Dwivedi, Agam and Lalta Prasad

Vaidik Shiksha ke Paristhitikiya - Agra H. P. Bhargava Book House

विषयानुक्रमणिका
अध्याय विषय
पृष्ठ संख्या
प्रथम
पारिस्थितिकीय बीमारख
के विभिन्न घटक
1-16
घाको का परस्परापेक्षी होगा
सन्तुलन का सिद्धान्त
ऋत का सिद्धान्त एवं पारिस्थितिकीय समकक्षा
प्राकृतिक परिवेश
सास्कृतिक विरासत एवं शिक्षा
प्रकृति से शामञ्जस्य
समन्वयात्मक चिन्तन
शिक्षा का विशिष्ट स्वरूप
वैदिक शिक्षा के पारिस्थितिकीय आधार की संकल्पना
द्वितीय शिक्षा का अर्थ, स्वरूप तथा महत्त्व
17-37
शिक्षा का सीमित अर्थ
शिक्षा का व्यापक अर्थ
शिक्षा का स्वरूप
शिक्षा का महत्व
तृतीय शिक्षा के उद्देश्य
तत्व बोध तथा कर्तव्य बोध
38-50
व्यक्तित्व-निर्माण
धार्मिक तथा सामाजिक निष्ठा का विकास
राष्ट्रीय चेतना का विकास
पुरुषार्थ चतुष्टय (चातुर्वर्गफल) प्राप्त कर सकने की अर्हता उत्पन्न करना
चतुर्थ शिक्षा के विविध आयाम
शिक्षा और धर्म
VE
51-62
शिक्षा और संस्कार
शिक्षा और यज्ञ
शिक्षा और समाज
पञ्चम
वैदिक कालीन शैक्षिक पारिस्थितिकी
63-107
Bachelor
po
पारिस्थितिकीय पर्यावरण
भौतिक पारिस्थितिकी
सामाजिक पारिस्थितिकी
सास्कृतिक पारिस्थितिकी
आर्थिक पारिस्थितिकी
आध्यात्मिक तथा नैतिक पारिस्थितिकी
षष्ठ वैदिक कालीन शैक्षिक अवधारणा
108-117
शिक्षा और विद्या
विद्या (परा) और अविद्या (अपरा)
मूल्यपरक शिक्षा
औपचारिक तथा अनौपचारिक शिक्षा
शिक्षा के विविध साधन
सप्तम
वैदिक कालीन औपचारिक शिक्षा का स्वरूप
118-135
आश्रम-शिक्षा-पद्धति
आश्रम में प्रवेश
उपनयन संस्कार तथा वैदिक शिक्षा का आयाम
आश्रम में विद्यार्थी की दैनिक चर्या
अध्ययन के विषय
वैदिक शिक्षा के दैनिक क्रम में अनध्याय
गुरुओं के प्रकार
गुरु-शिष्य सम्बन्ध
शिक्षा की पूर्णता तथा समावर्तन संस्कार
अष्टम
शैक्षिक निहितार्थ
wd136-144
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
145-156
संक्षेपासार-विवरण
157-159