000 | 02133nam a2200133Ia 4500 | ||
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003 | OSt | ||
005 | 20240625121057.0 | ||
008 | 160930s9999 xx 000 0 und d | ||
100 | _aShastri, K. N. | ||
245 | _aUdiyaman Bhartiya Samaj me Shiksha | ||
260 |
_aNew Delhi _bArjun Publishing |
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500 | _aअनुक्रमणिका प्रस्तावना अध्याय 1. शिक्षा का अर्थ एवं महत्त्व 2. शिक्षा के रूप और कार्य 3. शिक्षा और समाज 4. प्राचीन और मध्यकाल में शिक्षा व्यवस्था 5. संस्कृति और शिक्षा 6. भारतीय चिन्तन और शिक्षा 7. प्रमुख भारतीय शिक्षाविद् 8. प्रकृतिवाद और शिक्षा 9. आदर्शवाद और शिक्षा 10. यथार्थवाद और शिक्षा 11. प्रयोजनवाद और शिक्षा 12. मानवतावाद और शिक्षा 13. आर्थिक विकास और शिक्षा 14. सामाजिक परिवर्तन और शिक्षा 15. समाज कल्याण और शिक्षा 16. धर्म-निरपेक्षता और शिक्षा 17. जनतन्त्र और शिक्षा 18. भावात्मक एकता और शिक्षा 19. व्यक्ति और शिक्षा 20. नई सामाजिक व्यवस्था 21. निरक्षरता उन्मूलन 22. वंचित वर्ग और शिक्षा 23. शैक्षिक अवसरों की समता 24. अनौपचारिक शिक्षा व्यवस्था 25. आदर्श शिक्षक 26. भारत में शिक्षा का भविष्य | ||
942 |
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