000 | 08887nam a22001817a 4500 | ||
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041 | _aHINDI | ||
082 | _a615.538 MIS | ||
100 | _aMishra,Siddinandan | ||
245 | _aBhaisajyaklpana Vigyan | ||
260 |
_aVaranasi _bChaukhambha Subharati Prakashan _c2022 |
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300 | _a373p. | ||
500 | _aकल्पनाएँ वैदिक वाङ्मय में भैषज्यकल्पना वैदिककालीन अन्न और आहार- आयुर्वेदिक संहिताओं में भैषज्यकल्पना-चरकसंहिता सुश्रुतसंहिता अष्टाङ्गसंग्रह अष्यङ्गहृदय चक्रदत्त विषय प्रथम अध्याय विषय-सूची भैषज्यकल्पना का इतिहास एवं क्रमिक विकास वेद और औषधियाँ पृष्ठ विषय 1-26 2 रसशास्त्रीयमान 5 रसवाग्भटोक्त मान 12 चरक, सुश्रुत एवं शार्ङ्गधर के मानों का समन्वय मागधमान की श्रेष्ठता श्री गोविन्ददास मैन के अनुसार कलिङ्गमान भारत में अंग्रेजों द्वारा नियत मान घन पदार्थ के लिए अंग्रेजी तौल 14 दाशमिक पौतवमान 18 दुवयमान 20 द्रव पदार्थ का अंग्रेजी मान 21 द्रव पदार्थ का मिट्रिक मान 23 प शार्ङ्गधरसंहिता पाय्यमान: दैर्ध्य पदार्थ का मान 24 भैषज्यरत्नावली 25 द्वितीय अध्याय भैषज्यकल्पना के आधारभूत सिद्धान्त 27-38 वर्गीकृत औषधियों लम्बाई मापने का मिट्रिक मान शुष्कार्द्र द्रव्यों के ग्रहण का नियम चतुर्थ अध्याय (क) की परिभाषा विविध कल्पनाएँ एवं उनकी लम्बाई मापने का अंग्रेजी मान सवीर्यतावधि 34 त्रिफला विविध प्राचीन कल्पनाएँ 35 त्रिकटु तृतीय अध्याय त्रिमद मान की परिभाषा 39-57 मधुरत्रय पौतवमान 40 त्रिजातक-त्रिसुगन्धी कुडवपात्र का विधान 44 चातुर्जातक मागध एवं कलिङ्गमान 44 चतुरूषण विषय 60 60 श्वेतवर्ग लघु पक्षमूल 60 दशमूल 60 विषवर्ग कण्टक पञ्चमूल 60 उपविषवर्ग बल्ली पञ्चमूल 61 तृण पञ्चमूल 61 पारदजारणार्थ विड पञ्च वल्कल 61 पञ्चक्षीरी वृक्ष 61 स्नेहवर्ग पञ्चतिक्त 62 तैलवर्ग पञ्चपल्लव 62 सर्वगन्धम् पञ्चमृत्तिका 62 भावना पञ्चामृत 62 शोधन पञ्चगव्य 62 मारण मित्रपञ्चक 63 भस्मों के वर्ण पञ्चकोल 63 भस्म की परीक्षा षडूषण 63 धन्वन्तरि भाग षडङ्गपानीय 63 रुद्रभाग अष्टवर्ग 64 ककाराष्टक 64 क्षीराष्टक (दुग्ध वर्ग) 64 मूत्राष्टक 64 दीपन क्षाराष्टक 65 पाचन क्षारपञ्चक 65 संशमन 11.1 चतुर्थ अध्याय (ख) द्रव्यों के गुण-कर्मों की परिभाषा क्षारत्रय 65 अनुलोमन लवणपञ्चक 65 लवणत्रय 66 भेदन जीवनीयंगण 66 रेचन द्रावकगण 66 वमन कृष्णवर्ग पीतवर्ग 66 देह-संशोधन रक्तवर्ग छेद लेखन (xii) विषय पृष्ठ विषय बरित दाय को गर्म करने की विधि 307 307 अभक 310 प्राग्भक अस्ति-व्यापन एवं प्रतिकार 310 अधोभक वरित-नेत्र व्यापत् 310 बस्तिपुटक व्यापत् 310 मध्येभक्त बस्तिदाता व्यापत् 311 अन्तरामक्क उत्तरवस्ति 311 समक्त उत्तरंबस्ति में द्रव की मात्रा 312 सामुद्ग स्वियों में उत्तरवस्ति विधि 313 मुहुर्मुहुः पुरुषों में मूत्राशयगत उत्तरवस्ति- सग्रास विधि 314 ग्रासान्तर बस्ति साध्य रोग 315 नैश निरूहबस्ति के अयोग्य रोगी 315 भोजन का समुचित काल अनुवासन बस्ति के अयोग्य रोगी 316 विरुद्धाहार-ज्ञान अनुवासनबस्ति के गुण 316 गुण-विरुद्ध बस्ति के गुण 317 संयोग-विरुद्ध बस्ति का उपसंहार 318 संस्कार-विरुद्ध त्रयोदश अध्याय देश-विरुद्ध पञ्चकर्म (नस्य) कल्पना 319-328 काल-विरुद्ध नस्य 319 मात्रा-विरुद्ध धूमपान 323 स्वभाव-विरुद्ध धूमपान की विधि 324 सात्म्य-विरुद्ध धूमनेत्र 324 वैरोधिक आहार के घटक या भेद धूमपान के योग्य व्यक्ति 327 देश-विरुद्ध धूमपान के अयोग्य व्यक्ति 327 काल-विरुद्ध चतुर्दश अध्याय अग्नि-विरुद्ध अनुपान-कल्पना 329-352 मात्रा-विरुद्ध अनुपान का प्रयोजन 329 सात्म्य-विरुद्ध अनुपान से लाभ 330 दोष-विरुद्ध अनुपान के गुण-कर्म 330 संस्कार-विरुद्ध उत्तम अनुपान वीर्य-विरुद्ध Alt (xxiii) विषय पृष्ठ विषय संस्कार विरुद्ध 346 सम्पद-विरुद्ध 347 वीर्य-विरुद्ध 346 विधि-विरुद्ध 347 कोष्ठ-विरुद्ध 346 विरुद्धाहार के अन्य उदाहरण 34 अवस्था-विरुद्ध 346 विरुद्ध आहार के सेवन से उत्पन्न क्रम-विरुद्ध 346 होने वाले रोग 34 परिहार-विरुद्ध 346 विरुद्धाहार से उत्पन्न रोगों का उपचार उपचार-विरुद्ध 346 रोग की दृष्टि से अनुपान 35 3 पाक-विरुद्ध 346 हितकर तथा अहितकर आहार संयोग-विरुद्ध औषध-निर्माणशाला में हृदय-विरुद्ध संग्रहणीय उपकरण परिशिष्ट ... | ||
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