Sharma, S. N.

Shree Madbhagvad Geeta : Ratnavali ( Part-2) - Agra H. P. Bhargava Book House

विषय-सूची
अध्याय
शीर्षक श्लोक
1.
बुद्धिर्ज्ञानमसम्मोहः क्षमा सत्यं दमः शमः
सन्दर्भश्लोक
पृष्ठ संख्या
10:4
1-4
2.
निर्वैरः सर्वभूतेषु यः स मामेति पाण्डव
11:55
5-9
3.
अद्वेष्टा सर्वभूतानां मैत्रः करुण एव च
12:13
10-15
4.
अमानित्वमदम्भित्वमहिंसा क्षान्तिरार्जवम्
13:7
16-22
5.
तत्र सत्त्वं निर्मलत्वात्-प्रकाशकमनामयम्
G
14:6
23-26
उच्यते सर्वारम्भपरित्यागी गुणातीतः स
7.
निर्मानमोहा अध्यात्मनित्या विनिवृत्तकामाः जितसङ्गदोषा
6.
8.
अभयं सत्त्वसंशुद्धिर्ज्ञानयोग-व्यवस्थितिः
14:25
27-30
15:5
31-38
16:1
39-44
9.
त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मनः
16:21
45-49
(x)
अध्याय
शीर्षक श्लोक
सन्दर्भश्लोक
पृष्ठ संख्या
10.
जितात्मानः प्रशान्तस्य परमात्मा समाहितः
6:7
45-48
11.
समलोहाश्म काञ्चनः
6:8
49-52
12.
युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु
6:17
53-56
13.
चंचलं हि मनः प्रमाथिवलवदृढ़म्
6:34
57-61
14.
मनुष्याणां सहस्त्रेषु कश्चिद्यतति सिद्धये
7:3
62-66
15.
चतुर्विधा भजन्ते मां जनाः सुकृतिनोऽर्जुन
7:16
67-70
16.
अंतकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम्
8:5
71-75
17.
शुक्लकृष्णे गती होते जगतः शाश्वते मते
8:26
76-78
18.
पत्रं, पुष्प, फलं तोयं यो में भक्त्या प्रयच्छति
9:26
79-84
19.
उपसंहार
85-96