000 | 08318nam a22001817a 4500 | ||
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041 | _aHINDI | ||
082 | _a617.7 CHO | ||
100 | _aChoudhury,R.C. | ||
245 | _aSachitra Karna Cikitsa Vijnana | ||
260 |
_aVaranasi _bChaukhambha Orintalia _c2020 |
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300 | _a111p. | ||
500 | _aविषय-सूचो प्रथम अध्याय कर्णरोग कर्णशारीर ३, आधुनिक कर्ण-शारीर ६, सुष्टेशियान् या फेशित टिम्पेनिक व्यूब १३, कर्णशारीर क्रियाविज्ञान १७, मध्यकर्ण से राज resonance तरङ्ग प्रवहण, लेबिरिन्ध में शब्द ग्रहण, अनुरणन ( मतवाद १८, टेलिफोन (telephone) या केन्द्रिय विश्लेषण मतवाद द्वितीय अध्याय कर्ण-परीक्षा युष्टेशियान् टयूब परीक्षा, वाल्साल्वा प्रणाली, पलिट्जर प्रणाली २४. केथिहार से टथव परीक्षा २५, श्रवण शक्ति परीक्षा, मध्यकर्ण किया- प्रणाली २६, कॉक्लिया की क्रियाप्रणाली, श्रवणक्षमता परीक्षण २७. ट्यूनिंग फोर्क से परीक्षण-विधियाँ २८, वाधिर्य का मात्राधिक्य निरूपण ३१, अवस्थान परीक्षा तृतीय अध्याय चतुर्थ अध्याय ३८-४ कर्णरोगों के साधारण लक्षण बाधिर्य ३४, कर्णस्राव, कर्णशूल ३६, कर्णनाद, श्रम ३७। कर्णरोगों की सम्प्राप्ति और निदान कर्णरोगों के भेद ४०, रुणरोग २८ प्रकार (सुश्रुत), অস্থায় हृदय २५, चरक ४ प्रकार ४१, अष्टाङ्गहृदय (वाग्भट) के मत से कर्णरोग : साध्यासाध्यता : ४२, बातजन्य, पित्तजन्य, कफजन्य ४३ । पचम अध्याय कर्णशूल बातिक कर्णशुक ४४, पिलम कर्णशुळ ४५, कफन कर्णशुल, रक्तज कर्णशूल ४६, सक्षिपातज कर्णशूल ४७ । षष्ठ अध्याय कर्णरोगों में साधारण चिकित्सा कर्णपूरण ५०, कर्णपूरण का उपयुक्त समय, कर्णरोग में वर्जनीय: कर्णशूल, कर्णनाद, कर्णदवेड़ और वाधिर्य को सामान्य चिकित्सा ५१, पैतिक कर्णशूल, श्लेष्मज कर्णशूल ५४, किसी प्रकार के कर्णशूल में ५५। सप्तम अध्याय वाधिर्य वाग्भट के मत से बाधिर्य, आधुनिक दृष्टिकोण ५६, कर्णनाद, कर्णवेड ५९, कर्णक्ष्वेड और कर्णनाद में अन्तर, कर्णनाद और कर्णवेड चिकित्सा ६०, आधुनिक चिकित्सा, कर्णस्राव या कर्ण- संस्राव ६१, कर्णपूरण बिधि ६२, कर्णस्त्राव की विशेष चिकित्सा ६३, समुद्रफेन चूर्ण योग ६४, कर्णकण्डू, कर्णगूथक ६५, कर्ण-प्रतिनाह ६६, आधुनिक विचार ६७, कृमिकर्ण ६८, कृमिकर्ण-चिकित्सा ६९, कर्ण- विद्रधि ७०, कर्णपाक ७१, पूतिकर्ण ७२, पक्क कर्ण चिकित्सा, कान के अर्श, शोफ और अर्बुद ७४, कुचिकर्णक और कर्ण-पिप्पली ७५, बिदारिका, पालोशोष चिकित्सा ७६, तन्त्रिका, परिपोट चिकित्सा, उत्पात ७७, चिकित्सा अष्टम अध्याय आधुनिक सामान्य कर्णरोग व्रणशोथ : लक्षण, दर्शनीय लक्षण ७९, सापेक्ष निदान ८०. बाह्यकर्ण व्रणशोष वा प्रदाह ८१, प्रथमावस्था कर्णमल ८२, ऑटो- माइकोसिस चिकित्सा ८३, कान में शल्य, कर्णपटह विक्रो भवन ८४, एटिक परफोरेशन, तीन ओटाइटिस मिडिया ८६, मध्यका प्रदाह ८७, पीड़ा, साथ, बाधिर्य, कर्णपटह ८८, ट्यूनिंग फॉर्क परीक्षा, अस्थि की वेदना दायकता, शिशुओं का ओटाइटिस मिडिया ८९, कर्णपटह का छिद्रीभवनोत्तर रोगविनिश्वय ९०, चिकित्सा ९१, चिरकारी मध्यकर्ण व्रणशोथ ९२, कानिक सापुरेटिव ओटाइटिस मिडिया, कारण ९३, साध्यासाध्यता ९४, पूयश्राव में आयोनाइजेशन कोलेष्टियेटोमा ९४, श्रेनुलेशन्स अर्शः, पालिपी ९६ । नवम अध्याय पाकी मध्यकर्ण व्रणशोथ के उपद्रव तीव्र मेस्टावडाइटिस ९८, दबाव से दर्द श्रवणशक्ति, क्ष-किरण परीक्षा, शिशुओं का मेस्टायडाइटिस, मेस्टाय डाइटिस की चिकित्सा १००, मेस्टायड में शस्त्रकर्म की शर्त, ओटाइटिस मिडिया के अन्य उपद्रव १०१, Lateral Sinus Thrombosis, लक्षण, चिकित्सा Cave rnous Thrombosis Otitic septicaemia दशम अध्याय अन्तःकर्णशोफ Circumscribed labyrinthitis, १०४, चिकित्सा Serous labyrinthitis, चिकित्सा, Diffuse purulent labyrinthit's, लक्षण, चिकित्सा १०५, Latent labyrinthi- tis, Labyrithitis का साधारण चिकित्सा सूत्र ऑटोस्क्लेरोसिस, (otosclerosis), विकृतिविज्ञान १०६, लक्षण, दर्शनीय लक्षण, चिकित्सा, अम १०७, भ्रम की चिकित्सा, मेनियर्स डिजीज् १०८, लक्षण, चिकित्सा, तीव्र आक्रमणावस्था १०९, दोर्घकालावधि चिकित्सा, अर्दित ११०, चिकित्सा | ||
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