000 03308nam a2200133Ia 4500
999 _c5052
_d5052
003 OSt
005 20240620123535.0
008 160930s9999 xx 000 0 und d
100 _aSharma, Nandram
245 _aSanskrit Shikshan
260 _aJaipur
_bSahitya Chandrika Prakashan
500 _aअनुक्रमणिका भाग -(अ) तृतीय भाषा शिक्षण, विधि तथा मूल्यांकन विषयक वार्ताएँ 1. भाषा सीखने का महत्त्व तथा तृतीय भाषा सीखने की आवश्यकता एवं उपयोगिता 2. तृतीय भाषा शिक्षण के उद्देश्य एवं पाठ्यक्रम 3. तृतीय भाषा शिक्षण का पाठ्यक्रम 4. तृतीय भाषा की शिक्षण योजना के आधार 5. तृतीय भाषा में वाचन एवं पठन शिक्षण 6. तृतीय भाषा शिक्षण में संग्रंथन उपागम 7. तृतीय भाषा शिक्षण में अधिगम सामग्री 8. गद्य एवं पद्म का शिक्षण 9. तृतीय भाषा में रचना रूपों का शिक्षण 10. तृतीय भाषा में व्याकरण शिक्षा शिक्षण 11. तृतीय भाषा में लिखित तथा मौखिक कार्य 12. तृतीय भाषा में यति तथा विराम चिह्नों का प्रयोग 13. तृतीय भाषा में मौखिक तथा लिखित मूल्यांक 14. संस्कृत भाषा में मूल्यांकन हेतु नील पत्र तैयार करने की विधि भाग (ब) भाषा तत्त्व तथा रचना रुपों से सम्बन्धित वार्ताएँ 1. तृतीय भाषा में प्रयुक्त ध्वनियाँ, स्वर, व्यंजन, संयुक्ताक्षर 2. नामिक शब्द संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण 3. लिंङ्ग एवं वचन के प्रयोग का अभ्यास 4.तृतीय भाषा में प्रयुक्त क्रियारूप तथा उनका तात्त्विक विवेचन 5.अव्यय, समानार्थी तथा विलोम शब्द 6. उपसर्ग और प्रत्यय 7.संधि और समास 8.शब्दों की विभक्ति तथा कारक 9.कारक एवं उनके विशिष्ट अनुप्रयोग 10.छन्द परिचय 11.वाक्य परिचय पाठयोजना विशेष अध्ययन के लिए सन्दर्भ ग्रन्थ
942 _cBK
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