000 | 03128nam a22001937a 4500 | ||
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999 |
_c18244 _d18244 |
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003 | OSt | ||
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008 | 220902b xxu||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9788176371179 | ||
041 | _aHINDI | ||
082 | _a618.92 DWI | ||
100 | _aDwivedi,Ramanath | ||
245 | _aKumar Tantra Samuccaya | ||
260 |
_aVaranasi _bChaukhambha Orintalia _c2022 |
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300 | _a219p. | ||
500 | _aविषय-सूचो १. तन्त्र-निरुक्ति प्रकरण कौमारभृत्य तन्त्र परिभाषा १ । २. बालोपचार प्रकरण १- ६-१ कुमारागार ६, धूपन द्रव्य ८, बालोपचार ८, रक्षाकर्म ८, बालक के अपथ्य ८, अभ्यङ्ग उदवर्तन ९, अभ्यङ्ग के लिये तैल ९, उबटन १०, स्तन-पान ११, धात्री १३ । ३. स्तन्य प्रकरण १९-३ दूध की महिमा १९, दूध की उपयोगिता १९, दुग्ध-निर्माण २१, नारी का (स्त्री का) दूध २५, गाय का दूध २६, बकरी का दूध २८, भैंस का दूध २९, घोड़ी एवं गदही का दूध ३१, ऊँटिनी का दूध २२, भेड़ी का दूध ३२, हथिनी का दूध ३२ । ४. बालपरिचर्या प्रकरण ३५-४ बालनिष्क्रामण ३५, उपवेशन ३५, पूजा-मंत्र ३५, उपवेशन तथा फल-प्राशनविधि ३७, अन्नप्राशनविधिः ३९, कुमाराधार ४३, क्रीडाभूमि ४४, बालकों के लिये खिलौने ४४, बालरक्षायां तत्परता ४५, लेहन विधान ४६, कर्ण-वेधन ४७ । ५ . अवयव-परीक्षा-प्रकरण ४९-५ अवयव-परीक्षा ४९, नख ४९, पाद (पैर) ४९, अङ्गुलियाँ ५०, प्रजङ्घा ५१, जानु पाष्णि (पैर की एड़ी) ५१, गुल्फ (टखने) ५१, (घुटने) ५२, उरू (जाँघ ५२, नितम्ब ५२, कुकुन्दर ५२, जघन (कूल्हे) ५३, वृषण ५३, प्रजनन ५३, मूत्र ५४, योनि ५४, कुक्षि (कोख) ५५, उदर ५५, नाभि ५६, पायु (गुदा) ५६, पार्श्व ५७, पृष्ठ-देश ५७, स्कन्ध (कंधे) ५७, बाहु ५८, मणि-बन्ध (कलाई) ५८, केश ५९, चाल | ||
700 | _aVarma,Ashok Kumar | ||
942 |
_2ddc _cBK |