिविष (क) यान्त्रिक विष (ख) रासायनिक विष (ग) शरीरक्रियात्मक प्रतिविष ३. शोषित विष का निर्हरण ४. विष की लाक्षणिक चिकित्सा ५. जङ्गम विष-चिकित्सा (क) प्राथमिक चिकित्सा (ख) स्थानिक चिकित्सा (ग) उदासीनीकरण (घ) लाक्षणिक चिकित्सा द्वितीय खण्ड प्रथम अध्याय-दाहक विष १. दाइक विष-सामान्य क्रिया २. खनिज अम्ल-विर्षों का घातक प्रयोग ३. खनिज अम्लों की विषाक्तता एवं आकस्मिक दुर्घटना ४. खनिज अम्लों के सामान्य लक्षण ५. खनिज अम्ल-विषों की सामान्य चिकित्सा ६. लाक्षणिक चिकित्सा ७ गन्धकाम्ल ८. लवणाम्ल ९. सोरकाम्ल १०. कार्बोलिक अभ्ल ११. ऑक्सेलिक अम्ल १२. सैलिसिलिक अम्ल १३. टार्टरिक अम्ल १४. एसिटिक अम्ल १५. दाहक क्षारों के सामान्य लक्षण १६. सामान्य चिकित्सा १७. दाहक सोडा १८. दाहक पोटाश १९. अमोनिया कार्बोनेट बेतीय अध्याय-वानस्पतिक विष १. वानस्पतिक क्षोभक विष २. क्षोभक विष के सामान्य लक्षण ३. सामान्य चिकित्स ४. जयपाल ५. इन्द्रायण ६. चित्रक ७. भल्लातक ८. कलिहारी ९. स्नुही १०. एलुआ ११. अर्क १२. गुञ्ज १३. अरिष्टक १४. अर्गट तृतीय अध्याय-सर्प १. सर्प २. उपयोगिता ३. चिकित्सीय उपयोग ४. आधुनिक मतानुसार सर्प की जातियाँ (क) हाइड्रोफिडी (ख) एलापिडी (ग) करैत (घ) कृष्ण करैत (ङ) नाग (च) नागराज (छ) वाइपरिडी (ज) पिटवाइपर (झ) रसेल वाइपर (ग) अफई ५. प्राचीन मतानुसार सर्प की जातियाँ (१) दर्दीकर, मण्डली, राजिमान