000 | 06321nam a22002057a 4500 | ||
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999 |
_c20277 _d20277 |
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003 | OSt | ||
005 | 20240606112815.0 | ||
008 | 240202b xxu||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9788195265893 | ||
041 | _aHINDI | ||
082 | _a620.11 MIS | ||
100 | _aMishra,Praveen Kumar | ||
245 | _aPadartha Vigyan avm Ayurved ka Itihas | ||
260 |
_aNew Delhi _bChaukhambha _c2021 |
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300 | _a255p. | ||
500 | _aविषय सूची खण्ड-ब (प्रथम प्रश्न पत्र) प्रमाणों की संख्या विभिन्न अचार्यों के मतानुसार आयुर्वेद में चार प्रकार की परीक्षा (चतुर्विध परीक्षा) त्रिविध प्रमाणो में सभी प्रमाणो का समावेश या अन्तर्भाव परीक्षा विधि का चिकित्सा में प्रायोगिक उपयोग 2. आप्तोपदेश परीक्षा/प्रमाण आप्तोपदेश प्रमाण परीक्षा आप्तोपदेश के लक्षण शब्द के लक्षण एवं शब्द के भेद 3- 19- शब्द वृत्तियां या वाक्यार्थ बोधक वृत्तियाँ अभिद्या, लक्षणा, व्यंजना, तात्पर्या वाक्य की विशेषताएं, वाक्यार्थ ज्ञान हेतु आकांक्षा, योग्यता, सान्निधि 3. प्रत्यक्ष परीक्षा प्रत्यक्ष प्रमाण प्रत्यक्ष के लक्षण इन्द्रिय प्राप्यकारित्वम् इन्द्रियों का स्वरूप त्रयोदश करण प्रत्यक्ष-अनुपलब्धि कारण एव बाधक प्रत्यक्ष प्रमाण की क्रियात्मक, नैदानिक, चिकित्सकीय एवं अन्वेषण (अनुसन्धान के सन्दर्भ में महत्व) 4. अनुमान परीक्षा (प्रमाण) 5 1 अनुमान के लक्षण व्याप्ति का स्वरूप एवं व्याप्ति के भेद हेतु का लक्षण एवं भेद, अहेतु और हेत्वाभास का वर्णन तर्क का महत्व एवं विशेषता 5. युक्ति परीक्षा (प्रमाण) युक्ति प्रमाण के लक्षण युक्ति प्रमाण की विवेचना (विचार-विमर्श) आयुर्वेद में युक्ति प्रमाण का महत्व एवं विशेषता युक्ति प्रमाण का प्रायोगिक अध्ययन, एवं चिकित्सा और अनुसंधान में उपयोग 6. उपमान (प्रमाण) उपमान प्रमाण के लक्षण उपमान प्रमाण का चिकित्सकीय और अनुसन्धान में उपयोग 7. कार्य कारण सिद्धान्त कार्य के लक्षण कार्य और कारण का आयुर्वेद में महत्त्व कारण से कार्य की उत्पत्ति के सन्दर्भ में अनेक सिद्धान्त खण्ड-ब (द्वितीय प्रश्न पत्र) 1. इतिहास निरूपण इतिहास शब्द की व्युत्पत्ति इतिहास शब्द की निरुक्ति इतिहास शब्द की परिभाषा इतिहास के ज्ञान की आवश्यकता इतिहास का महत्व एवं उपयोग इतिहास के पर्याय इतिहास जानने के साधन और विधि ऐतिहासिक व्यक्ति-विषय-काल-घटना का आयुर्वेद पर प्रभाव 2. संहिता काल के ग्रन्थकार संहिता काल के ग्रन्थकारों का परिचय एवं योगदान आयुर्वेद की प्रमुख संहिताएं (बृहत्त्रयी और लघुत्रयी) एवं उनके व्याख्या कारः 3. संहिता काल के टीकाकार 4. संग्रह काल के लेखक 5. आधुनिक युग के लेखक 6. आयुर्वेद की सार्वभौमिकता 7. स्वतन्त्रता के पश्चात आयुर्वेद की गतिविधियों तथा शैक्षणिक विचारधारा का विकास विभिन्न कमिटियों की स्थापना एवं सुझाव आयुर्वेद के विभिन्न संस्थानों का परिचय एवं कार्यकलाप राष्ट्रीय संस्थानों का परिचय 8. आयुर्वेद की राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाएँ 9. विश्व स्वास्थ्य संगठन आयुर्वेद के सम्बंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्रिया कलाप | ||
650 | _aMaterial Science | ||
700 | _aSengar,Shelendra Singh | ||
942 |
_2ddc _cBK |