000 | 03039nam a2200133Ia 4500 | ||
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003 | OSt | ||
005 | 20250203122433.0 | ||
008 | 160930s9999 xx 000 0 und d | ||
100 | _aRadha Krishnan, Sarvapalli | ||
245 | _aSatya ki khoj | ||
260 |
_aDelhi _bRajpal & Sons |
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502 | _aविषय-प्रवेश विश्वास की कठिनाइयां अनुक्रम पहला अध्याय दूसरा अध्याय 1. धर्म और विज्ञान 2. तुलनात्मक धर्म 3. मानव व्यक्ति एवं प्रौद्योगिकी का विकास 4. तार्किक प्रत्यक्षवाद 5. धर्म एवं सामाजिक सम्बन्ध 6, धर्म और विश्व ऐक्य 7. अश्रद्धा का विकास विश्वास की आवश्यकता तीसरा अध्याय 1. धर्म के स्थानापन्न पदार्थ 2. उपमानवीय स्थिति में पतन 3. भोगवाद 4. मानवतावाद 5. राष्ट्रवाद 6. साम्यवाद 7. सर्वसत्तावाद 8. संशय एवं विश्वास यथार्थ की खोज में चौथा अध्याय 1. वैज्ञानिक दृष्टि 2. मानवीय संकट 3. धर्म सत्यानुभव के रूप में पांचवा अध्याय आध्यात्मिक जीवन और जीवित धर्म 1. हिन्दूधर्म 2. ताओवाद 3. यहूदी धर्म 4. यूनानी धर्म 5. जरथुस्त्री धर्म 6. बौद्ध धर्म 7. ईसाई धर्म 8. इस्लाम तसव्वुफ 9. आधुनिक प्रवृत्तियां धार्मिक सत्य और प्रतीकवाद छठा अध्याय 1. आत्मविद्या का सिद्धान्त 2. वह तुम हो! 3. धर्मिक प्रतीकवाद ईश्वर-सिद्धी और उसका मार्ग सातवां अध्याय 1. आत्मिक पुनर्जन्म 2. भक्तिमार्ग 3. कर्ममार्ग 4. ज्ञानमार्ग 5. सत्य एवं प्रेम 6 . पवित्रता एवं इहलौकिक जीवन 7. ईश्वरीय मानव अन्तर्धर्मीय मैत्री आठवां अध्याय 1. धर्मों में निहित व्यापक ऐक्य 2. ईसाई पुनर्मिलन उपसंहार | ||
942 |
_cBK _2ddc |
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999 |
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