Harita Samhita
Material type:
- 978812180194X
- 615.538 TRI
Item type | Current library | Collection | Call number | Status | Notes | Date due | Barcode | |
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MAMCRC LIBRARY | MAMCRC | 615.538 TRI (Browse shelf(Opens below)) | Not For Loan | Reference Books | A3793 | ||
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MAMCRC LIBRARY | MAMCRC | 615.538 TRI (Browse shelf(Opens below)) | Available | A3794 |
विषय-सूची
पृष्ठांक दोषावशेष से हानि अपथ्य से हानि लंघन की अर्हता
शालाक्य तन्त्र
मङ्गलाचरणम्
आत्रेय-हारीत संवाद में आयुर्वेद की महत्ता
१. जठराग्नि का कार्य साम-निराम रोग का उपक्रम
१ चिकित्सक की अर्हता
चिकित्साशास्त्र की पठन-पाठन विधि ५
चिकित्सा संग्रह
शल्य तन्त्र
द्वितीयोऽध्यायः
धर्मार्थ चिकित्स्य व्यक्ति उपचार द्वारा धनग्रहण
करने योग्य व्यक्ति
७ यश-प्राप्ति के योग्य व्यक्ति
८ अचिकित्स्य व्यक्ति
काय चिकित्सा
८ वैद्य के कर्म का उपसंहार
८ चतुर्थोऽध्यायः
अगद तन्त्र
९ देश-काल बलाबलम्
बालरोग चिकित्सा
९ देश के भेद ९
विष तन्त्र
भूतविद्या
९ आनूप देश के लक्षण
वाजीकरण
९ जाङ्गल देश के लक्षण
रसायन तन्त्र
९ साधारण देश के लक्षण
उपांग चिकित्सा
१० कालज्ञान काल का स्वरूप
तृतीयोऽ ध्यायः
उत्पादक काल का स्वरूप
वैद्यशिक्षा विधानम्
११ प्रवर्तक काल का स्वरूप
उपचार की अर्हता
११ संहारक काल का स्वरूप
देश-कालादि का ज्ञान
११ काल का सनातनत्व ११
चिकित्सा की फलोपलब्धि
वैद्य की वैद्यता
काल का नाशक स्वरूप ११
उपचार-उपक्रम के दो प्रकार
अन्य कालों के स्वरूप ११
दो प्रकार के चिकित्सक
१२ ऋतुचर्या
रोग की साध्यता-
अयनों का वर्णन
असाध्यता का विचार
१२ दक्षिणायन का लक्षण
उपचार फल
१२ उत्तरायण का लक्षण
वर्षाऋतु का लक्षण
२२ वातकोप निदान
शरदृतु का लक्षण
२३ पित्तप्रकोप निदान
हेमन्त वर्णन
२४ कफप्रकोप निदान
शिशिर वर्णन
२५ दो दोषों के कोप का आविर्भाव
वसन्त ऋतु का वर्णन
२५ सत्रिपात्त की उत्पत्ति
ग्रीष्मवर्णन
षष्ठोऽध्यायः
पञ्चमोऽध्यायः
रसों के गुण-दोष का वर्णन
बयोज्ञान का कथन
२८ छह प्रकार के रस
मध्यम वय का लक्षण
२८ षड्स गुण-दोष वर्णन
प्रकृति का ज्ञान
३० रसगुणों के गुणकर
वातप्रकृति के लक्षण
३० वातादिविरुद्ध रस
पित्तप्रकृति के लक्षण
३० दोषों के विरोधी रसों का वर्णन
कफप्रकृति के लक्षण
३१ वातादिकों में रसयोजना
सम प्रकृति के लक्षण
३१ मधुर रस का वर्णन
दिशाभेद से वायु के गुण-दोष
३१ कडुआ रस का वर्णन
पूर्व दिशा का वायु
३१ चरपरे रस का वर्णन
आग्नेय दिशा का वायु
३२ खट्टा रस का वर्णन
दक्षिण दिशा का वायु
३२ कसैले रस का वर्णन
खारे रस का वर्णन ३२
नैर्ऋत्य दिशा का वायु
पश्चिम दिशा का वायु
सप्तमोऽध्यायः
वायव्य दिशा का वायु
३२ जलवर्ग
ऐशान्य दिशा का वायु
३३ जलभेद
अन्य पञ्चविध वायुगुण
३३ गङ्गाजल की परीक्षा
वस्त्रवायु गुण
३३ गङ्गाजल के गुण
वेणुवायु गुण
कांस्यपात्र वायुगुण
रम्भातालपत्र वायुगुण
व्यजन वायु के गुण
दिन में षड् ऋतुओं का विचार
सविष वायु
वातादिकों का संचयन, कोपन
एवं उपशमन
३४ सामुद्र जल के लक्षण एवं
३४ गुण-दोष वर्णन
३४ वृष्टि के चार प्रकार
३४ रात्रिकालीन वृष्टिजल के गुण-दोषा
३५ दिवावृष्टि जल के गुण-दोष
३५ दुर्दिन में होने वाले वृष्टि-
जल के गुण-दोष
३६ क्षण-वृष्टि के गुण-दोष
श्रवणमासीय वृष्टि के गुण
४५ वृगि भेदानुसार जल के गुण-दोष
भाद्रपदीय वृष्टि के गुण
४५ पायोदक के गुण-दोष
आधिन को वृष्टि के गुण
४५ रोगोटक के गुण-दोष
कार्तिकीय दृष्टि के गुण
४६ अंशूदक के गुण-दोष
स्वातिजल के गुण
४६ आरोग्योदक के गुण-दोष
अकाल वृद्धि के लक्षण और गुण
४६ शीतल जल के गुण
अकाल में वर्षित पानी का लक्षण
४६ गरम जल के गुण जल-विषयक विधान
धारसंज्ञकादि चार प्रकार के
पानी का लक्षण
अष्टमोऽध्यायः
कारजल की उत्पत्ति
४७ दुग्धवर्ग ४७
कारजल के गुण
दुग्धोत्पत्ति ४७
तौषार जल के गुण
हैमजल के गुण
४८ पृथक् पृथक् वर्णों की
धारजल के गुण
४८ स्वियों के दुग्धगुण
भूमि के ऊपर के आठ
पृथक् पृथक् रंगवाली
गायों का दूध ४८
प्रकार के जल
गाय के दूध की गुणवत्ता ४८
नदी के जल का गुण
औद्भिद जल के गुण-दोष
४८ बकरी के दूध की गुणवत्ता
झरने के जल का गुण-दोष
भेड़ के दूध की गुणवत्ता ४९
चौण्डय नामक जल के गुण-दोष
भैंस के दूध की गुणवत्ता ४९
कूप जल के गुण-दोष
४९ ऊंटनी के दूध की गुणवत्ता
तालाब के जल के गुण-दोष
४९ नारी-दुग्ध की गुणवत्ता
वाप्यजल (बावड़ी) के गुण-दोष
५० प्रभातकालीन दूध के गुण ५० दिवाकालीन दूध के गुण
नदियों की प्रकृति
सदैव बहने वाली नदी
रात्रिकालीन दूध के गुण
के गुण-दोष
५० दुग्धपान की विधि
पत्थरों वाली नदी के गुण-दोष
५१ गाय के दही के गुण
बालू-रेतवाली नदी के
बकरी के दही के गुण
जल के गुण-दोष
उत्तर दिशा से प्रवाहित
५१ भैंस के दही के गुण
होने वाली नदियों तथा उनके
ऊँटनी के दही के गुण स्त्री के दही के गुण
जल के गुण-दोष
तापी आदि नदियों के गुण-दोष
भेंड़ के दही के गुण
५२ वर्षाकालीन दही के गुण
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