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041 _aHINDI
082 _a620.11 SHA
100 _aSharma,Priya Vrat
245 _aDravyaguna Vijnana
260 _aVaranasi
_bChaukhambha Bharati Academy
_c2022
300 _a512p.
500 _aविषय-सूची प्रथम खण्ड-द्रव्य (Substance) लक्षण (Definition) पाञ्चभौतिक निष्पत्ति (Pañcabhautika composition) औषधत्व (Dravya as drug) प्राधान्य (Importance) द्वितीय अध्याय द्रव्यों का नामकरण एवं पर्याय (Nomenclature and synonyms of dravyas) तृतीय अध्याय द्रव्यों का मौलिक वर्गीकरण (Basic classification of dravyas) चतुर्थ अध्याय द्रव्यों का रचनात्मक वर्गीकरण (Morphological classification) आधुनिक और प्राचीन रचनानुसार वर्गीकरण में अन्तर चरकोक्त वर्ग सुश्रुतोक्त वर्ग चरक और सुश्रुत का रचनात्मक वर्गीकरण: एक तुलनात्मक समीक्षा औद्भिद द्रव्यों का आधुनिक रचनात्मक वर्गीकरण (Morphological classification) पञ्चम अध्याय द्रव्यों का कर्मात्मक वर्गीकरण (Pharmacotherapeutical classification) चरकोक्त वर्ग षष्ठ अध्याय सुश्रुतोक्त गण चरक और सुश्रुत का कर्मात्मक वर्गीकरण- एक तुलनात्मक समीक्षा सप्तम अध्याय वाग्भटोक्त वर्गीकरण अष्टाङ्गहृदय अष्टाङ्गस‌ङ्ग्रह अष्टम अध्याय रसशास्त्र में प्रयुक्त द्रव्यों का कर्मात्मक वर्गीकरण नवम अध्याय सांस्थानिक कर्मात्मक वर्गीकरण (Systemic pharmacological classification) दशम अध्याय मिश्रक वर्गीकरण (Mixed classification) औद्भिद गण जाङ्गम गण भौम गण मिश्रगण एकादश अध्याय द्रव्यों के वर्गीकरण का विकास ऐतिहासिक समीक्षा वैदिक युग संहिता-काल निघण्टु-वाङ्मय द्वितीय खण्ड-गुण (Property) प्रथम अध्याय गुण निरुक्ति लक्षण वर्गीकरण स्वरूप कार्मुकता द्वितीय अध्याय गुर्वादि गुण तृतीय अध्याय परादि गुण गुण का प्राधान्य गुण का महत्त्व चतुर्थ अध्याय रस निरुक्ति लक्षण संख्या पाञ्चभौतिक आधार रस और अनुरस रसों का वैशिष्ट्य भौतिक निष्पत्ति का निर्धारण रस की उपलब्धि रस का रूपान्तर रसों का वर्गीकरण रसों का लक्षण रसों के गुण रसों के कर्म शामक रस कोपक रस औषध में रसों का प्रयोग-क्रम आहार में रसोपयोग-क्रम रसों के अतियोग से उत्पन्न होने वाले रोग रस-भेद-विकल्प अनेकरस द्रव्यों के प्रभाव का विश्लेषण रसों का औषधीय प्रयोग रस का प्राधान्य रस का महत्त्व पञ्चम अध्याय विपाक निरुक्ति लक्षण विपाक का स्वरूप प्रकार-निरूपण विपाक के गुण-कर्म विपाक का तारतम्य विपाक की उपलब्धि रस और विपाक विपाक का प्राधान्य षष्ठ अध्याय वीर्य निरुक्ति लक्षण स्वरूप संख्या भौतिक सङ्घटन कर्म उपलब्धि वीर्य का निर्धारण वीर्य का प्राधान्य सप्तम अध्याय प्रभाव निरुक्ति लक्षण स्वरूप प्रभावजन्य कर्म प्रभावजन्य विशिष्ट कर्म का आधार प्रभाव का प्राधान्य वीर्य और प्रभाव में अन्तर अष्टम अध्याय द्रव्यगत पदार्थों का पारस्परिक सम्बन्ध तृतीय खण्ड-कर्म (Action) प्रथम अध्याय कर्म निरुक्ति लक्षण स्वरूप द्रव्यों के कर्म की प्रक्रिया प्रकार द्रव्यों का भण्डारण (Storage) भेषजागार (Store-house) भण्डारण की अवधि द्रव्यों का संरक्षण (Preservation) तृतीय अध्याय मान-परिभाषा मान की निरुक्ति मानज्ञान का प्रयोजन मान के प्रकार पौतव मान द्रुवय मान पाय्य मान पौतव मान मागध और कालिङ्ग मान चरक, सुश्रुत और शार्ङ्गधर के मतों का आधुनिक मत से समन्वय दाशमिक पौतव मान (Metric system) आयुर्वेदीय द्रुवय मान दाशमिक द्रुवयमान (Metric system) भारतीय पाय्यमान दाशमिक पाय्यमान (Metric system) तुलनात्मक स्वरूप चतुर्थ अध्याय द्रव्यों की अशुद्धियाँ और उनका शोधन (Impurities of drugs and their purification) भौतिक (Physical) रासायनिक (Chemical) सहज (Natural) शोधन शोधन का प्रयोजन शोधन की सामान्य विधियाँ (General methods of purification) विशिष्ट द्रव्यों का शोधन पञ्चम अध्याय भैषज्यकल्पना (Pharmacy) भेषज-निर्माणशाला निर्माणशाला के उपकरण यवागू मण्ड पेया विलेपी मांसरस वेशवार वाट्यमण्ड लाजमण्ड मन्थ तक्र पानक उष्णोदक सिद्धोदक आहार-कल्पों का प्रयोजन कल्पों का प्रयोग कल्प-परिभाषा षष्ठ अध्याय भेषज-प्रयोग (Administration of drugs) प्रशस्त भेषज (Ideal drug) प्रयोज्य अंग (Part used) संयोग (Combination) और विरोध (Incompatibility) योग (Formulation) मात्रा (Dosage or posology) अनुपान भैषज्य-काल (Time of administration) भैषज्य-मार्ग (Channels of administration) उपसंहार परिशिष्ट-१ कुलानुसार प्रमुख वानस्पतिक द्रव्यों की सूची परिशिष्ट-२ आयुर्वेदोक्त प्रमुख ओषधिया
942 _2ddc
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