000 | 15141nam a22001937a 4500 | ||
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041 | _aHINDI | ||
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100 | _aMishra,Gulraj Sharma | ||
245 | _aVishikhaanupravesh Vijyanam | ||
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_aVaranasi _bChaukhambha Orintalia _c2015 |
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300 | _a275p. | ||
500 | _aविशिखा विषयानुक्रमणिका प्रथर्म सोपानम् मंगलाचरण सोपानम् द्वितीयं सोपानम् विशिलाऽनुप्रवेश सोपानम् विशिलाऽनुप्रवेश चिकित्सक का स्वरूप विशिखा स्वरूपम् चिकित्सा प्रकार आसुरी चिकित्सा मानुषी चिकित्सा दैवी चिकित्सा तृतीयं सोपानम् रोगी परीक्षा विज्ञान सोपानम् रोगी परीक्षा के मापदण्ड रोगी के दस परीक्ष्य सारपरीक्षा संहनन परीक्षा प्रमाण परीक्षा सात्म्य परीक्षा सत्त्व परीक्षा आहारशक्तिपरीक्षा व्यायाम शक्ति परीक्षा वय परीक्षा रोगी परीक्षा विधि नियम एवं सतर्कतायें इतिवृत्त संस्थानिक व्याधियों में महत्त्वपूर्ण तथ्य चतुर्थं सोपानम् प्रकृति विज्ञान सोपानम् प्रकृति विज्ञानम् सप्त प्रकृतियाँ द्रोष प्रकृतियों के लक्षण मानस प्रकृतियों के लक्षण जातशरीरप्रकृति विषयानुक्रमणिका पंचमं सोपानम् अष्टविधपरीक्षा विज्ञान सोपानम् नाडी परीक्षा विज्ञानम् नाडी स्वरूपम् नाही का उद्गम स्थान नाडी परीक्षा क्षेत्र एवं महत्त्व नाडी की संख्या नाडी ज्ञान प्राप्ति साधन नाडी परीक्षा स्थल नाडी परीक्षा विधि नाडी गति संख्या आत्र में नाडी ज्ञान नाडी वेग प्रकार नाडी में अरिष्टसूचक मूत्रपरीक्षा विज्ञानम् मूत्र तैल विन्दु परीक्षा मूत्र परीक्षा में प्राप्त लक्षणों का दोषानुसार विचार मल परीक्षा विज्ञानम् जिह्वा परीक्षा शब्द परीक्षा स्पर्श परीक्षा नेत्र परीक्षा रूप परीक्षा षोडषांग परीक्षा षष्ठं सोपानम् रोग परीक्षा सोपानम् पंच निदान विज्ञानम् निदान (कारण) परिभाषा निदान का महत्त्व निदान प्रकार असात्म्येन्दियार्थसंयोग प्रज्ञापराध परिणाम सन्निकृष्टकारण विप्रकृष्ट कारण व्यभिचारी कारण प्राधानिक कारण दोषहेतु Vat aer per १४ STOC per and उभय हेतु व्याधिनिदान के अन्यभेद पूर्वस्य विज्ञानम् पूर्वरूप भेड रूप विज्ञानसु उपशय अनुपशय विज्ञानम् उपशय प्रकार सम्प्राप्ति विज्ञानम् वि संख्या, सम्प्राप्ति XT विकल्प सम्प्राप्ति प्राधान्य, सम्प्राप्ति बल सम्प्राप्ति काल सम्प्राप्ति विधि सम्प्राप्ति रो सप्तमं सोपानम् पंचकर्म सोपानम् रो पंचकर्म विज्ञानम् स स्नेहन विज्ञानम् 1. सं स्नेह मात्रा प्र स्नेहन पश्चात् कर्म स अभ्यंग विधि स अभ्यंग प्रकार अ अभ्यंग उपयोग अभ्यंगार्थ निर्देशित रोग रं अभ्यंग वर्जित रोग स्नेह प्रयोग से हानि, लाभ इ स्वेदन विज्ञानम् स्वेद प्रकार स्वेदन योग्य स्वेदन हीन, अतियोग संकर स्वेद प्रस्तर स्वेद नाडी स्वेद परिषेक स्वेद अवगाह स्वेद जेन्ताक, स्वेद अश्मघत कर्षस्वेद कुटी स्वेद कुम्भी स्वेद कृप स्वेद होलाक स्वेद निरग्नि स्वेद स्वेदपश्चात्कर्म, स्वेदनप्रभाव अष्टसं सोपानम् वमन विरेचन विज्ञान सोपानम् वमन परिभाषा वमन योग्य अवाम्य वमन द्रव्यों के गुण वामक द्रव्य बमन विरेचन में उचित निर्देश विरेचन साध्यरोग अविरेच्य संशोधन चिकित्सा श्रेष्ठता नवमं सोपानम् वस्ति विज्ञान सोपानम् वस्ति की प्रधानता आस्थापनवस्ति अनुवासनवस्ति उत्तरवस्ति वस्ति विधि एवं कार्मुकता दशमं सोपानम् नस्यविधि विज्ञान सोपानम् नस्यपरिभाषा नस्य भेद विरेचननस्य वृंहणनस्य शमन नस्य मर्श, प्रतिमर्श नस्य व्यवहारिक सामान्य ज्ञान एकादशं सोपानम् चिकित्सा विज्ञान सोपानम् उदररोग चिकित्सा कुष्ठरोग चिकित्सा अम्ल पित्त चिकित्सा द्वावशं सोपानम् मात्रा विज्ञान सोपानम् मात्रा महत्त्व मात्रा निर्धारण में विचारणीय त्रयोदशं सोपानम् औषध सेवनकाल विज्ञानसोपानम् औषध सेवनकाल कुछ रोगों में औषधि सेवनकाल चतुर्दशं सोपानम् सहपान, अनुपान विज्ञान सोपानम् सहपान अनुपान परिचय प्रमुख रोग, औषधियों के सहपान अनुपान औषधियों का अनुपान भेद से प्रभाव पंचदशं सोपानम् आत्त्ययिक विज्ञान सोपानम् आत्ययिक व्याख्या आत्ययिक स्थितियाँ आत्ययिक चिकित्सा षोडशं सोपानम् आशुचिकित्सा सोपानम् आशु चिकित्सा आशुप्रभावीद्रव्यं अग्निकुमाररस अश्वकंचुकी रस आरोग्यवर्द्धिनी गुटिका कज्जली कामलाहरो रस कालारि रस गंधकरसायन चन्द्रकलारस चतुर्मुखरस तालसिन्दूरम् त्रिभुवन कीर्ति रस. नवायस चूर्णम् नृपतिवल्लभ रस पंचामृत पर्पटी पीयूषवल्ली रस..... पुनर्नवामण्डूरम् मकरध्वज रस मल्लसिन्दूर रस.... भष्टचादिनोहम् (धात्रीलौह)..... रक्तपित्तकुल कण्डन रस रक्तपित्तहर रस. रसकर्पूरम् रसपर्पटी रसमाणिक्यम् रससिन्दूरम् रसादिचूर्णम् रसादिवटी लक्ष्मीविलासो रस वसन्तकुसुमाकर रस वसन्त मालिती रस वातकुलान्तक रस वातचिन्तामणि रस शिरःशूलाद्रिवज्र रस शूलवज्रिणी वटी सप्तामृतलोहम् सूतशेखर रस स्वर्ण वंगम् सोमयोग हिग्लाद्रसाकर्षण विधि हेमगर्भ पोट्टली रस अतिसार-ग्रहण्यामव्यर्थम् अनुपमो योग अर्कक्षीरादिप्रलेप- अर्शोहर वाष्प अर्शोहरयोग अर्शसां बन्धनं पानं च अश्मरीहर कषाय आन्त्रपुच्छप्रदाहेयोग आमातिसारे हरीतक्यादियोग आमनिर्हरणाय प्रयोग अपस्मारे नस्यम् अपस्मारे द्वितीयं नस्यम् अपस्मारे सेवनार्थम् योग चन्द्रकान्तरस आइककल्पम् उदररोगे कर्णरोगे कृमिघ्नोऽनुभूतो योग. कुंकुमादि तैलम् कोषातकी फलवर्ती गर्भधारको योग गर्भावरोधको योग गर्भस्रावको योग गैरिका पूपा चन्द्रमुखकरो लेप छर्दि रिपु जम्बीर लवणवटी जवाहर मोहरा जन्मघुटी तगरादि वटी दन्तशूलहरो योग दंष्ट्राशूल विनाशको योग धात्री कल्पम् (प्रथम, द्वितीय) नालपरिवर्तनम् निरंजनादि चूर्णम् नेत्रविकारे पवनहराशिवा प्रभापूर्ण प्रभावी रसायन प्रलापकसन्निपाते पाददारी मलहर पाण्ड विनाशको योग पाण्डहरो योग पिप्पल्यादि तैलम् प्रतिश्याये कफे च प्रयोग बलातैलम् बालशुभंकरचूर्णम् बालाऽस्थिपोषक मंगलाष्टकं घृतम् मधुमेहारि मधुमेह-ओज (अलव्यूमिन) विकारहर महास्वाविष्टपाचकचूर्णम् मुखकायहरी लेप....... मूत्रकृच्छे शोरकप्रयोग मूत्रप्रवर्तको लेप...... मूत्राघातबोटको लेप यज्ञांगलोहभस्म रक्त-पित्तहरो योग रक्तप्रदरहर रत्नराज रम्भानलयोग रसोनभूति राजयक्ष्मा विनाशनो योग राजिका योग लिगोत्थापनार्थयोग वन्ध्या विधायक विषमज्वरे नारदादि योग विषमज्वरे लताकरंजादि योग विषमज्वरे स्फटिका प्रयोग वेदना प्रमोचको रस संजीवनी समीरगजकेशरी सप्तगुण-तैलम् सर्वप्रदरहर सर्वसिद्धि-चूर्णम् स्वर्णपर्पटी स्नुहीक्षीरादिप्रलेप सन्तान विधायको योग सहज-पाण्डुरोगे सुखप्रसवकरो योग सुधाकल्पम् सुरांगा-मृतम् श्वसनकज्वरे श्वासहरोमल्ल श्वेतप्रदर योग श्वेतप्रदरादि-चूर्णम् शीतपित्ते प्रयोगा शीतज्वरे जातीफलादियोग शैय्यामूत्रावरोधका योगा शीतलावास्तुचिन्ह परिहार हरगौरीरस हृद्ययोग हिक्काप्रशमका क्षारसूत्रनिर्माणविधि कृपाकांक्षा ग्रन्थकर्तु प्रशस्ति | ||
700 | _aUpadhyay,Govind Prasad | ||
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